Author Topic: Your Favourite Uttarakhand Songs - आपके पंसंदीले उत्तराखंडी गीत  (Read 37899 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Really very inspirational song. No doubt.

एक गीत  नेगी  जी
  का हर किसी को जीवन के रास्तों मे आने वाली दिक्कतों ( खेरी विपदा )से लड़ने की स्वप्रेरणा देता है .
देर  होली अबेर होली ,होली जरुर सवेर होली हिट्दी जा -हिट्दी जा
हिट्दी जा बटेर  हिट्दी जा
खैरी बिपदा का बिष कंडा कटी अन्धेरू  बीरकी सुबटा छाटी.
हिट्दी जा........
मार लपाग लंगेकी बुरेई, सोच भलू  भलू कैर  होली
.होली जरुर  सवेर होली .
हिट्दी जा....
रात बियाली रत्व्याणु हेसलू अँधेरा मन उज्यालो पोहुचलो
कांडीयूं  म फूल ,   डांडीयू  मा हेरियाली ,
दुनिया देखली जेवेर होली
होली जरुर  सवेर होली
.हिट्दी जा बटेर  हिट्दी जा


Mukesh Joshi

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उत्तराखंड राज्य की मांग के लिए  जो आन्दोलन हुए उनमे कुछ गीतों का बहुत बड़ा योगदान रहा .
जन चेतना और मैं कहता हूँ की जिस  उत्तराखंडी ने ये गाने सुने जरुर उदमत हुवा होगा और अभी भी होगा
स्वर  नरेन्द्र सिंह नेगी 
जाग जाग  हे उत्तराखंडी .हे नर्शिंग भेरो बजरंग ,
जाग जाग हे पर्वत नारी धर काली को रूप प्रचंड ,
जय  भारत जे उत्तराखंड ......२
उठा खालु बटी उठा धारू बटी ,
रडसिंग डोल दामो तुरी लेकि
छीना अपुनो हक़ विकाश को लड़ा एक जुट हवेके जंग
जे भारत जे उत्तराखंड ..

Mukesh Joshi

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स्वर स्व . श्री गोपाल बाबु गोस्वामी जी
बाटा गोडाई क्या तेरो नो चा ,बोल बौराणी कहा तेरो गों चा .
 सेतु की चेली छू रामी नोऊ च,  पदनुकी ब्वारी छोऊ पाली गोऊ च ..
 pl. if any one can complite this song....

Mukesh Joshi

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               गढ़ वंदना
स्वर नरेद्र सिंग नेगी जी
जो जस देई देणु हवे जेई देशु मा का देशा मेरा गढ़ देशा हो  हो ओओ .....
बद्री केदार भी तेरा जस गादन,
पंच नाम देवता भी त्वे सेवा लादन.
देवतो को देशा हे ... मेरा गढ़ देशा हो ......
भरी दे अनाज कोठार अन धन का भंडार ,
सुखी शन्ति घरबार राखी गंगा वार पार .
गंगा जी को देशा हो ...
मेरु गढ़ देशा  हो....
सुखी दुखी जखी रोला त्वे थे नि बिसरोला.
तेरो मान सम्मान तेरा गीतों गुंजोला.
देशु परदेशा हे  .......२
मेरा गढ़ देशा .......

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Great .. Mukesh Ji.. ( 1 karma to u) for this information. We really appreciate your efforts.  thanx .


उत्तराखंड राज्य की मांग के लिए  जो आन्दोलन हुए उनमे कुछ गीतों का बहुत बड़ा योगदान रहा .
जन चेतना और मैं कहता हूँ की जिस  उत्तराखंडी ने ये गाने सुने जरुर उदमत हुवा होगा और अभी भी होगा
स्वर  नरेन्द्र सिंह नेगी 
जाग जाग  हे उत्तराखंडी .हे नर्शिंग भेरो बजरंग ,
जाग जाग हे पर्वत नारी धर काली को रूप प्रचंड ,
जय  भारत जे उत्तराखंड ......२
उठा खालु बटी उठा धारू बटी ,
रडसिंग डोल दामो तुरी लेकि
छीना अपुनो हक़ विकाश को लड़ा एक जुट हवेके जंग
जे भारत जे उत्तराखंड ..


pushpa rawat

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maanilo daan pooja ve maiyaa, puja karulo baati ve
Mujhe ye gaan chahiye. plz. tell me how can i download this song.

