Uttarakhand > Music of Uttarakhand - उत्तराखण्ड का लोक संगीत
Song Written On Dev Boomi Uttarakhand - देवी भूमि उत्तराखंड पर लिखे गए गाने !
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
दोस्तों,
देवी भूमि उत्तराखंड की आध्यामिकता एव सुन्दरता पर उत्तराखंड के लोक संगीत में बहुत -२ गाने बने है! इन गानों में उत्तराखंड की देवभूमि में देवी देवताओ एव प्राकर्तिक सुन्दरता काफी वर्णन किया है! उत्तराखंड के लोक संगीत के आलावा हिंदी फिल्मो में उत्तराखंड के बारे काफी जिक्र किया गया!
इस थ्रेड में हम इन्ही गानों के बारे में जानकारी देंगे !
रेगार्ड्स,
एम् एस मेहता
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
उत्तराखंड के स्वर सम्राट स्वर्गीय श्री गोपाल बाबु गोस्वामी जी का उत्तराखंड पर यह गाना, जिसमे उत्तराखंड के देवी भूमि का वर्णन किया गया है :
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ये कुर्माचल है देवांचल है.. २..
हिमआँचल गड़वाल ....
देव भूमि भारत माँ की भैया
भारत माँ का ताज रे..
ये कुर्माचल है देवांचल है.. २..
हिमआँचल गड़वाल ....
हो..... यहाँ कुर्म अवतार हुआ है
यही समुन्द्र माथा गया है
यहाँ शक्ति ने जनम लिया है
शंकर का तप धाम है ..
ये कुर्माचल है देवांचल है.. २..
हिमआँचल गड़वाल ....
देव भूमि भारत माँ की भैया
भारत माँ का ताज रे..
वो.. वो... रावण, भाषामसुर, वाणासुर यहाँ तप करने आये थे
लाखो संत महंत, पंडित मन इच्छा फल पाए थे
ये कुर्माचल है देवांचल है.. २..
हिमआँचल गड़वाल ....
देव भूमि भारत माँ की भैया
भारत माँ का ताज रे..
वो.....ह ..२ इसी भूमि से भागीरथ जी.. गंगा मैया लाये थी
राम तीरथ, गुरु शंकरचार्य सिध्धि जियोती पाए थे
ये कुर्माचल है देवांचल है.. २..
हिमआँचल गड़वाल ....
देव भूमि भारत माँ की भैया
भारत माँ का ताज रे..
वोह..... ..ह... अंतकाल में पांचो पांडव इसी भूमि में आये थे
इसी भूमि पांडव सारे स्वर्ग भूमि को धाये थे !
यज्ञ विध्वंश किया यहाँ शिव ने.....
गौरा ने तन को त्यागा था ..
तप करके यहाँ उषा कुवरी ने अनिरुद्ध को पाया था
हो... हो.. चन्द्र वंश और सूर्य वश ने इसी भूमि में राज किया
चन्द्र वंश में नंदा माँ ने अवतार लिया !
वीरो की ये भारत माती शकल संपदा खान रे..
कुमार्न्चल है देवांचल है हिमांचल गडवाल रे..
हो..... यहाँ कुर्म अवतार हुआ है
समुन्द्र माथा गया है
यही शक्ति लिया है जनम लिया है
शंकर का तप धाम रहा ...
You can Listen this Song here : http://www.esnips.com/doc/38feb6e0-b4be-4168-b11d-35fa253d6b8e/_dev-bhoomi-bharat-ki
Copyright merapahad
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
गोपाल बाबु गोस्वामी जी का यह गाना को लोगो पहाड़ मे आने और यहाँ की सुन्दरता देखने के लिए आह्वान करता है !
पीजाओ म्यार पहाड़ को ठंडो पानी
ठंडो पानी ..
वो पीजाओ -२ मेरो पहाड़ को ठंडो पानी
ठंडो पानी .. ठंडो पानी ...
ठंडो पानी .. ठंडो पानी नी.............
खै जाओ जंगल हवा
घाम की यो काली मुखडी है जाली गुलाबी
देखो रे देखो फूल बुरशी फूली रैछो
ठंडो पानी.. ठंडो पानी.
रसीला काफल खाओ, रसीली किरमोदी
सेब आनार और मेहल दाडिम और खुमानी
देखो बहिना मठ मंदिर चम चम चमकनी
ठंडो पानी ... ठंडो पानी..
रंगीलो मुलुक देखो कुमाओं गडवाल . .२
देवो की जनम भूमि, पेगो की हिमाल ..
