Author Topic: Your Favourite Uttarakhand Songs - आपके पंसंदीले उत्तराखंडी गीत  (Read 38018 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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                                This is latest song of Heera Singh Rana's album " Hasani Mukhim"
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हीरा सिंह राणा जी हसनी मुखिम से यह गाना.

हसनी मुखिम कैकी लागी रे नराई
कैकी लागी रे नराई, कैकी लागी रे नराई

कैकी बाटी चा रेछे
आखी आयी वाई !!!!

हसनी मुखिम कैकी लागी रे नराई
कैकी लागी रे नराई, कैकी लागी रे नराई

जोड़..

 कैकी लीजी फूली रेछो
होठो मा बुराश
तू घटिया धिकायी मा
हिरज क पास

हा .. हिय की तय मे कैकी लागी रे नराई
 कैकी लागी रे नराई, कैकी लागी रे नराई

हसनी मुखिम कैकी लागी रे नराई
कैकी लागी रे नराई, कैकी लागी रे नराई
..............
जोड़.

हाँ... ह. लुट्पुती पीठा मा
यो बटिया धमेली
धमेली का संग हुना
कैकी हिया धर की

हा.. को छो तेरो दार
जैकी रूप लियो बलाई

कैकी रूप लियो बलाई . -२

हसनी मुखिम कैकी लागी रे नराई
कैकी लागी रे नराई, कैकी लागी रे नराई

जोड़..

पिगली रसली मुखी
रस को भानार .. २.

कैकी दियो अनवार मुखी
यो यदि रंग्वार
त मुखी देखी पूरब उजाई
पूरब उजाई सुवा, सुवा पूरब उजाई

हसनी मुखिम कैकी लागी रे नराई
कैकी लागी रे नराई, कैकी लागी रे नराई

जोड़.

पकिया हिसालू जसी
कै है रे उमर .. २
नान बाड लागुछी
की कुंछी नि कर
उनकी हिय मे कैले छो यो बात दबाई .

किले छू यो बात दबाई.. २.

Devbhoomi,Uttarakhand

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                                         प्रीतम कु  एक बहुत ही अच्छु गीत ..............
                                     ===============================

जा बाडूली सुवा मा रयेबार पुन्च्ये ओऊ .
त्यु  बिगर बडू बुरु मनेंदु बतए ओऊ.
फोजी की नूकरी ओडर सख्त.
सरिल कुमानी जांदू ब्येखुनी बगत.
२ रोटी कोदा की ख्येन प्य्यज पीराड्य
हे पापिनि तेरी याद छा कोई रुलोऊडया.
 घर ओउलू मेरी प्य्यारी हवाए जहाज मा.
सी भी दिन अल्ला रौलू बयठोऊ छाज मा.
पहली छुट्टी घर अयून ता सुवा बीमार.
 दुश्री छुट्टी मा सोवा दिनु की हिर्वल.
जू रिबन भेजी मैं बिष्टर बन्ध मा.
सु रिबन भालू सज्लू दिनेश का मुंड मा.
अपड़ी सुवा का मेरी साडी लिज्याँ रए.
 यानि मरी नि होंड़ निखाडया मैत जाए रए.
कुड पिछाडी चंपा डाली च्येलोऊ कतए न.
जये दगडी फेरा फिरी व्येकू पतये न .
दिनेश का दए दादा नाती खिलौन्दा.
मेरोऊ छोर काखी डोर होलू सोची खुदेंदा.
मेरा कोशी खोली गाड़ी ओंदी होलू ओलार
दिनु मा देख्दा होला मेरी अनवार.
जा बाडूली सुवा मा रयेबार पुन्च्ये ओऊ .
त्यु  बिगर बडू बुरु मनेंदु बतए ओऊ.

Devbhoomi,Uttarakhand

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नेगी जी का ये गाना बड़ा ही मार्मिक और भावपूर्ण है, इसमें नेगी जी ने पहाडो की नारी की जीवन गाथा का वर्णन किया है, की हमारे पहाडों की नारी किस तरह से प्रीत की कोमल डोर की तरह हैं और पर्वत की तरह कठोर भी है.


प्रीत सी कुंगली डोर सी छिन ये
पर्वत जन कठोर भी छिन ये
हमारा पहाडू की नारी.. बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-2

बिन्सिरी बीटी धान्यु मा लगीन, स्येनी खानी सब हरचिन-२
करम ही धरम काम ही पूजा, युन्कई ही पसिन्यांन हरिं भरिन
पुंगड़ी पटली हमारी बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-२

बरखा बतोन्युन बन मा रुझी छन, पुंगडा मा घामन गाती सुखीं छन-२
सौ सृंगार क्या होन्दु नि जाणी
फिफ्ना फत्याँ छिन गालोडी तिड़ी छिन
काम का बोझ की मारी बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-२

खैरी का आंसूंन आंखी भोरीं चा,मन की स्याणी गाणी मोरीं चा -2
सरेल घर मा टक परदेश, सांस चनि छिन आस लगीं चा
यूँ की महिमा न्यारी बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-२