Mukesh Joshi

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maanilo daan pooja ve maiyaa, puja karulo baati ve
Mujhe ye gaan chahiye. plz. tell me how can i download this song.

mera manile dana hum teri baliye luna .
ki bat kar rahe kya/

Mukesh Joshi

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singer  gopal babu goswami ji

हाय-हाय सुपारी खाय-खाय, सुण माया- क्या रामरो घाम लाग्यूं छ-2
धार मैं देवी को थान दूध लै नवायो-2
तेरि माया एसि लागि मैं पगली गयो-2
हाय-हाय सुपारी खाय-खाय, सुण माया- क्या रामरो घाम लाग्यूं छ-2

चमकनि गिलास माजा रमकनि चाहा छ-2
तेरि मेरि माया देखि दुनियां कें दाहा छ-2
हाय-हाय सुपारी खाय-खाय, सुण माया- क्या रामरो घाम लाग्यूं छ-2

मखमलि आंगडि तेरि चमकनि घाघरि-2
टिक बिंदुलि नथ फौजियां, चमकि रै पिछौडी-2
हाय-हाय सुपारी खाय-खाय, सुण माया- क्या रामरो घाम लाग्यूं छ-2

देवि जसो रूप तेरो माया को मूरत-2
सौ जनम तक तेरो है गयूं भगत-2
हाय-हाय सुपारी खाय-खाय, सुण माया- क्या रामरो घाम लाग्यूं छ-2

Mukesh Joshi

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नेगी जी सैकडों गानों को अपनी आवाज दे चुके हैं. लेकिन उनका यह गाना अपने आप में अनूठा है. एक आदमी अपनी बिमारी का इलाज कराने डाक्टर के पास पहुंच गया है. बिमारी के लक्षण बताने के साथ ही वह यह भी बताना नहीं भूलता कि वह इसके इलाज के लिये वैद्य से लेकर देवपूजा तक सब उपाय अपना कर हार चुका है और अब डाक्टर के हाथ से ही उसका इलाज होना है.

लेकिन मरीज जी चाहते हैं कि इलाज शुरु करने से पहले डाक्टर उनका मिजाज समझ ले. वो स्पष्ट रूप से बताते हैं कि चाय, तम्बाकू और मांसाहार नहीं छोड पायेंगे और दलिया वगैरा खाना उनके वश की बात नहीं है. गोलियां, कैप्सूल, इंजेक्शन और ग्लूकोज वाला इलाज भी वो नहीं करवायेंगे. उनकी पाचन शक्ति ठीक नहीं है लेकिन वो बिना खाये भी रह नहीं पाते हैं.

दवाई के स्वाद बारे में उन्हें पहले से ही अहसास है कि डॉक्टर मीठी दवाई तो देगा ही नही, लेकिन डॉक्टर को वो खुले शब्दों में कहते हैं कि कड़वी दवाई वो पियेंगे ही नही..
इसके साथ ही वह बार-बार डॉक्टर से यह भी कहते रहते हैं कि मेरा इलाज अब तुम्हारे हाथों ही होना है...

सामान्य आदमी के मनोविज्ञान को दर्शाने वाला यह गाना लगता तो एक व्यंग की तरह है, लेकिन असल में यह एक कड़वी सच्चाई को उजागर करता है.. गाने के अंत में मरीज अपने रोग का कारण स्वयम ही बताता है... असल में वह इस बात से व्यथित है कि उसके मरने के बाद सारे रिश्तेदार और संपत्ति छोड़कर उसे जाना पड़ेगा...

