Author Topic: Typical Words of Folk Music of Uttarakhand-क्या है लोक संगीत के ये शब्द  (Read 11767 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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साथियो,

हमारे उत्तराखण्ड के लोक संगीत के अलग ही पहचान है, सुरीले गीत, मुरूली एवं  हुड़के की थाप की धुन जो काफी मनभावन होती है। लेकिन कई बार जब हम पुराने लोक गीतों को सुनते है तो उसमें कुछ ऐसे शब्दों को पाते हैं, जिनका शाब्दिक अर्थ हमें पता नहीं होता है। लेकिन ऐसे शब्दों को गीतों को और रोचक बनाये के लिए प्रयोग किया जाता रहा है।  जैसे कि धौशला... आदि जिन्हें झोडे आदि में भी लोग प्रयोग करते है!

कई ऐसे शब्द है जिनके बारे में यहाँ जानने कि कोशिश करेंगे। आशा है आप भी ऐसे शब्दों को यहाँ पर उपलब्ध करायेंगे।
Regards,

एम् एस मेहता


dayal pandey/ दयाल पाण्डे

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मेहताजी जहाँ तक मुझे पता है धौशाला पहाड़ी लोक नृत्य की एक विधा है, यह फास्ट ट्रैक मैं सम्पूर्ण उर्जा के सांथ किया जाता है सामान्यतया यह झोडा और हुड्किया बोल के समापन के अवशर पर किया जाता है,
जैसे - ओ दरी  हिमाला दरी, ता छिमा को छिमा वे,
          तीली धरो बोला दरी ता छिमा को छिमा वे   

पंकज सिंह महर

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हपूरा (बीता हुआ कल) हपूरा बजानी धूरा.........
दिगौ ( किसी बीती हुई चीज को याद करते हुआ कहा जाता है) दिगौ नान्छिना क ऊ दिन

धनेश कोठारी

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तिलै धारु बोला का जो सामान्य अर्थ लिया जाता है वह यह है कि
अमुख बोल तेरे द्वारा ही रचा या कहा गया है। यह भी कह सकते हैं कि किसी के द्वारा जब कभी कुछ कहा गया और उसे अन्य के द्वारा दोहराया गया अथवा याद किया तो उसके लिए गीतों में इस वाक्य का प्रयोग हुआ। पहाड़ी गीतों में कई जगह किसी विशिष्ट कार्य के संदर्भ में और उस व्यक्ति के लिये भी यह वाक्य दोहराया जाता है।


The Mostly used Sentence in Uttarakhandi Folk Music is

"Teele Dharu Bola"

Know more about it.

http://www.merapahad.com/forum/music-of-uttarakhand/teeley-dharo-baula-what-does-it-mean-in-uttarakhandi-music/msg38167/#msg38167

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बाजुरा
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यह शब्द मैंने एक झोडा में बागेश्वर जिले के भनार के श्री बजैण देवता के मंदिर में मेले के दौरान यह शब्द को मैंने सुना! झोडा था-

            रौख टाकी तान मेरो बाजुरा
            रौख टाकी तान मेरो बाजुरा
             
            तेरी भलायी लियोना बाजुरा ..

इसका मतलब अभी तक मै पता कर पाया लेकिन यह शब्द अन्य झोडा में भी इस्तेमाल किया गया है !
                 

खीमसिंह रावत

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धौस्ल्य गोल घेरे  में तेज गति से कदम मिलाकर गाया जाता है युवक युवतियों को यह विधा ज्यादा पसंद होती है
अकसर देखने में आता है की झोडा गीत समाप्त करने के बाद धौसल्य गाते हैं शरीर  में एक स्पूर्ति आ जाती है धौस्ल्य का एक गीत :-

"ओ रे बुडा  धौसल्या, बुड छे बुडा धौसल्या |"

राजा हरु हीत की किताब में भी धौस्ल्य का वर्णन आया है| जब हरु हीत की भाभियों को पता लगा की हरु हीत अपनी शादी के लिए लड़की खोज रहा है तो भाभिया गुस्सा होकर घर से भाग गई | रास्ते में सात भाभियों ने धौस्ल्य गीत गा कर हरु हीत की अनिष्ट की कामना की |
 

खीमसिंह रावत

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एक शब्द अकसर सुना है "झन्का"

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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धिंग तालो
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मैंने यह शब्द मेरु सुहाग फिल्म के एक गाने में सुना था जो की अनिल बिष्ट जी ने गाया हुवा था,फिल्म में यह गाना शादी के अवसर पर गाया जाता है! बोल है "
 

     मेरु दगडी ब्यो छो, दीदा  धिंग तालो
    धिंग तालो he  , धिंग तालो  धिंग तालो ,

धनेश कोठारी

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‘धिंगतालो’ शब्द अधिकांशतः विवाह गीतों में प्रयुक्त हुआ है। ‘धिंगतालो’ की उत्पति भी ढोल के तालस्वर से हुई है। यह भी माना जा सकता है कि ‘धिंगतालो’ मांगलिक या हर्षोल्लास के मौकों पर उत्साह, उमंग, खुशी व ‘रौंस’ प्रदर्शित करने के लिए मध्यस्थ शब्द है।

 

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