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Song Written On Dev Boomi Uttarakhand - देवी भूमि उत्तराखंड पर लिखे गए गाने !

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Narendra Singh Negi Ji Song ON Uttarakhand, hills, breeze and cold natural water.
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नेगी जी :ठंडो  रे  ठंडो , मेरा  पहाड़  की  हौवा  ठंडी , पानी  ठंडो  -2
कोरस  : हो  हो हो  , होहो  होहो , आआआअ  होहो  होहो

नेगी जी : एच उच्च  हियु  हिमाल ,
कोरस : ठंडो  ठंडो
नीसू  गंगा  जी  कु  चाल ,
कोरस : ठंडो  ठंडो ...

नेगी जी : एच उच्च  हियु  हिमाल ,
कोरस : ठंडो  ठंडो
नीसू  गंगा  जी  कु  चाल ,
कोरस : ठंडो  ठंडो .

नेगी जी  :पैयां   छान   चान्या  पन्ध्यार ,
कोरस : हो हो

नेगी जी :छान  बुग्याल  ढाल  धार
कोरस : हो हो

नेगी जी  :पैयां   छान   चान्या  पन्ध्यार ,
कोरस : हो हो

नेगी जी :छान  बुग्याल  ढाल  धार
कोरस : हो हो
नेगी जी : रुला   पाक   बोन  उन्ध्यार,
कोरस : ठंडो ठंडो

ठंडो  रे  ठंडो , मेरा  पहाड़  की  हौवा  ठंडी , पानी  ठंडो  -2

नेगी जी : रौन्सुला  बुरांस  किला ,

कोरस : ठंडो  ठंडो .

नेगी जी :बाँझ  देवदार  चीड
कोरस : ठंडो  ठंडो .
नेगी जी :बाँझ  देवदार  चीड
कोरस : ठंडो  ठंडो .
नेगी जी : डंडा  उवार  डंडा  पार ,
कोरस : हो हो ..
नेगी जी : बाटा   घाटा   काला  धार

नेगी जी : डंडा  उवार  डंडा  पार
बाटा   घाटा   काला  धार
सार  ख्यार  गौण  गुथ्यार ,

कोरस : ठंडो ठंडो

ठंडो  रे  ठंडो , मेरा  पहाड़  की  हौवा  ठंडी , पानी  ठंडो  -2

नेगी जी : बाँध  बू  की  चाल  ढाल ,
कोरस : ठंडो ठंडो
नेगी जी : स्वामी  जी  बिना  बग्वाल ,
कोरस : ठंडो ठंडो
नेगी जी : बाँध  बू  की  चाल  ढाल ,
कोरस : ठंडो ठंडो
नेगी जी : स्वामी  जी  बिना  बग्वाल ,
कोरस : ठंडो ठंडो

नेगी जी : घोर  बोन  खबर  सार ,
कोरस : हो हो
नेगी जी : चिट्टी  का  कतरी  माँ  प्यार ,
कोरस :  हो हो

नेगी जी : घोर  बोन  खबर  सार
चिट्टी  का  कतरी  माँ  प्यार
फौजी  भेजी  तुई  जग्वाल ,
कोरस : ठंडो, ठंडो

ठंडो  रे  ठंडो , मेरा  पहाड़  की  हौवा  ठंडी , पानी  ठंडो  -2

नेगी जी :पौष  की  चुइयाल  रात ,
कोरस : ठंडो -२
नेगी जी : सौझान्हीयुं  की  चवी  बात ,
कोरस : ठंडो -२
पौष  की  चुइयाल  रातat,
कोरस : ठंडो -२
सौझान्हीयुं  की  चवी  बात,
कोरस : ठंडो -२

नेगी  जी : मिथु  माया  कु  पाग ,
कोरस : हो हो

नेगी जी : जलौन्य  जवानी  की  आग ,
कोरस : हो हो
मिथु  माया  कु  पाग
जलौन्य  जवानी  की  आग
गुस्सा  नस्सा  रीस  राद ,
कोरस : ठंडो ठंडो

ठंडो  रे  ठंडो , मेरा  पहाड़  की  हौवा  ठंडी , पानी  ठंडो  -2
कोरस  : हो  हो हो  , होहो  होहो , आआआअ  होहो  होहो [/size]

Enjoy : http://www.esnips.com/doc/ccdab2c3-89e3-4d56-965b-fe3690e9531d/33-THANDO-RE-THANDO-%7BTAPKRA%7D-NARENDER-SINGH-NEGI--ANURADHA#

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Song by Narendra Singh Negi Ji On Pahaad - Dandi Kanti Muluk.
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मेरा  डांडी  कन्थियूं  का  मुलुक  जैल्यु ,
बसंत  ऋतू  मा  जेई , बसंत  ऋतू  मा  जेई
मेरा  डांडी  कन्थियूं  का  मुलुक  जैल्यु ,
बसंत  ऋतू  मा  जेई , बसंत  ऋतू  मा  जेई

