Author Topic: Songs On Seasons & Festivals - उत्तराखंड के त्योहारों व ऋतुओं पर रचित गीत  (Read 24207 times)

हेम पन्त

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Haan Ye Gopal Mathpal ji wahi hain..Jo kalyugi aulad mein shayar/lekhak bane hain..

Maine abhi Rajendra Bisht ji dwara nirdeshit Kalyugi Aulaad VCD dekhi thi usmain Gopal Mathpal naam ke 1 kalaakaar the jinhone Bedu Paako VCD main bhi abhinay kiya hai. Main jaanana chah raha tha ki wahi gaayak bhi to nahi hain?

श्री गोपाल मठपाल जी बहुत अच्छे गायक है इनकी भी कई कैसिटे बाजार मे आई / अभी १३ जनवरी -०८ को उत्तरैनी कौतिक संत नगर बुराडी मे  आए थे /

khim

Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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Dhanyavaad Hem bhai is jaankaari ke liye.

Haan Ye Gopal Mathpal ji wahi hain..Jo kalyugi aulad mein shayar/lekhak bane hain..

Maine abhi Rajendra Bisht ji dwara nirdeshit Kalyugi Aulaad VCD dekhi thi usmain Gopal Mathpal naam ke 1 kalaakaar the jinhone Bedu Paako VCD main bhi abhinay kiya hai. Main jaanana chah raha tha ki wahi gaayak bhi to nahi hain?

श्री गोपाल मठपाल जी बहुत अच्छे गायक है इनकी भी कई कैसिटे बाजार मे आई / अभी १३ जनवरी -०८ को उत्तरैनी कौतिक संत नगर बुराडी मे  आए थे /

khim

हेम पन्त

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नेगी जी का यह गाना मुझे बहुत प्रिय है...

मेरा डाण्यूं काठ्यूं का मुलुक जैल्यू,,
बसन्त रितु मां जैई...



Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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Are aur bhi to likho khaali mukhda kyun likha poora karo :)

नेगी जी का यह गाना मुझे बहुत प्रिय है...

मेरा डाण्यूं काठ्यूं का मुलुक जैल्यू,,
बसन्त रितु मां जैई...




खीमसिंह रावत

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उत्तरैनी क रंग रंगील एगो त्योहार,
मैता निजा मेरी सुवा हितली बजारा //
आई देखो कैसी बसंती सुहानी
खिली सरसों रे खेतो में पिली
रंग बिरंगा फूल खिला कैसी बहारा
मैता निजा मेरी सुवा हितली बजारा //

khim

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बरसात पर नेगी जी का यह गाना

सौना का मैना तवे अखियों को रिवेना
कुवेडी लौकाली, अँधेरी राता बरखा की झामनाता

Mukesh Joshi

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नेगी जी का दिवाली पर ये गीत इस दिन को (बग्वाल ) भी कहते है
फ़िल्म - औसि की रात ( अमावस की रात )

आज बग्वाल -बग्वाली की बार -२
हर्ष को दिन खुसी को त्यौहार
बग्वाल की बार
खोली गणेश ,मोरी का नरेण म फूलो का हार
बग्वाल की बार
आज बग्वाल -बग्वाली की बार -२

अभी इतना ही याद है सुनने के बाद पुरा करूँगा
बग्वाल के दिन गढ़वाल मे भैला खेलने का रिवाज है
भैला = छिल ( छिलू )चीड के पेड़ प्राप्त लकड़ी एक तरह से पेट्रोलिम पदार्थ छिल का गठ्ड बना कर बाबुल ( एक तरह की घास ) की रस्सी बना का उस गठ्ड को बीच मे बाँध कर छिलू ओ को जागते है और रस्सी के दुसरे हिसे को पकड़ कर घुमाते है इसे भैला खेलना कहते है
उपरोक्त गीत की कुछ लास्ट लाइन
भैला- भैला ,खेला खिलवाड़ बग्वाली का भैला
भैला -भैला अन्न दे धनं उजियाला दे मन
भैला -भैला घी दही दूध दे कुल सपूत ,
भैला -भैला गायों का गोठ दे भेसियु का खरक
भैला -भैला हरिऊ दे तरियु दे भंडार दे भरी
भैला- भैला ,खेला खिलवाड़ बग्वाली का भैला

हेम पन्त

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वर्षा ‌ऋतु की सुन्दरता का वर्णन करता नरेन्द्र नेगी जी का गाना....

