Author Topic: Narendra Singh Negi: Legend Singer Of Uttarakhand - नरेन्द्र सिंह नेगी  (Read 83423 times)

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #50 on: August 06, 2008, 05:56:40 PM »
पहाड़ की नारी की  व्यस्त  दिनचर्या  (एक माँ द्वारा लोरी बच्चे को सुलाते हुए और अपने जीवन का सपना उसमे देख ते  ) 

हे मेरी आँखी यू का रतन , बाला स्ये जादी...............२
दूध -भात दियुलू  त्वे थेन , बाला स्ये जादी .............२
मेरी ओकुड़ी पोखुडी छेई तू
मेरी स्याणी छे गाणी .........२
मेरी जिकुड़ी कुखडी ह्वेलु रे स्ये जा बोलीयू माणी..२
ना हो जिदेरू ना हो बाबु जानु
बाला स्ये ....................................
तेरी गुन्द्क्याली हाथु की मुठी यू मा
मेरा सुखी दिन बुज्यान्......२
तेरी तुर -पुरी तो बलि आँखी यू मा
मेरा सुप्निया लुकियानं
मेरी आँस साँस त्वे मा ही छन
बाला स्ये ...........................२
हे पापी निंद्रा तू कख स्ये यी रेगे आज ....२
मेरी भांडी -कुंडी सूचनी रे गनी
घर -वनों काम काज ..........२
कब ते छटीयोलू क्या कन क्य ब्वन
बाला स्ये ...................................
घत सारी-सारी की पाणी लै गेनी
पंदेरो बटी पंदरी
वणु पैटी गेनी मेरी धोडिया दगडिया
लाखुडेनी घसेनी...............२
क्या करू क्या नि करू जतन
बाला स्ये ......................
घर बोडो नि हुवाई जू गेछो
झुरे की मेरी जिकुड़ी ......२
बिसरी जांदू वी खैरी -विपदा
हेरी की तेरी मुखडी ...२
समलो न वो बात वो दिन
बाला स्ये जादी .......
दूध भात दिउलू त्वे थेन ..बाला .......... 

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #51 on: August 09, 2008, 02:01:33 PM »
ठंडो रे ठंडो ...........मेरा पहाड़े की हवा ठंडी पाणी........ठंडो
हो ..हो हो ..हो हो .........
आ ...आ आ .. आ ..आ
ऐंच ऊच हियूं हिवाल    ठंडो -ठंडो
निस गंगा जी को छाल  ठंडो -ठंडो
छौया छन छाडा पंदियार   हो हो ..हो हो
छन बुगियाल ढाल दार    हो हो ..हो हो
रोला पाखा गोऊ उडीयार ठंडो
ठंडो रे ठंडो ...........मेरा पहाड़े की हवा ठंडी पाणी........ठंडो
रौसुला बुरांस कैल  ठंडो -ठंडो
बांज देवदार छैल  ठंडो -ठंडो
डंडा वार डंडा पार      हो हो ..हो हो
बाटा- घाटा खाल धार   हो हो ..हो हो
सार क्यार गोऊ गुठियार  ठंडो
ठंडो रे ठंडो ...........मेरा पहाड़े की हवा ठंडी पाणी........ठंडो
बांद बो की चाल -ढाल      ठंडो -ठंडो
स्वामी जी बिना बग्वाल     ठंडो -ठंडो
घोर -वोंड़ खबर सार      हो हो ..हो हो
चिठ्ठी का कतर माँ प्यार   हो हो ..हो हो
भोजी भेजी की जग्वाल  ठंडो
ठंडो रे ठंडो ...........मेरा पहाड़े की हवा ठंडी पाणी........ठंडो
पुष की छुयाल रात       ठंडो - ठंडो
सौजडियो की छू इ  बात   ठंडो - ठंडो
मीठू माया कु पाग         हो हो ..हो हो
जलोडिया ज्वानी की आग    हो हो ..हो हो
गुस्सा नशा  डीस राड़  ठंडो
 ठंडो रे ठंडो ...........मेरा पहाड़े की हवा ठंडी पाणी........ठंडो

हेम पन्त

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #52 on: August 09, 2008, 02:10:27 PM »
मुकेश भाई.. नेगी जी के इतने सार्थक गानों से हमें अवगत कराने के लिये आपका धन्यवाद...

