Author Topic: Songs On Personalities/Movements - विभिन्न आन्दोलनों/व्यक्ति विशेष पर लिखे गीत  (Read 20644 times)

naveensaklani

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तुम भी सुणा मिन सुणी याली,गढ़वाल ना कुमै जाली-२
उत्तराखंडे राजधाणी बल देहरादूण मा राली..
शिक्षित आयोग्य न बोल्याली..
हाँ बल शिक्षित आयोग्य न बोल्याली..
उन बोलणु थो बोल्याली,हमुन सुण छो सुण्याली-२
या भी लड़े लगीं राली..इ इ इ इ इ..
या भी लड़े लगीं राली-हाँ जी लड़े हमरी लगी राली..
राज्य से प्यैली राजधाणी गै छे पर सरकार नी मानी
गै छे पर सरकार नी मानी-२
गढ़वाल व कुमो का बीछ जानता न गैरसेण ठानी..
जानता न गैरसेण ठानी-२
ठाने याली त ठानियाली इ इ इ इ इ
या भी लड़े लगीं राली इ इ इ इ -हाँ जी लड़े हमरी लगी राली..
नोऊ बर्षो मा से की जगी,धन हों पंडाजी पैर लागी
धन हों पंडाजी पै लागी-२
पैसठ लाख रूप्या खर्ची देहरादुण अब खोज साकी
देहरादुण अब खोज साकी-२
जानता का पैसा की छरौली
या भी लड़े लगीं राली इ इ इ-हाँ जी लड़े हमरी लगी राली..
गैरसेण बल गूंच्ल की डर,राज काज बल कन के हुण
सुख सुबिधा कुछ भी नी छन उख हमारू छन्द त देहरादूण
अफसर नेताओन सोच्याली इ इ इ
या भी लड़े लगीं राली इ इ इ-हाँ जी लड़े हमरी लगी राली..
अल्कनंदा और पिंडर नदी नित बगणि नी काणिनी
नित बगणि नी काणिनी-२
शिक्षित आयोग्य जी बोलणा छन,गैरसेण बल पाणी नी
गैरसेण बल पाणी नी-२
यख जल सम्प्रदा भैर जाली
या भी लड़े लगीं राली इ इ इ-हाँ जी लड़े हमरी लगी राली..
कांग्रेस भाजापा नी रैन नी कभी गैरसेण का हक़ मा-२
सडकु मा भी सत्ता मा,ऊकेडी जख वक् मा
ऊकेडी जख वक् मा-२
सरकार कब तब बौगा साराली
या भी लड़े लगीं राली
या भी लड़े लगीं राली इ इ इ-हाँ जी लड़े हमरी लगी राली..
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par bhai logo ek संकोच है यें " शिक्षित आयोग्य " है या " दीक्छित साहब "

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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You can enjoy video of this Song. where Negi JI is singing this Song in Pahar Programme.

Gairsain-Rajdhani-Song-by-Narendra-Singh-Negi-At-Almora.wmv


Narendra Singh Negi ji Songs on Capital Issue. A few lines,
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तुम भि सूणा मिन सुण्यांळि
गढवाल ना कुमौ जालि

उत्तराखंडै राजधानि बल देहरादूणि मा रालि
दिक्षित साबन बोल्यालि

उन बोलण छौ बोल्यालि, हमन सुण्न छौ सुण्यालि
लड़ै हमरि लगीं राली।

राज्य से पैलि राजधानि तय छै पर आयोग नि मानी
गढ़वाल कुमौ का बीच गैरसैंण जनतान ठानि

ठाण्यालि त ठाण्यालि, दीक्षित साबन बोल्यालि।
नौ वर्ष देख्यालि दीक्षित जी पैल्यालि

पैसा त लाख खर्चकरि देहरादूणि खोज साकि
जतघा खाण छौ खयालि दीक्षित साबन बोल्यालि


धनेश कोठारी

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sabhi ka dhyan chahunga ki es geet ko negi ji dwara sirf gaya hi gya hai. ese likha KAVI VIRENDRA PANWAR NE.
SO es geet ko sirf negi ji ka nahi darsaya jana chahiye.

Rajdhani Dehradoon Par Narendra Singh Negi JI yah Gaana.

(Album : Aajadi Bhagani )
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सभी धाणी देहरादून
होणी खाणी देहरादून
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण
सभी ............................

सेरा गोऊ म बंजेणा-२
सेरा गोऊ म बंजेणा
बिस्वा लाणी देहरादून
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण
सभी ............................

खाल - धार टरकणी -2
खाल - धार टरकणी
खाणी- पीणी देहरादून
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण
सभी ............................