हैरा  बन  मा  बुरांस  का  फूल , जब  बनाग  लगाना  होला
बीता  पाखों  तें  फ्योलिं  का  फूल , पिंगला  रंग  मा  रंग्याना  होला
लियां  पैयां  ग्वीराल  फूलु  न , होली  धरती  सजी  देखि  आई …
बसंत  ऋतू  मा  जेई , बसंत  ऋतू  मा  जेई
मेरा  डांडी  कन्थियूं  का  मुलुक  जैल्यु ,.

रंगीला  फागुन  होल्येरून  की  टोली , डांडी   कन्थियो  रंज्ञानी  होली ,
केका  रंग  मा  रंग्युं  होलू  क्वियी , कवी  मणि -मन  मा  रंग्श्यनी  होली
किरमिची  केसरी  रंग  की  बार , प्रेम  का  रंगों  मा  भीजी  ई
बसंत  ऋतू  मा  जेई , बसंत  ऋतू  मा  जेई
मेरा  डांडी  कन्थियूं  का  मुलुक  जैल्यु ,

बिन्सिरी  देय्लिओं  मा  खिल्दा  फूल , राती  गाँव -गाँव  गितेरुं  का  गीत ,
चैता  का  बोल , औजियों  का  ढोल , मेरा  रौंतेला  मुलुके  की  रीत ,
मस्त  बिग्रैला  बैखुं  का  ठुमका , -2
बांधून  का  लासका  देखि  ऐई ,
बसंत  ऋतू  मा  जेई ...
बसंत  ऋतू  मा  जेई , बसंत  ऋतू  मा  जेई
मेरा  डांडी  कन्थियूं  का  मुलुक  जैल्यु ,

सेना  दमला  आर  चैती  बयार , घस्यरी  गीतों  न  गुन्ज्दी  डांडी
खेल्युं  मा  रंग -मत  ग्वेर  छोरा , अत्कादा  गोर  घम्दंदी  घंडी ,
उखी  फुन्दे  होलू  खत्युं  मेरु  भी  बचपन  -2
उकरी  सकली  ते  उकरी  की  लियी
बसंत  ऋतू  मा  जेई
बसंत  ऋतू  मा  जेई , बसंत  ऋतू  मा  जेई
मेरा  डांडी  कन्थियूं  का  मुलुक  जैल्यु ,

Enjoy this song : http://www.esnips.com/doc/3879cd41-6d24-4d8f-ba4d-5dcbab706bba/N-S-Negi---Mera-Dandi-Kanthiyon-Ka-Muluk.mp3

Devbhoomi,Uttarakhand:

http://www.esnips.com/doc/34bcad00-b6de-4ef2-b686-a1a5d07ad123/Jai-Badri-kedar-nath-gangotri

Jai Badri Kedarnath -2
Gangotri jai jai, Jamunotri jai jai -2

Hey baba Kedar tero
Jan ucho sthann, hooo
Taney ucho raakhi
Yeh desa ku maan

Jugg jugg batin ya
Duniya re baba
Tyaara
Darshanu ku aani cha
Dukh vipda tey maa chodi ki
Sukh ukhri li jaani cha
Hey baba, sukh ukhri li jaani cha
Hey Sambhuuuu
Jo jash de bhagwaan
Jo jash de bhagwaan
Akhand teri jyot jani Badri Vishala
Tane rakhi akhand
Yeh mulk yeh Himala

Harijanu ko bhed bhau na
Thakur baahman jaat paat
Aas aulaad aur des ka khatir
Hita bhai behno saath saath
Hita bhai behno saath saath
Hey Naarain, sabhi teri chaa santaan
Sabhi teri chan santaan
Jai Badri Kedarnath
Gangotri jai jai
Jamunotri jai jai

[youtube]http://www.youtube.com/watch?v=S5XSFLsPZMY

Devbhoomi,Uttarakhand:
नरेंद्र सिंह नेगी जी का गया हुया है, जिसके बोल यहाँ पर दिए गए है। इसमे से बहुत से लोगो, जगहों और एतिहासिक सन्दर्भ है, जिनका मुझे इल्म नही है, सिवाय वीरभद्र की पौराणिक कथा और पुरिया नैथानी जी के जो राजा प्रदीप शाह के संरक्षक, और सेनापति थे। और बाद मे अपनी सम्पूर्ण सम्पति दानकर भृत-हरी के प्रभाव मे संन्यासी हो गए थे। अगर किसी को अन्य व्यक्तियों, जगहों या फ़िर एतिहासिक संदर्भो का ज्ञान हो तो बताये।