आओ रे आओ मेरा पहाड़ धात लगूनी..
ठंडो पानी.. ठंडो पानी. Listen this song. :
http://www.esnips.com/doc/986bd7bd-1aeb-4f8b-868c-95f297bd65dc/Pee-Pee-Jawo-Mero-Pahad-ko-Thando-Pani
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
छबीलो गढ्देश मेरो, रंगीलो कुमाऊं by गोपाल बाबू गोस्वामी
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One of the Best Song of Gopal Babu Goswami JI
हिमाला को.........
हिमाला को....
हिमाला को उंचा डांडा, प्यारो मेरो गांव,
छबीलो गढ्देश मेरो, रंगीलो कुमाऊं ।
छबीलो गढ्देश मेरो, रंगीलो कुमाऊं॥ हिमाला को.....हिमाला को..
यो भुमि जनम मेरा, माधोसिंह मलेखा
यो भुमि जनम मेरा, माधोसिंह मलेखा,
गबर सिंह, चन्दर सिंह, आजादि का पैदा.
मिटायो जुलम तैको, दिखायो उजायो
मिटायो जुलम तैको, दिखायो उजायो..
छबीलो गढ्देश मेरो, रंगीलो कुमाऊं॥
छबीलो गढ्देश मेरो, रंगीलो कुमाऊं॥ हिमाला को.....हिमाला को..
गोरिया अवतारि देवा, द्वि भाइ रमौला
हिट्ज्यु भुमिया देवा, भोलू गंगनाथा
जनमि अवतारि नंदादेबि रे कल्याणू
छबीलो गढ्देश मेरो, रंगीलो कुमाऊं॥
छबीलो गढ्देश मेरो, रंगीलो कुमाऊं॥ हिमाला को.....हिमाला को
[youtube]7fEX4VXWQOw
एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
NARENDRA SINGH NEGI BEST SONG ON GARWAL REGION OF UTTARAKHAND
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धरती हमरा गढ़वाल की , कथ्गारो ते लिस्वानी च , हो – 2
हो.. हो...
कथ्गारो ते लिस्वानी हो - 2
पंच बद्री , पंच केदार , पंच प्रयाग इखी छन्
पंच प्रयाग इखी छन्
पंच पांडव ऐनी इखी , भाग हमरा धन धनं
भाग हमरा धन धनं
पंच बद्री , पंच केदार , पंच प्रयाग इखी छान
पंच प्रयाग इखी छान
पंच पांडव ऐनी इखी , भाग हमरा धन धनं
भाग हमरा धन धनं
मुंड छिन्न इक कास छिन्न , माथि ईख महान छीन
माथि ईख महान छिन्न
पाल सहस्त्र घटी , फूलो की आस्मां छिन्न
हो ..........हो...
गंगा जमुना , इखी बातिन सभु की
भूख तीस बुझानी चा , हो
कथ्गारो ते लिस्वानी च
धरती हमरा गढ़वाल की ....
डांडी कांठियों का देखा , लैंजा लाग्यां
लैंजा लाग्यां
देव्त्यों की धरती मा , मनखी बस्यान
मनखी बस्यान
डांडी कांठियों का देखा , लैंजा लाग्यां
लैंजा लाग्यां
देव्त्यों की धरती मा , मनखी बस्यान
मनखी बस्यान
देवदार बुरांश बांझी , कुलीन पैंयाँ डाली
देब्त्यों रोपी , मनख्यूं पाली
हो...
भेद भो देब्त्यान मनखी को
दौन्र्र -थाली मितानी चा
कथ्गारो ते लिस्वानी च
धरती हमरा गढ़वाल की ....
पति व्रता नार ईख , बाँध किसान छीन
बाँध किसान छीन
तीलू रौतेली ईख , रामी बौरानी छीन
रामी बौरानी छीन
पति व्रता नार ईख , बाँध किसान छीन
बाँध किसान छीन
तीलू रौतेली ईख , रामी बौरानी छीन
रामी बौरानी छीन
भाधू का पवाडा सोना , बीरू का देखा गढ़
बीरू का देखा गढ़
नरसिंह न गिरिजा नाचा , पांडव का देखा रण
हो................
तुम ते लकुध , दमाऊ , ढोलकी
ढाई लगे की , बच्यानी च
कथ्गारो ते लिस्वानी च
धरती हमरा गढ़वाल की, कथ्गारो ते लिस्वानी च
[youtube]rMjWkqz5TRc
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