प्रजा पिते धार - खाल -2
प्रजा पिते धार - खाल
राजा-राणी देहरादून
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण
सभी ............................

भै - बन्ध अपणे छीन -२
भै - बन्ध अपणे छीन
हुवे बिराणी देहरादून
सभी ...................
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण

छांछ छ्वाले पहाड़ मा-2
छांछ छ्वाले पहाड़ मा
घीयु की माणी देहरादून
सभी ..........................
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण

टेहरी चमोली पौडी नाघी -२
टेहरी चमोली पौडी नाघी
बैरी खाणी देहरादून
सभी ..........................
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण

सबुन बोली गैरी सैण -२
सबुन बोली गैरी सैण
ऊन सुणी देहरादून सभी ..........................
छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ
मारा ताणी देहरादूण

जल्डा सुखण पहाड़ उ मा -2
जल्डा सुखण पहाड़ उ मा
टुकु टहनी देहरादून
सभी ..........................

छोड़ा पहाड़ीयु घोर -गोऊ -2
मारा ताणी देहरादूण
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http://ishare.rediff.com/music/garhwali-folk/sabbi-dhani-dehradun/10049021


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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The under-mentioned song of Narendra Singh Negi tells the actual story of  Dams are being constructed in Uttarkahand.

Singer Narendra Singh Negi

Ablum :  Maya ko Mudaro

देवभूमि को नौं बदलि, बिजली भूमि कर्याली जी
उत्तराखण्ड कि धरती यून डामुन डाम्यालि जी
डामुन डाम्यालि जी, सुरंगुन खैण्यालि जी
उत्तराखण्ड कि धरती यून डामुन डाम्यालि जी.....

नदि-नयाल, खाल, धार, हवा-पानि बेच्यालि जी
जल जंगल जमीनु का पुश्तैनी हक छिन्यालि जी...
उत्तराखण्ड कि धरती यून डामुन डाम्यालि जी.....

व्योपारि ह्वै गैनि नेता सरकार सौकार जी
कर्ज कि झीलों मां यूं न जनता डुबा ह्यालि जी
उत्तराखण्ड कि धरती यून डामुन डाम्यालि जी.....

गंगा, जमुना गोमति कोसी जीवन देण वालि जी
बिजली का तारो मां हमरो जीवन टांगि हालि जी
उत्तराखण्ड कि धरती यून डामुन डाम्यालि जी.....

हमारा घर, कुङि-पुंगङि, बणों मां बिजलि घर बणालि जी
जनता बेघरबार होलि सरकार रुपया कमालि जी
उत्तराखण्ड कि धरती यून डामुन डाम्यालि जी....

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Official group of Narendra singh Negi (Facebook) नरेन्द्र सिंह नेगी की कैसेट उठा जागा उत्तराखण्ड्यूं से लिया गया यह गाना ऐसे समय पर गाया गया जब पूरा उत्तराखण्ड पृथक राज्य प्राप्ति की मांग को लेकर उद्वेलित था। पृथक उत्तराखण्ड राज्य की मांग को लेकर आजादी से पहले से ही उत्तर प्रदेश के गढवाल-कुमाऊं के पहाड़ी इलाके के लोग एकजुट होकर प्रयास करने लगे थे। लेकिन 1994 में उत्तर...ाखण्ड क्रान्ति दल व छात्र संगठनों द्वारा शुरु किया गया पृथक उत्तराखंड राज्य के लिये आन्दोलन इस दिशा Bhula, Kakh jaan Chha tum Log
Uttarakhand Aandolan maa

Narendra singh negi Kakh jana Bheji Uttarakhand Andolan ma

See MoreNarendra singh negi  Kakh jana Bheji Uttarakhand Andolan mawww.youtube.comनरेन्द्र सिंह नेगी की कैसेट उठा जागा उत्तराखण्ड्यूं से लिया गया यह गाना ऐसे समय पर गाया गया जब पूरा उत्तराखण्ड पृथक राज्य प्राप्ति की मांग को लेकर उद्वेलित था। पृथक उत्तराखण्ड राज्य की मांग को लेकर आजादी से पहले से ही उत्तर प्रदेश के गढवाल-कुमाऊं के पहाड़ी इलाके के लोग एकजुट होकर प्रयास करने लगे थे।

(by Rajneesh Agnihotri)

Devbhoomi,Uttarakhand

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कैसो च भंडारी तेरा मलेथ ?

