कल शाम मेहता जी और मुझे प्रहलाद मेहरा जी से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. मूल रूप से पिथौरागढ जिले के भैंसकोट(नाचनी) के मूल निवासी प्रहलाद दा अब हल्द्वानी में रह्ते हैं. अल्पभाषी व शान्त स्वभाव के मेहरा जी उत्तराखण्ड संगीत में चल रहे बेहूदा दौर से बहुत खिन्न हैं. लेकिन वह उत्तराखण्ड संगीत के उत्थान के लिये बहुत आशावान हैं.