रुमझुमा रुमझुमा रुमझुमा रुमझुमा
रूम झूमा रूम झूमा रूम झूमा
रुमझुमा रुमझुमा रुमझुमा रुमझुमा
रूम झूमा रूम झूमा रूम झूमा
बरखा झुकी ऐगे डांडीयूँ कुयेडी छैगे रूम झुमा रूम झुमा
बिजली चम्कैगे हाय मन मेरु घबरैगे रूम झुमा रूम झुमा
बरखा झुकी ऐगे डांडीयूँ कुयेडी छैगे रूम झुमा रूम झुमा-२
रूम झुमा रूम झुमा हए रूम झुमा रूम झुमा

तन भिजिगे मन भिजिगे हए गोरु बदन भिजिगे-२
ज्वानी की झकझोर मा छोरी, ज्वानी की झकझोर मा छोरी
फ्योली जसी तू खिलिगे
कालू बदल छैगे, सरू अंधेरु ह्वेगे
कालू बदल छैगे हए सरू अंधेरु ह्वेगे
रूमझुमा रूमझुमा-२
रूम झुमा रूम झुमा हए रूम झुमा रूम झुमा

मेरा दिल कु चैन चलिगे आंख्युं की नींद उडिगे-२
तेरी मेरी माया की डौंडी, तेरी मेरी माया की डौंडी
सैरा गोंउ मा पिटिगे
कनी आफत ऐगे, बदनामी ह्वेगे
कनी आफत ऐगे हए बदनामी ह्वेगे हए रुमझुमा रुमझुमा
रूम झुमा रूम झुमा हए रूम झुमा रूम झुमा

सुध बुध हर्चिगे मेरी मीठी मीठी छुयुं मा तेरी-२
सुप्न्यों मा एकी तुभी सुप्न्यों मा एकी तूभी त निंद उड़ानदी मेरी
मन मगन ह्वेगे, तन अगन लैगे
मन मगन ह्वेगे हए तन अगन लैगे हए रुमझुमा रुमझुमा
रूम झुमा रूम झुमा हए रूम झुमा रूम झुमा
हए बरखा झुकी ऐगे डांडीयूँ कुयेडी छैगे रूम झुमा रूम झुमा
हए रूम झूमा रूम झूमा हए रूम झूमा रूम झूमा
हए रूम झूमा रूम झूमा हए रूम झूमा रूम झूमा

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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होली पे नेगी जी का एक बहुत ही मधुर प्यारा सा गाना है. जो आपकी होली हो और भी रंगीन कर देगा

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चली बसंती बयार, आई फूलों मा फुलार-२
भोंरा ली गेनी, भोंरा ली गेनी ली गेनी भोंरा हो..
भोंरा ली गेनी फुलूं कु रश चोरी कि
रंग रंगीली, रंग रंगीली बहार ऐगे होरी कि रंग रंगीली
होरी है

रंग रंगीली बहार ऐगे होरी कि रंग रंगीली हो रंग रंगीली(च..)

फागुन चैत कु त्यौहार, आन्दु रैंया बार बार-२
गैल्या संग खेला रंग, खेला रंग खेला हो
गैल्या संग खेला रंग ज्यू भोरी कि
रंग रंगीली,
रंग रंगीली बहार ऐगे होरी कि रंग रंगीली
होरी है
रंग रंगीली बहार ऐगे होरी कि रंग रंगीली हो रंग रंगीली(च..)

ऐजा आज अपड़ा हथुन ओ ओ, अभीर गुलाल लगैजा
हो ओ ओ अभीर गुलाल लगैजा
झणी अब फिर कब होंदी भेंट, सम्लोंया चदरी रन्गै जा
ऐंसू कि होरी मा हो ओ ओ सम्लोंया चदरी रन्गै जा
ऐजा आंख्युं मा समैजा गैल्या हो
ऐजा आंख्युं मा समैजा प्रीत जोड़ी कि
रंग रंगीली
रंग रंगीली बहार ऐगे होरी कि रंग रंगीली-2
हो रंग रंगीली (च..)

ज्यू बोनु च प्रेम का रंगून, तेरी कोरी जिकुड़ी रन्गै दयों
हो ओ ओ तेरी कोरी जिकुड़ी रन्गै दयों
लाल बुरांसी का फुलूंन, तेरी स्युन्द पाटी सजै दयों
ऐंसू कि होरी मा तेरी स्युन्द पाटी सजै दयों
देदयुं देदयुं सैरी जिंदगी होओओ, देदयुं देदयुं सैरी जिंदगी निचोडी कि
रंग रंगीली
रंग रंगीली बहार ऐगे होरी कि रंग रंगीली-2 (च..)
हो रंग रंगीली
रंग रंगीली बहार ऐगे होरी कि रंग रंगीली-2 (च..)
हो रंग रंगीली


Provided by : Mukesh Joshi.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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चौमास यानी पहाडो मे वर्षा ऋतू में जब धरती हरी भरी हो जाती उस पर यह गाना :

ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे
ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे

            तीसाई धरती की तीस भुझे गे
        ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे

ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे
ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे

          लस्कारी घस्यरी, घास को ज्ञानी
          बरखा, बतुयुनी मा उडियार लुकीनी
           रूजी गे दीदा पतरोल पहुची गे

ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे
ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे

            पैजेड़ बदीगे,  कखेदी मुकोरी
            फोल्यार ल्ग्यान चिच्डा गुदेडी

ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे
ठण्ड माठु चौमास, डाँडो में सौरिगे 

 

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