देखी भलौ ऎन सैवो मेरा मलेथ

लकदी गूल मेरा मलेथ

गाँऊँ मूड़ को घर मेरा मलेथ

पालंगा की बाड़ी मेरा मलेथ

लासणा की क्यारी मेरा मलेथ

गाइयों की गोठ्यार मेरा मलेथ

भैंसी को खुरीक मेरा मलेथ

बांदू का लड़क मेरा मलेथ

बैखू का ढसक मेरा मलेथ


भावार्थ


--'ओ भंडारी राजपूत, कैसा है तेरा 'मलेथ' गाँव?

देखने में भला लगता है, साहबो, मेरा मलेथ ।

ढलकती नहीं है वहाँ, मेरा मलेथ ।

गाँव की निचान में घर है मेरा, मेरा मलेथ ।

पालक की बाड़ी है, मेरा मलेथ ।

लहसुन की क्यारी है, मेरा मलेथ ।

गौओं की गोठ है, मेरा मलेथ ।

भैंसों की भीड़ है, मेरा मलेथ ।

कुमारियों की टोली है, मेरा मलेथ ।

वीरों का धक्कम-धक्का है, मेरा मलेथ ।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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स्वर्गीय इंदरमणि बडोनी जी के गाँव अखोडी  के ऊपर ये प्यारा सा गीत
 मेरी सिय रोतेली कनि प्यारी अखोडी !!
नि सयेंदी खुद जब अंखियों म ओन्दा आंसू बोडी !!
जख छन सी नोऊ खम्बिया तिबारी,और सी बल्दू की जोड़ी !
जख छन बरोमास लेन्दि भेंसी और लेन्दि  गोडी !!

कनि रोतियाली छ सिय ताल की धार !
जख डंडियों बिटिन ओंदी सुर सुरिया भार !!
स्वाणु लगदु थोऊ कुल्दै म कु मौयार !
बुगियला म पस्रिक मन नि करदू जान का घर !!

परदेश वाला जब ओन्दा ढुमका बाज़ार !
चौ तरफी मौलीयार देखि मन म येज्नादु उलार !!
धन- २ भाग इन्द्रमणि जी तुमुक !
अखोडी म जन्म लीनी उत्तराखंड छोड़ी चली गईं हमुक !!

प्रेना छन इन्द्रमणि जी जन सूरज सी सबूक !
भगियान ओये गईं सी बिचारा . विकास करिगैन चौमुक !!
वे वीर पुरुष का जान सी अखोडी म पड़ेगी रुमक !
सत् -२ परणाम ये वीर पुरुष  तुमुक !!

जेठ दुपेर म होन्दु अखोडी म क्रिकेट कु खेल !
गेंहू - जो की दै म बेटी - ब्वारियो कु हुलेटू कु मेल !!
महादेव का खम्ब म लियोन म अखोडी सदनी रही अगाडी !
ताल और जंगल काटन म बेटी-ब्वारी नि रन्धि पिछ्वाडी !!

बोलिया म लेगी झंडा व्हेगी सुरु रामलीला !
रनभुत भी होए गें सुरु होंदी पांडव  लीला !!
य्गास -बग्वाल म बेटी-ब्वारी लागोदीन झुमेला !
जू  तोंका खुदेडू  गीत सुन्द्दु तोंका असू ये जाला !!

 चौ तरफी जख देवतों कु वासः छ अखोडी जख !
नर्सिंग, नगेला, नागराजा, घंडियाल देवता छन जख !!
सजी रन्धि ग्यहरा गाँव की डोली !

सोलह जातियों का पढिया लिखियाँ लीग जख !
हर जगह बिभागो म बतियाँ जख !!
कुटुम्ब्दारी याखुली अखोडी छोड़ी जोंकी !
परदेश म नौकरी कनि मज़बूरी छ तोंकि !!

अखोडी सी जनि स्वर्ग सी जगह नीं कखी !
मेरी सिय रोतेली कनि प्यारी अखोडी !!
शिल्गा,नौली.ग्वाड,दम्दरा का धारु कु सु ठण्डु पानी !
जब यु धारु की याद ओंदी परदेश म ता जुकडी झूरादी !!

गुयिर छोरा जब घंडियाल बिटिन बंसुली बजाला !
जवानी म रोन्श चढली,तभ प्रेम म गला भेटेलु !१
बणु  का बेर जब कन्दुलियो म सुनेड़ा!
दुदेरा छोरा भी घर म ग्वायिया लगोंडा !!

बुदेन्दि बगत बे-बाबु अखोडी छोड़ीया छन !
आश - उम्मीद सी छोरो की दीन कटना छन !!
मेरी सिय रोतेली कनि प्यारी अखोडी !!
नि सयेंदी खुद जब अंखियों म ओन्दा आंसू बोडी !!

