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Dr Lalit Mohan Pant, World's Fastest Surgeon from Khantoli, Uttarakhand डॉ ललित

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

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Lalit Mohan Pant
5 hrs ·

ग़ज़ल
रदीफ़ -है
काफ़िया -उआ
अर्कान -२१२२ ,२१२२ ,२१२२,२१२२

कौन जाने क्या क्षितिज के पार रातों में छुपा है
क्या कभी घर लौटने वाला थका हारा रुका है ?

इस तरह बारूद ने है आस्माँ को ढक लिया क्यों?
ये धुआँ चूल्हे बुझाकर, क्यों दीवारों से उठा है ?

आजकल तो हर तरफ तैनात पहरेदार साहब
चुप रहो कुछ मत कहो कोई यहाँ कैसे लुटा है?

सच समझ कर जिंदगी के खेल में मशगूल हैं सब
है नहीं जाना न समझा कायदा सबका जुदा है.

हो न हो बंदा मुसीबत से परेशाँ हाल होगा
चौखटों और ड्योढ़ियों पर दोहरा हो कर झुका है .

कोशिशें मैंने बहुत की थीं बचाने की मुसलसल
वो हवाओं से नहीं बस बद्दुआओं से बुझा है .

-ललित मोहन पंत
01.10 2014
0 2 . 52 रात

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
ये सच है कि गर्भवती माताओं के लिये IFA "Laal Goli" is the magic ….
September 11, 2014 at 11:32pm

ये सच है कि गर्भवती माताओं के लिये IFA "Laal Goli" is the magic …. विगत ३३ वर्षों से भले ही धीमी आवाज़ में ये बात कही गई हो पर लगातार कही गई है और उन्हें समझाने की कोशिश भी की गई …पर कामयाबी की उम्मीद अभी भी है … पिछले दिनों इस बात को गंभीरता से लेते हुए मैंने अपनी हर महिला हितग्राही से जानने की कोशिश की कि उन्होंने गर्भावस्था के दौरान क्या लाल गोली खाई थी ? और खाई थी तो कितनी ??जवाब - नहीं खाई … कोई ने भी नहीं दी / दी पर नहीं खाई … खाई ५-६ गोली खाई … खाई एक पत्ता … नहीं खाई गंधाती थी … जी मचलाता था उलटी हो जाती थी … खाने के बाद या खट्टे नीम्बू पानी या दही छाँछ के साथ खा लेते … खाई पर नि सधी …. गाँव में नीम्बू कहाँ से लाते … दही भी नहीं मिलता … खट्टी और ठंडी चीजें खाने से ठन्डे दरद आते हैं तो बच्चा होने में परेशानी होती है … दुर्भाग्य माताओं को दूध दही नहीं दिया जाता क्योंकि ,दूध दही बच्चे के बदन पर जम जाता है (VERNIX CASEOSA )सवाल - अस्पताल की दवा नहीं खाई तो क्या खाया ??बाज़ार से ले कर खाई … टोनिक की बोतल पी … मैंने ए एन एम् लोगों से पूछा डॉक्टर्स से बुला कर पूछा ऐसा क्यों ?क्या करें सर कोई मानता ही नहीं … गोलियां तो देते हैं पर ये लोग घर जाकर फेंक देती हैं या फिर किसी कोने में पड़ी रहती हैं बाज़ार की टॉनिक पी लेती हैं … मुझे लगा यदि IFA की गोलियों की जगह बोतलों में टॉनिक ,शाहरुख़ खान की सोना चाँदी च्यवनप्राश या सलमान खान के रिवाइटल जैसे पैकिंग में दिया जाए तो मुझे विश्वास है की लाखों करोड़ों गोलियों की दवा घूरे की जगह पेट में जाकर खून का रंग लाल कर सकेगी … अनपढ़ अंध विश्वासों में जकड़े आदिवासी और ग्रामीण जबरदस्त जिद्दी होते हैं उन पर हम जैसों की समझाइस का असर होगा पर न जाने कितना इन्तजार करना होगा ? मुझे यह भी लगता है की दवाओं पर जोर देने के बजाय क्या पौष्टिक आहार लेना चाहिए इस पर भी जोर हो ... कच्ची हरी सब्जियां, फल, गुड़ , चने और मूँगफली का राशन आर्थिक रूप से विपन्न माताओं को बँटा करे …

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Lalit Mohan Pant
July 11 ·
आओ ! जश्न मनायें …

कभी कभी जब/ वाणी ,कलम और अनुभूतियाँ यूँ छिटक जाते हैं जैसे पहाड़ी बाँध से छूटीउत्श्रिङ्खल लहरें बहा ले जाती हैं /अचानक खुशियाँ /सपने /और जिंदगियाँ …

 

जब /बदहवास रिश्ते बहा नहीं पाते अपनी आँखों और मन से पीड़ा /स्मृतियाँ और वो जो ढह जाता है ताश के महल की तरह

 

जब एक हूक उठती हैसीने में /और भर देती है अनंत आसमान कासारा खालीपन कभी सारा समन्दर और उसका खारापन

 

जब जुगलबंदी साँस और धड़कन की मन के चौखट पर सिर पीटने लगती है

 

जब सहचर आत्मा के छोड़ जाते हैं साथ और टूटते हैं भरम सैलाबों में ढहते मकानों की तरह

 

जब देवालय /आस्थाओं के मठ लील जाते हैं बेहिसाब आशाओं के उत्सव और बुझ जाते हैं हजारों बावली श्रद्धा के दीप

 

जब निर्भय प्रेत रौंदते हैं मासूमियत और सहमे हुये से हमताकते रहते हैं आसमान

 

मैं जानता हूँ तब भी और अब भी "वो "रोज जन्म लेता है तेरे मेरे भीतर हम गिरा देते हैं उसे हर बार एक अवांछित भ्रूण की तरह …फिर भी करते रहते हैं /प्रतीक्षा "वो" जन्म लेगा एक दिन

 

आओ जश्न मनायेंडरे हुये लोगों में बचे हुए विश्वास का ….

 

- डॉ.ललित मोहन पन्त 17 .06. 2014 12. 53 रात्रि

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Lalit Mohan Pant
May 25 ·
छूट गया पीछे अतीत …….

गैर मुरद्दफ़ हिंदी ग़ज़ल -

समान्त -तीत , मीत , गीत ,नीत

मापनी - २११ ,२२२ ,१२१

 

छूट गया पीछे अतीत

स्मृतियों में है व्यतीत

 

जीवन का यह भरम जाल

प्रीत कहाँ है कौन मीत

 

दीप जलें अंतस उजास

झर झर झरता हो सुगीत

 

घन गरजे बहती बयार

तन मन तर होता प्रतीत

 

देख रहे चलचित्र अवाक 

हो तटस्थ दृग अभिनीत

 

अतिशय आशायें विश्वास

अवसर होंगे दास क्रीत   

 

-ललित मोहन पन्त

००.०८

२५.०५.२०१४

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