+१ कर्मा भी

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #53 on: August 09, 2008, 02:31:16 PM »
धन्यबाद  पन्त जी इस सराहना के लिए
कही बाहर थे क्या ?

हेम पन्त

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #54 on: August 09, 2008, 03:46:30 PM »
नेगी जी की कलम का कमाल इन शब्दों में देखिये... हर एक शब्द दिल की गहराइयों को छूता है...

कख लगाणी छुई, कैमा लगाणी छुई,
ये पहाङ की कुमौं गढ्वाल की.....
रीता कूङों की, तीसा भाङों की,
बगदा मनख्यों की, रङदा डांडो की
कख लगाणी छुई, कैमा लगाणी छुई....

सर्ग तेरी आसा, कब आलू चौमासा
गंगा-जमुना जी का मुल्क मनखि गोरु प्यासा
क्या रूङ क्या ह्युंद, पाणी नि छ बून्द
फिर बणि छ योजना देखि तब क्या हुन्द
कख लगाणी छुई, कैमा लगाणी छुई,

बैख डुब्या दारुमां, नौना टुन्न यारुमां
कज्याणि आन्दोलन चलौणि, दफ़्तर बजारुमा
कच्चि गदिन्या-छान्युमा, पक्कि खुलि दुकान्यु मा
दारु का उद्योग खुल्या, ऊकि मैरबान्यु मा
कख लगाणी छुई, कैमा लगाणी छुई,

जंगल घैरबाङ मा, खैति-बाङि त्याङ मा
सार खार बान्दरून, सगौङी गै उज्याङ मा
कर्ज गाङि पैछु, डैरा नि पौंछि भैंसू
पोर डुब्या बाङ मा, सुखु पोङी ऐसू
कख लगाणी छुई, कैमा लगाणी छुई,

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #55 on: August 09, 2008, 04:36:50 PM »
सर इस गाने में चार  पहरे है
  चारो उत्तराखंड   चार  प्रकार दशा या दुर्दशा  को दर्शाते है
पहला वहा से पलायन को
दूसरा पानी की समस्या को
तीसरा  गाड गदेरो व् शहर बाजारों में बढ रहे शराब   उधोग  को
चोथा एक आम आदमी की जिंदगी को 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #56 on: August 09, 2008, 07:30:03 PM »

I like this song very much... Really sweet one.. Thanx JOshi ji.

ठंडो रे ठंडो ...........मेरा पहाड़े की हवा ठंडी पाणी........ठंडो
हो ..हो हो ..हो हो .........
आ ...आ आ .. आ ..आ
ऐंच ऊच हियूं हिवाल    ठंडो -ठंडो
निस गंगा जी को छाल  ठंडो -ठंडो
छौया छन छाडा पंदियार   हो हो ..हो हो
छन बुगियाल ढाल दार    हो हो ..हो हो
रोला पाखा गोऊ उडीयार ठंडो
ठंडो रे ठंडो ...........मेरा पहाड़े की हवा ठंडी पाणी........ठंडो
रौसुला बुरांस कैल  ठंडो -ठंडो
बांज देवदार छैल  ठंडो -ठंडो
डंडा वार डंडा पार      हो हो ..हो हो
बाटा- घाटा खाल धार   हो हो ..हो हो
सार क्यार गोऊ गुठियार  ठंडो
ठंडो रे ठंडो ...........मेरा पहाड़े की हवा ठंडी पाणी........ठंडो
बांद बो की चाल -ढाल      ठंडो -ठंडो
स्वामी जी बिना बग्वाल     ठंडो -ठंडो
घोर -वोंड़ खबर सार      हो हो ..हो हो
चिठ्ठी का कतर माँ प्यार   हो हो ..हो हो
भोजी भेजी की जग्वाल  ठंडो
ठंडो रे ठंडो ...........मेरा पहाड़े की हवा ठंडी पाणी........ठंडो
पुष की छुयाल रात       ठंडो - ठंडो
सौजडियो की छू इ  बात   ठंडो - ठंडो
मीठू माया कु पाग         हो हो ..हो हो
जलोडिया ज्वानी की आग    हो हो ..हो हो
गुस्सा नशा  डीस राड़  ठंडो
 ठंडो रे ठंडो ...........मेरा पहाड़े की हवा ठंडी पाणी........ठंडो