दुःख बीमारी मा भी काम नि टाली,घर बाण रुसडू याखुली समाली-२
स्येंद नि पै कभी बिजदा नि देखि, रत्ब्याणु सूरज यूनी बिजाली
युन्से बिधाता भी हारी बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-२

प्रीत सी कुंगली डोर सी छिन ये
पर्वत जन कठोर भी छिन ये
हमारा पहाडू की नारी.. बेटी ब्वारी
बेटी ब्वारी पहाडू की बेटी ब्वारी-2

Devbhoomi,Uttarakhand

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                                           एक युगल गीत फ़िल्म - घस्यारी का
                                           स्वर दिया है नरेंद्र सिंह नेगी और शशि जोशी ने
                                        ================================

 -ऐजा -ऐजा ऐजा हे ,न जा नजा नजा हे !
तेरु गोंउ गौला अब छुटी जाण
तिन भी मेरी माया अब भूली जाण -2
भूली जाण ...भूली जाण ...भूली जाणssssssssss

-माया की ज्योति जगीं बुझी जाण
सुपन्यो की माला अब टूटी जाण -2
टूटी जाण .. टूटी जाण ...टूटी जाणssssssssssssss

negi -तेरु गैल -छैल मैथे प्यारु लगदु छो
तेरु घोर -वोण मैथे न्यारु लगदु छो -2
वो हेसणु -हंसाणु वो नाचणु -नचाणु
सज -धजी की आणु तेरु प्यारु लगदु छो
ऐजा -ऐजा ऐजा हे ,न जा नजा नजा हे !

shashi -आँखी यू न बचियाणु तेरु कनु कै भूली जों
छवी बथा लगाणु तेरु कन कै बिसरी जो
वो रूठणु- रुसाणु वो सुपनियु मा आणु
गुस्सा मा मनाणु तेरु कनु कै भूली जो
ऐजा -ऐजा ऐजा हे ,न जा नजा नजा हे !

negi-तेरा खातिर कनी- कनी गाणी करी छै
अब क्या बतोऊ क्या -क्या स्याणी करी छै

shashi -तेरा खातिर कनी- कनी गाणी करी छै
अब क्या बतोऊ क्या -क्या स्याणी करी छै
वो लुकुणु -लुकाणु वो खेलणु- खेलाणु

negi-सैरी दुनिया ल सब पाणी फेरी हे !

shashi-ऐजा -ऐजा ऐजा हे ,न जा नजा नजा हे !

negi ji -ऐजा -ऐजा ऐजा हे ,न जा नजा नजा हे !

विनोद सिंह गढ़िया

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"ठंडो पाणी, मीठो बाणी, सुर-सुर बयालो , क्या भलो मायालो म्यर पहाड़ो "

कितना सुन्दर गाना गया है प्रहलाद मेहरा जी ने ..............दिल को छू गया |

ki bhalo maayalu mero pahada

दीपक पनेरू

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"जब जौलू बरेली झुमको लौलू.........."
« Reply #126 on: August 25, 2010, 11:50:28 AM »
बहुत ही सुंदर झोडा श्री नैननाथ रावल जी मधुर आवाज में
 
  बोल है "जब जौलू बरेली झुमको लौलू.........."


kumaoni jhoras

Devbhoomi,Uttarakhand

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खुद,बहुत सुन्दर सुरीले गीतों की एल्बम हैं जिसमें नेगी और अनुराधा निराला जी ने अपनी सुरीली आवाज में गाये हुए इस एल्बम के गीतों को बार बार सुनाने को मन करता है !

से गैनी,से गैनी डांडी-कांथी खाल-धार से गैनी
बौन-पंछी गौं-गुठयार,सी गैनी
  से गैनी,से गैनी
मी याखुली बिजियुं छों,याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
तुमारी खुद मा,तुमारी खुद मा हो हो तुमारी खुद मा

पौन्खुर दिखेंन देखि चखुला से गिनी,
देखि तौन सेगी डाली मौन हवेगिनी
सेगी होला तुमु भी गेल्या निंद सुध-बुध मा
मी याखुली बिजियुं छों,याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
तुमारी खुद मा

से गैनी,से गैनी डांडी-कांथी खाल -धार से गैनी
मेरा अँधेरा का द्गडया दिवा  बाती मूंझी गैनी
दिन मा था जू सेंयाँ दुःख राती बीजी गैनी
दुःख देन्दारु विधाता भी सेगी निंद मा,मी याखुली बिजियुं छों,याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
मी याखुली बिजियुं छों,याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा

तुमारी खुद मा

सोन भादों बीती बरखा पाणी चौलिगे
ह्यून ह्युंद गौली  पिडा सबुकी बोड़ीगे
मेरी पिडा बारामास दुःख-दुःख मा,मी याखुली बिजियुं छों,याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
,तुमारी खुद मा से गैनी,से गैनी डांडी-कांथी खाल -धार से गैनी

डौर लगदी जब कखी निन्यारु बासदु
सारु मिलदु जब कखी क्वी दानु खासदु
अब ता सी बिचारा भी सगीन नींद मा,मी याखुली बिजियुं छों,याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
मी याखुली बिजियुं छों,याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
,तुमारी खुद मा

यम यस जाखी

http://ghughutiuttarakhand.blogspot.com/2010/11/blog-post.html

 

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