प्रह्लाद सिह मेहरा जी यह दिल को छो लेने वाला गाना.
पहाड़ -२ की छेली ले, पहाड़ के ब्वारी ले
कभे नी खाया डीवी रुवाटा सुख ले !
राती उठी, भान मजना
भानु का दगड ले भवारी, पवर तिव्ले गानुन
यह गाना पहाड़ की महिलावो की व्यथा को बहुत अच्छे दंग के प्रस्तुतु किया है