परसी बटि लगातार, बार-बार कू बुखार, चड्यू छ रे डाग्टार, मर्दु छो उतार-तार-2
कुछ ना कुछ त कर जतन तेरे हाथ छ बच नै मन-2
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसी बटि लगातार……………….

बैध धामि हारि गैनि, खीसा बटुवा झाडि गैनि-2
मेरि मारि खाडु कचैरि, खबेस पूजि देवता नचे
हरक फरक कुछ नि पडि-2
एक जूगु तक नि छडि
झूट त्वै में किले ब्वन, तेरे हाथ छ बचनै मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसी बटि लगातार……………….

तब करि इलाज मेरु समझि ले मिजाज मेरू-2
चा कु ढब्ज टुटदु नि, तंबाकु मैथे छुटदु नि
दलिया खिचडि खै नि सकदु-2
शिकरि बिना रै नि सकदु
झूट त्वै में किले ब्वन, तेरे हाथ छ बचनै मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसी बटि लगातार……………….

सफेद गोलि खपदि नी, लाल पिंगलि पचदि नी-2
ग्लुकोज शीशि चडदि नी, पिसी पुडिया लडदि नी
कैप्पसूल खै नि सकदु-2
इंजक्शन मैं सै नि सकदु
झूट त्वै में किले ब्वन, तेरे हाथ छ बचनै मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसी बटि लगातार……………….

खान्दु छौं पचै नि सकदुं, बिना खाया मि रै नि सकदुं-2
उन्द, उब्ब बगत-बगत, गरम-ठण्ड मैं नि खबद
मिठि दवै तैलें दैणि नी, कडि दवै मिल पैणि नि
झूट त्वै में किले ब्वन, तेरे हाथ छ बचनै मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसी बटि लगातार……………….

नाती-नातिना माया ममता, जर जजैता फैलि संगदा,
कूडि-पुंगदि गौरु भैंसा, यख्खि छुट्दा रुप्या-पैसा
मन को भैम त्वै बतांदु, डाग्टर मैं बोल नि चांदु
झूट त्वै में किले ब्वन, तेरे हाथ छ बचनै मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसी बटि लगातार……………….



Mukesh Joshi

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one of best song by n.s negi


न उकाल न उन्दार सीधू सैणु धार धार
गौ कू बाटू मेरा गौ कू बाटू
ऐ जाणू कभी मठु माठु मठु माठु
भला लोग भलु समाज गोऊ पिठाई कू रिवाज
खोली खोलियो म गणेश
मोरी नारेयण बिराजे मेरा गोऊ मा
देवी दय्बतो का थान
धरम करम पुण्य दान
छोटू बडो सबो मान
पोणु दय्बता समान मेरा गोऊ मा
बन खेती हो खल्याँ
मिल बाटी होंदी धानं
कुई फोजी कोई किसान
एक जि इकि प्राण मेरा गोऊ मा
सेरा ओखाड्यु मा नाज
वन हरयाली कु राज
बाडी सगोड्यु मा साग
जख तक तारकजी मेरा गोऊ मा-2
नोला मागरियो को पानी
छ्खी अमृत जनि
लेनी पेनी पीनी खानि
राखी मन मा न सयानी मेरा गोऊ मा
गौड़ी भैस्यु का खरग
घ्यु दूधो का छरग
म्यारो रोतेलो मुलुक
मकु एखि छ स्वर्ग मेरा गोऊ मा
कोथीग बिरेना की देर
बेटी ब्वारी कोथिगेर
दानं नचाद गितेर
जवान माया का स्वदेर मेरा गौ मा
काफल बुरांश का बोण
काकू हिलाश की धोन्
मीठी बोली मीठी भाषा
लिजा ऍच समलोंण मेरा गौ मा

 

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