साथियो,
हमारे उत्तराखण्ड के लोक संगीत के अलग ही पहचान है, सुरीले गीत, मुरूली एवं हुड़के की थाप की धुन जो काफी मनभावन होती है। लेकिन कई बार जब हम पुराने लोक गीतों को सुनते है तो उसमें कुछ ऐसे शब्दों को पाते हैं, जिनका शाब्दिक अर्थ हमें पता नहीं होता है। लेकिन ऐसे शब्दों को गीतों को और रोचक बनाये के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। जैसे कि धौशला... आदि जिन्हें झोडे आदि में भी लोग प्रयोग करते है!
कई ऐसे शब्द है जिनके बारे में यहाँ जानने कि कोशिश करेंगे। आशा है आप भी ऐसे शब्दों को यहाँ पर उपलब्ध करायेंगे।
Regards,
एम् एस मेहता