पति-पत्नी की सामान्य छेड़-छाड़ पर प्रकाश दा के ये गाना अद्वितीय है -
ने खानु- ने खानु कुछी, नौ रोटा खा जाछी,
नान्तिन बूढा बाड़ी, चाईयां रै जानी,
काम धन्धा का दिन आया त ह्वै जांछी बीमार,
खान खिन सब हैं पैली, ह्वै जांछी तैयार.... ने खानु- ने खानु कुछी, नौ रोटा खा जाछी,"
पति कहता है - नहीं खाती हूँ, नहीं खाती हूँ कहते-कहते तू 9 रोटी खा जाती है। घर के बच्चे और बूढ़े तुझे देखते ही रह जाते हैं।