सुर सुरिया बथो चा, गेहू जोऊ की दाऊ चा
क्या सुर सुरिया बथो चा, गेहू जोऊ की दाऊ चा
अएसू (इस साल) अनजान भरे खलियान
खेरी खयेल अब मोज मनान
कन भलू समोऊ च गेहू जोऊ की दाऊ चा
वल्या खलियान क्या घम -घामट, ज्वान बैखु की लाठो की रोड
पल्या खलियान क्या छप-छपियाट, बेटी ब्वारी की सुपो घोंड
रंग मत ..रंग मत सरू गोऊ चा कन भलू समोऊ चा
सुर सुरिया बथो चा गेहू जोऊ की दाऊ चा
चलना मटेलु कु सर -सराट, पुडधरी कु क्या फर-फराट
नई ब्वारी की फ़िरडा-फ़िरडी, सासु जेठाणी का बैठा ठाट
असेऊ पसेउ चा -२ कन भलू समोऊ चा
सुर सुरिया बथो चा गेहू जोऊ की दाऊ चा
सल्याण बोउ की क्या कट्टिया कूटे, भाभरिया बलदु की रिंगा-रिटे
गंगा पार बोउ कु काम क्या देखण, देखणी भोजी की हिटे
बोउ कु रो न ठो उ चा कन भलू समोऊ चा
सुर सुरिया बथो चा गेहू जोऊ की दाऊ चा
कंडसी सी नार देखि ब्वनी, गीचडी की रस्ता गयेल कनी. २
ब्वारी का मुख मुस्का बंधिया ,सासु पाथ की सेर धनी .२
ककडय्या -२ सुभोऊ चा कन समोऊ चा
सुर सुरिया बथो चा गेहू जोऊ की दाऊ चा
सल्ली हाथो की बूडूट देखेणी,नलों कौणी मंदिरी बूणणी
चाय की घुटक, कल्यो का मुचियाडा, कखिम नवन उमीभड़ेणी
गोरु खुणी-२ गोरु खुणी चिलोऊ कन भलू समोऊ चा
सुर सुरिया बथो चा गेहू जोऊ की दाऊ चा
जों का झीस झस -झसाक, जिठाणी नी सोदी ठस-ठसाक .२
देवर भोजी की ठटा मजाक ,नाक दियुरणि का घच -घचाक
नया गेहू -२ नया गेहू कु तोऊ चा कन भलू समोऊ चा
सुर सुरिया बथो चा गेहू जोऊ की दाऊ चा