Author Topic: Old Is Gold - सदाबहार भूले बिसरे उत्तराखन्ङी गाने  (Read 112707 times)

Risky Pathak

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Tu Kile Ni Aayi Dhana Daak Ki Gaadi Maa...
Dhan Meri Dhanuli Dhana Daaka Ki Gaadi Maaa....
Sasu Nau Chhu Kirii..
Tweel Pee Chhi Cigrate.. Mel Peeyo Beedi... daak ki gaad ma..

Risky Pathak

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Para Ki Bheeda Ko Chhe Ghasyaari Malu We Tu Malu Ni Kata Malu Re
Malu Kaatyu Ka Paap Lagu Chhe Malu We Tu Malu Ni Kata Malu Re

Paar Ki Bheeda Me Chhu Ghsyari Malu Re Tu Malu Katan De Malu Re
Bhainsi Bye Re Chhe Thori Hai Re Chhe Malu Re Tu Malu Katan De Malu Re

Yo Bhainsi Kai Re Bhyov Ghure De
Yo Thori Kai Re Gaad Bage De Malu We Tu Malu Ni Kata Malu Re

Tu Mero Bhina Me Teri Saaai Malu Re Tu Malu Katan De Malu Re

Hisalu

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Rajesh jee, Ye to sherda ka geet hai

Mujhe ek purana geet yaad aa reha hei, Akashwani Lucknow per bachpan mein suna tha
BAKHTA TERI BALAI LIYUL,
Fir beech mein ek line thi
MUSA KA PWATH BIRAU HEI THUL, BAKHTA TERI BALAI LIYUL
aur ek line thi
JATUK JANI UTUK CHUL, BAKHTA TERI BALAI LIYUL
Kisi ko yeh geet yaad hei suna huwa,


Devbhoomi,Uttarakhand

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चुपरा छोरो,हला नि करया, मंत्री दीदा सेणा छन !
उत्तराखंड का विकास की घोषणा सुपिनु मा कना छन !!!

Risky Pathak

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Prayag Pande
कुमाऊनी लोक गीत और संगीताक रसिकों लिजी आज एक भौते पुराण प्रसिद्ध लोक गीत चै लै रयुं |आपूं आज य कृषि सम्बन्धी लोक गीतक आनन्द लीजियो ...............

ए संज्या झुकि गेछ भगवान , नीलकंठ हिवाला |
ए संज्या झुकि गेछ हो रामा, अगास रे पताला|
ए संज्या झुकि गेछ भगवाना ,नौ खंडा धरति मांझा|
नौ खंडा धरति हो रामा , तीन हो रे लोका |
के संज्या झुकि गेछ भगवाना ,के संज्या झुकि गेछ |
के संज्या झुकि गेछ रामा ,कृष्ण ज्यु की द्वारिका |
हो के संज्या झुकि गेछ हो रामा , यो रंगीली वेराटा|
के संज्या झुकि गेछ भगवाना , यो पंचवटी मांझा |
के संज्या झुकि गेछ हो रामा ,रामाज्यु की अजुध्या |
के संज्या झुकि गेछ भगवाना , कौरवुं को बंगला |
के संज्या झुकि गेछ हो रामा ,यो गेली समुन्दरा|
के संज्या झुकि गेछ भगवाना ,पंचचुली का धुरा |
के संज्या झुकि गेछ हो रामा ,हारीहरा हरिद्वारा|
के संज्या झुकि गेछ भगवाना ,सप्ता रे सिन्धु ,पंचा रे नंदा |
ए संज्या झुकि गेछ हो रामा ,सुनै की लंका धामा ||

Risky Pathak

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FB's Prayag Pande
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
चमकनी गिलास सुवा रमकनी चाहा छ |
तेरी - मेरी पिरीत को दुनिये ड़ाहा छ |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
जाई फ़ुली , चमेली फुली, देणा फुली खेत |
तेरो बाटो चानै - चानै उमर काटी मेता |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
गाडा का गडयार मारा दैत्या पिसचे ले |
मैं यो देख दुबली भ्यूं तेरा निसासे लै |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
तेरा गावा मूंगे की माला मेरा गावा जंजीरा |
तेरी - मेरी भेंट होली देबी का मंदीरा |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |
अस्यारी को रेट सुवा अस्यारी को रेट |
यो दिन यो मास आब कब होली भेंट |
यो बाटो कां जान्या होला सुरा - सुरा देवी का मंदीरा |

भावार्थ :
इस राह से किधर जा रही हो तुम ? सीधे देवी के मंदिर की ओर |
चमकते गिलास में तेज रंग की चाय रही हुई है |
तुम्हारे , मेरे प्रेम से सभी लोग ईर्ष्या करने लगे हैं |
इस राह से किधर जा रही हो तुम ? सीधे देवी के मंदिर की ओर |
जाई और चमेली के फूल खिले हैं , खेतों में सरसों फूली है |
तुम्हारी राह देखते - देखते मैंने अपनी सारी उम्र मायके में ही बिता दी है |
इस राह से किधर जा रही हो तुम ? सीधे देवी के मंदिर की ओर |
दैत्य- पिचास ने छोटी नदी की मछलियाँ मार डाली हैं |
देखा , तुम्हारे विरह में कितनी दुर्बल हो गई हूँ |
इस राह से किधर जा रही हो तुम ? सीधे देवी के मंदिर की ओर |
तुम्हारे गले में मूंगे की माला है और मेरे गले में जंजीर |
तुम्हारे और मेरी भेंट होगी देवी के मन्दिर में |
इस राह से किधर जा रही हो तुम ? सीधे देवी के मंदिर की ओर |
असेरी (स्थानीय माप का बर्तन )का घेरा |
आज के दिन , इस माह ,हम मिले , अब कब भेंट होगी ?
इस राह से किधर जा रही हो तुम ? सीधे देवी के मंदिर की ओर |

Risky Pathak

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बाटा गाड़ा धान बोया पन्यारै में प्याज.
भायर जाना भितेरी उना तेरि उन्छी याद .
रिठा दानी भुरभुरानी वि कि ले झड़छी.
सांज पडी उदास लागो सांज किले पड़छी.
गंगा ज्यु का बगड़ में घिगांरू की बाड़.
मेरो जसो माया हुनी पैं मारनी डाड़

 

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