Uttarakhand > Music of Uttarakhand - उत्तराखण्ड का लोक संगीत
Your Favourite Uttarakhand Songs - आपके पंसंदीले उत्तराखंडी गीत
दीपक पनेरू:
Pahari Song Bhagatu Mama
दीपक पनेरू:
बहुत ही सुंदर झोडा श्री नैननाथ रावल जी मधुर आवाज में
बोल है "जब जौलू बरेली झुमको लौलू.........."
kumaoni jhoras
Devbhoomi,Uttarakhand:
खुद,बहुत सुन्दर सुरीले गीतों की एल्बम हैं जिसमें नेगी और अनुराधा निराला जी ने अपनी सुरीली आवाज में गाये हुए इस एल्बम के गीतों को बार बार सुनाने को मन करता है !
से गैनी,से गैनी डांडी-कांथी खाल-धार से गैनी
बौन-पंछी गौं-गुठयार,सी गैनी
से गैनी,से गैनी
मी याखुली बिजियुं छों,याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
तुमारी खुद मा,तुमारी खुद मा हो हो तुमारी खुद मा
पौन्खुर दिखेंन देखि चखुला से गिनी,
देखि तौन सेगी डाली मौन हवेगिनी
सेगी होला तुमु भी गेल्या निंद सुध-बुध मा
मी याखुली बिजियुं छों,याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
तुमारी खुद मा
से गैनी,से गैनी डांडी-कांथी खाल -धार से गैनी
मेरा अँधेरा का द्गडया दिवा बाती मूंझी गैनी
दिन मा था जू सेंयाँ दुःख राती बीजी गैनी
दुःख देन्दारु विधाता भी सेगी निंद मा,मी याखुली बिजियुं छों,याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
मी याखुली बिजियुं छों,याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
तुमारी खुद मा
सोन भादों बीती बरखा पाणी चौलिगे
ह्यून ह्युंद गौली पिडा सबुकी बोड़ीगे
मेरी पिडा बारामास दुःख-दुःख मा,मी याखुली बिजियुं छों,याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
,तुमारी खुद मा से गैनी,से गैनी डांडी-कांथी खाल -धार से गैनी
डौर लगदी जब कखी निन्यारु बासदु
सारु मिलदु जब कखी क्वी दानु खासदु
अब ता सी बिचारा भी सगीन नींद मा,मी याखुली बिजियुं छों,याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
मी याखुली बिजियुं छों,याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
याखुली-याखुली बिजियों छों,तुमारी खुद मा
,तुमारी खुद मा
यम यस जाखी
http://ghughutiuttarakhand.blogspot.com/2010/11/blog-post.html
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