भ्याग ,जोग -संजोग की बात,
विधाता का हाथ
करम तेरु धर्म , करम तेरी जात
करम करी ल्यावा ,धर्म करी ल्यावा
धर्म- करम तेरु ई च रे माली
बांझी धरती कर हरयाली
मरी जैली फल चाखाली दुनिया
रोप ले अपना सु कर्मो की डाली ......
सुकर्मो की डाली ...............................
मनन करी ल्यावा ,धर्म करी ल्यावा
तिन मनखी सैरी दुनिया परोखी
पढ़ नि सकी पर जोग की लेखी
दया ,धर्म कु कल्यो लियो छो
भीतर लुकै तिन गोऊ मा नि बाटी
पैणु नि बाटी
धर्म करी ल्यावा कर्म करी ल्यावा
भाग .......................................