वीरू भादू कु देस, बावन जादू कु देस,
जय जय बद्री केदार, गढ़ भूमि गढ़ नरेश
वीरू भादू कु देस, बावन जादू कु देस,
जय जय बद्री केदाआआआआअर

द्वेगढ़ भादियार गढ़, लोदन भरदार गढ़
इतिहास लिखित फले साल कई, बड़ा बड़ा सरदार गढ़
तोपगाधि का मे, चौन्दगाधि का चौन्दियाल
चांदपुर गढ़ नरेश, महाराजा कनक पल
कालू भंडारी रानू, रोअत ऐना भिदा ह्वेनी -2
मुंडू का चौरा चीनी, और लवे का चाट रिन्गेनी


वीरू भादू कु देस, बावन जादू कु देस –2,
जय जय बद्री केदार, दुसिया भूमि गढ़ नरेश
अचानक बड़े और और, इससे जादू कु देस,
मे बीच से तरीके

नागपुर गढ़ पहल्यां, बधानियुं कु गढ़ बधन
अपने भरपूर गढ़, ख़्युइलिगध का सजवान
मूल्य अद्रेका गढ़ का,गति पति रमोला ह्वेनी
कुछ जीरी खोला, गोटक जी टी की लेनी
उत्तुगाधि को दिन, धन रे पप्पू चौहान –2
शादीयों भी सिर्र नि झुकी, कण रे हुलु स्वाभिमान


कन्धालियुं कु गढ़ कान्धल, नेगी लोहब गढ़
संगेला गाड़ी का बिष्ट, अस्वालू कु मप्दर
बगदी से आज, मे शादी की
मुंगरा हिंदाव गढ़, कंदा का रोत भाधि
तीलू रोतेली बीरी, बाला तेरु के बुनू साहस -2
उमता आर खेर गढ़ का, द्युरियुं कु खाए की नाश


पीडिया ऐरस गद, गढ़ पंगद कोट गढ़
साबली न वासु गढ़, बांगड़ धुंद कोटि गढ़
उजुदु मासुर गढ़, रमी बदलपुर गढ़
जय देवी उल्खा गाधी,भैरों लंगूर गढ़
जग जग तक रालू याद, सुमाडी कुपंख्या दादा -2
जीतू बग्द्वाल, पुरिया नैथानी वीरगाथा


अजमेर गढ़ का चौहान, नयालू कु गढ़ नयाल
खिम्सरिहा दिकोमाल, मालू माँ गढ़ सुम्यल
देवल गढ़ रानी गढ़, संकरी गढ़ कोली गढ़
भुवना सीरी गुरु गढ़, बांगर दसोली गढ़
जग दे पवार गढ़, भूमि की हवाई शान –2
सीश काटी की जैन, देवतों थे द्याई दान

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

गोपाल बाबु गोस्वामी का यह गाना.

" वीर विरंगानोओ का, देवी देवताओ का, नर गन धरव, किनारों का, कलाकारों का, वैज्ञानिको का, संत महान्तो, यह देवांचल कितना महान है भारत का यह देवांचल, इसकी छटा ही निराला है,  जब प्रातःकाल सूर्य निकलता है , मन को प्रफुलित कर देता है !   
उत्तराखंड का प्रातःकालीन समय का वर्णन


हे घुर -२ उजाव हे गियों
डान कानो में सुर -२
बाजी मुरूली तुर -२
हाव चली रे फुर -२

ओह घुर -२ उजाव हे गियों

जागन भेगिये धरती कोख
देवी देवता हिमाली काठा ओह.. २
शिव का डमरू बाजो
म्यार हिमाला डम-२
घणी बाजी रे टन -२

घुर -२ उजाव हे गियों 

ओह घुर -२ उजाव हे गियों
डान कानो में सुर -२
बाजी मुरूली तुर -२
हाव चली रे फुर -२

हाथ -२ ताम गागरी
पाणी हु नेगिये सुगड़ी नारी
ये खूटियों का झावर बाट घाटी में छम -२ -
बाजी मुरूली तुर-२

ओह घुर -२ उजाव हे गियों
डान कानो में सुर -२
बाजी मुरूली तुर -२
हाव चली रे फुर -२

गेल पातळ नियोल काफुआ -२
रंग बिरागा चढ़ पथील .. ओह ओ.-२
हे घुघूती बासन भेगिये.
उड़ घिनोदी फुर -फुर
डाई बोटी में तुर -२
 
हे घुर -२ उजाव हे गियों
डान कानो में सुर -२
बाजी मुरूली तुर -२
हाव चली रे फुर -२


[youtube]http://www.youtube.com/watch?v=BXgmNdLsQ1g

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