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #57 on: August 14, 2008, 12:41:57 PM »
दादू मेरी उल्यारू जिकुड़ी , दादू मै  पर्वतो को  वासी i ...झम  झमले
दादू मेरी सोंजडिया च कफु , दादू  मेरी गेल्या च हिलांसी ...झम झमले
दादू  मेरी उल्यारू.........

छायो  मी बाजी को पियारो , छायो मी माजी को लडुलो ......2
छो  मेरा गोला को हंसुलो  दादू रे भोजी को भेटुलो    ....झम झमले
दादू मेरी उल्यारू....

दादू मिल रौंस्यालू  का बीच बैठिकी  बांसुरी  बजैनी . .....2
दादू मिल चैडिकी  चुलाखुयन चल्क्दा   हियुचुला  देखिनी ...झम झमले
दादू मेरी उल्यारु........

देखि  मिल म्वार्युं  कु रुणट दादू बै कौथिगु  का खाल .....2
दादू बैल पोथुली  देखिनी लेंदी  मिल रेशमी  रुमाल ...झम झमले
दादू मेरी उल्यारू.....

दादू वो  रूडी  का कौथिग  स्युन्द  सी सैणा  मा  की कूल ......2
दादी  वो सौंजडियोकी टोल  ह्वेग्याई  तिमला  कु फूल...झम झमले
दादू मेरी उल्यारू....

दादू रे उड़मिला बुरासुं न  लुछिनी  भोरों  कु जिकुड़ी.......2
दादू रे किन्ग्वाडी  का बीच देखिनी हैन्सिदी  फियोलाडी     ...झम झामाले
दादू मेरी उल्यारू.....

झुमकी सी तुड्तुडी मंगारी  मखमली हैरी  सी अंगडी .....2
फियोलाडियो हल्क्दी धोंपेली  घुगती  सी लौन्क्दी  कुयेडी
दादू मेरी उल्यारू......

Mukesh Joshi

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #58 on: August 14, 2008, 03:03:15 PM »
बगत की मार चा घेय्ल तलवार चा .....२
खुखरी खुविंडी छन म्यान पर धार चा ..२
बगत  की ......................................
जोन लड़ी नी लड़े फोटो उन्द हार चा ..२
मुस-दुल्नो लुकिन जो तो की पो -बार चा ..२
मुस -दुल्नो रेनी जो तो की पो - बार चा ..२
बगत की मार .................................
करेला मीठा ह्वे गेनी धरती बीमार चा ..२
मुठ बोटई खुल गेनी अब समणी हार चा ..२
बगत की मार .................................
अँधेरा को अल्जुनो बिजली को तार चा ...२
रात की बात नी दिन भी अंधकार चा ..२
बगत की मार .................................
बिना पाणी के घुली गेनी तो की कनी सार चा ..२
यो को क्वे दोष नी यू की सरकार चा ...२
बगत की मार .................................
थमली ह्वे गेनी देशानु वोण मोल्यार चा ..२
ज्वानी परदेशु मा अर बूढप  घार चा ..२
बगत की मार .................................

Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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Re: Narendra Singh Negi - Legend Singer of Uttarakhand
« Reply #59 on: August 14, 2008, 03:15:11 PM »
Wah Mukesh ji wah +1 karma aapko in sundar gaano ke liye.

 

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