 
 Chef Rawat <shivanirawat212@gmail.com>
 Shiv S. Rawat
 
 Mobile:- +919999598353

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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उत्तराखंड के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी.. मदन मोहन उपाध्याय पर बना यह झोडा! सिर्फ दो लाइन !

मदन मोहना तेरी जै जै कारी हो
भारत सरकार तेरी जै जै कारी हो !

यह झोडा तब का बना हुवा है जब आजादी की लडाई चरम पर thee ! द्वाराहाट के रहने वाले महँ मोहन उपाध्याय यह झोडा लोगो ने बनाया था!

 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Very few people of India trusted on Mahatma Gandhi Jee that we Indian can get freedom by non violent methods. Atma Ram Gairola was futuristic poet who showed full faith on Gandhi Jee in his verse created in 1919 and published in ‘Garhwali’, magazine, Dehradun:

Saccha hitaisyon ar desh-bhakto, Gandhi mahatmau ar malvyaun
Swadesh seva shuchi yagya, apno kari jeewan dan deva I

Sada Nand Kukreti of Gweel Jaspur, the first modern Gadhwali story writer, the editor of Vishal Keerti Lainsdown, founder of Rashtriya Madhyamik Vidyalaya Silogi (Malla Dhangu) provide slogan for freedom fight in Gadhwali as:

Sewa swadeshi ki chha dharma bhai, wo hi sapoot ju batao gai
Dei ina sapoot tu mai, jai jai swadeshi jai jai swadeshi I

Gadhwali Folk Songs for Freedom Fight:

Our folk song creators were not behind in creating songs for freedom fight:

Mai mardhu ka chelaun, jai jai Gandhi ki bolo,
Looti latik lhi gyai syau videshi bhandelo I

Another Gadhwali folk song of freedom fight is:

Matma Gandhi bado bhagi chha, des seva ko anuragi chha
Chai paisa roj wo khando chha, bakharo doodh wo peendu chha I

No body can forget the works, dedication, sacrifice of late Shri Ansuya Prasad Bahuguna. There is a folk song for promoting Congress movement:

Bharti hoi jano sach pyai congress ma
Ansuya parsad hwala neta Gadhwal ma I

We may now, guess that there was enthusiasm among Gadhwalis for taking part in freedom fight movement. The folk song is witness that people of Gadhwal were emotionally connected with this sacred movement:

Chala Gandhi dekhi aula Gandhi ki paltan da
Paki jail kheer da, Paki jail kheer da
Agnai Gandhi subedar pichhnai Jawahar da
Chilmi ko peech da, chilmi ko peech, da
Paile tirango jhanda uthe London beech, da
Buni jail bori , da, Buni jail bori , da
Jaun tiranga jhanda loothi, angarenjo ko mori, da

There are many Gadhwali poets who contributed by their creativities in freedom movement. Late Shri Bhagwati Prasad Nirmohi, Dev Prayag, one of the poets who is remembered as great freedom fighter for freedom movement and his patriotic poetry too:

You may find the details of songs of freedom movement in Gadhwali literature and this require more researches too
(Source http://e-magazineofuttarakhand.blogspot.com)

s

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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ON on Madho Singh Maletha
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कैसो च भंडारी तेरा मलेथ? / गढ़वाली
रचनाकार: अज्ञात       

कैसो च भंडारी तेरा मलेथ ?
देखी भलौ ऎन सैवो मेरा मलेथ

लकदी गूल मेरा मलेथ

गाँऊँ मूड़ को घर मेरा मलेथ
पालंगा की बाड़ी मेरा मलेथ

लासणा की क्यारी मेरा मलेथ
गाइयों की गोठ्यार मेरा मलेथ
भैंसी को खुरीक मेरा मलेथ
बांदू का लड़क मेरा मलेथ

बैखू का ढसक मेरा मलेथ
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भावार्थ

--'ओ भंडारी राजपूत, कैसा है तेरा 'मलेथ' गाँव?
देखने में भला लगता है, साहबो, मेरा मलेथ ।
ढलकती नहीं है वहाँ, मेरा मलेथ ।

गाँव की निचान में घर है मेरा, मेरा मलेथ ।
पालक की बाड़ी है, मेरा मलेथ ।

लहसुन की क्यारी है, मेरा मलेथ ।
गौओं की गोठ है, मेरा मलेथ ।

भैंसों की भीड़ है, मेरा मलेथ ।
कुमारियों की टोली है, मेरा मलेथ ।

वीरों का धक्कम-धक्का है, मेरा मलेथ

 

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