Author Topic: Prahlad Singh Mehra - प्रहलाद सिह मेहरा उत्तराखंड का प्रसिद्ध लोक गायक  (Read 35900 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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New Rocking  Song of Prahalad Singh
 
Sa Sara ... Mahula
Unakiya Badal  .. Paani Sa Ra Ra.

Very sweet song.... You must enjoy..

Sara Ra Malura - Prahalad Mehra & Gitika Aswal.avi

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बदलते समय पर प्रलाद सिंह महरा का यह गाना,
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हाय जमाना कस जमाना
तवे जमाना तवे जमाना देखि म्यार दिल हेगियो खट्ट

हाय जमाना कस
तवे जमाना तवे जमाना देखि म्यार दिल हेगियो खट्ट

नौ सौ रूपये कर्ज गाडी..
नौ सौ रूपये कर्ज गाडी..
च्यल ब्योवायो, ब्वारी लायो एक
भदर पन  घुमिनी रेछी, आरसी कंघी
चानी रूछी
काम करण की पट्ट

हाय जमाना कस जमाना
तवे जमाना तवे जमाना देखि म्यार दिल हेगियो खट्ट

हाय जमाना कस
तवे जमाना तवे जमाना देखि म्यार दिल हेगियो खट्ट
 
 


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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पहाड़ की चेली ले
 कभे नि खाया द्वि रुवाट सुख ले
 
 Pahad kee cheli le kabhe ni khaya dwi ruwat sukh le www.merapahadforum.com


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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पहाड़ को महिलाओं के कष्ट से भरा जीवन के लिए यह गाना समर्पित है।

पहाड़ की चेली लै
पहाड़ की ब्वारी के
कभे नि खाया द्वि रूवाटा सुख ले।
पहाड़ की चेली लै
पहाड़ की ब्वारी के
कभे नि खाया द्वि रूवाटा सुख ले। ..

राति उठी पोश गाडना  ...२
पानी ले भरी लियोना ..२
बिना कलेवा रूवाट खाया
तवील जान घास कटना ..२
१२ बाजी  घर आयी
सासू की गाली पायी।

पहाड़ की चेली लै
पहाड़ की ब्वारी के
कभे नि खाया द्वि रूवाटा सुख ले।

भान माजी के चुल लिपि ले
फिर गोरू  मुचूणा
गोरु  क दगाड
रित घर नि उणा
सुख लाकडा तोड़ी लाई
सांझ पड़ी तो घर आयी

पहाड़ की चेली लै
पहाड़ की ब्वारी के
कभे नि खाया द्वि रूवाटा सुख ले।

अषौज में धान काटना,
चैत में गियु टिपणा ..२
मंगशीर में जाण ब्वारी तवील
घासों क मागन
बारो मास बित गयी
तेरी बुति (काम) पुर नि भैई

पहाड़ की चेली लै
पहाड़ की ब्वारी के
कभे नि खाया द्वि रूवाटा सुख ले।


 

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