Author Topic: उत्तराखंड से प्रथम - FIRST FROM UTTARAKHAND !!  (Read 58774 times)

पंकज सिंह महर

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अंग्रेजी शासन काल में उत्तराखण्ड (तब कुमाऊं कमिश्नरी) के पहले कमिश्नर मि० ई० गार्डनर (१८१५) रहे।

पंकज सिंह महर

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अंग्रेजी शासन काल में जब भारत में प्रजातंत्र की शुरुआत  हुई तो उत्तराखण्ड के हिस्से पहले तीन और बाद में पांच एसेंबली मेंबर आये।

१९२१-२३ (पुरानी कौंसिल)
अल्मोड़ा से - राजा आनंद सिंह-
नैनीताल से- राय पं० नारायण द्त्त छिमवाल साहब
गढ़्वाल से- राय पं० ताराद्त्त गैरोला बहादुर

१९३७ में
गढ़्वाल - दो सीट
कुमाऊं- दो सीट (एक सीट शिल्पकार)
 नैनीताल- एक सीट
अल्मोड़ा
१- पं० हरगोबिन्द पंत
२- मुंशी राम प्रसाद टम्टा
नैनीताल-
१- कुं० आनन्द सिंह
गढ़्वाल-
१- ठा० जगमोहन सिंह
२- पं० अनसूया प्रसाद

         

पंकज सिंह महर

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उत्तराखण्ड से यू०पी० कौंसिल में सबसे पहले मेंबर लाला मोहनलाल शाह जी तथा भारतीय एसेम्बली में राजा शिवराज सिंह जी नामजद मेंबर रहे।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Mahar Ji,

I have heard that the first site of UK was hamarauttaranchal.com..

उत्तराखण्ड से संबंधित पहली वेबसाइट www.uttarakhand.org थी। जिसकी स्थापना कनाडा में बसे उत्तराखण्ड मूल के श्री राजीव रावत ने की।

हेम पन्त

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गुमानी जी को कुमाऊँनी और खडी बोली के साथ-2 नेपाली भाषा का भी प्रथम कवि माना जाता है. उन्होने तीनों भाषाओं में कविताएं की है. कुछ कविताओं में तो तीनों भाषाओं का मैल भी है. अर्थात एक पंक्ति कुमाऊँनी में है तो दूसरी नेपाली में तीसरी में खडी बोली के साथ-2 अंग्रेजी के शब्द भी हैं.

इस समय उदाहरण याद नहीं है. उदाहरण मिलने पर आप लोगों के सामने रखूंगा.

पंकज सिंह महर

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Mahar Ji,

I have heard that the first site of UK was hamarauttaranchal.com..

उत्तराखण्ड से संबंधित पहली वेबसाइट www.uttarakhand.org थी। जिसकी स्थापना कनाडा में बसे उत्तराखण्ड मूल के श्री राजीव रावत ने की।

आपने सही सुना मेहता जी, भारत में उत्तराखण्ड के ऊपर बनी पहली वेबसाइट hamarauttaranchal.com  ही थी, जिसे चंदन डांगी जी ने बनाया था, लेकिन उत्तराखण्ड से संबंधित पहली साईट कनाडा में बनी थी।

hem

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गुमानी जी को कुमाऊँनी और खडी बोली के साथ-2 नेपाली भाषा का भी प्रथम कवि माना जाता है. उन्होने तीनों भाषाओं में कविताएं की है. कुछ कविताओं में तो तीनों भाषाओं का मैल भी है. अर्थात एक पंक्ति कुमाऊँनी में है तो दूसरी नेपाली में तीसरी में खडी बोली के साथ-2 अंग्रेजी के शब्द भी हैं.

इस समय उदाहरण याद नहीं है. उदाहरण मिलने पर आप लोगों के सामने रखूंगा.


गुमानी जी के इस पद में पहली पंक्ति हिन्दी में, दूसरी कुमाँउनी में,तीसरी नेपाली में और चौथी संस्कृत में है:-

बाजे लोग त्रिलोकनाथ शिव की पूजा करें तो करें
क्वे क्वे भक्त गणेश का जगत में बाजा हुनी त हुन
राम्रो ध्यान भवानी का चरण मा शीश नवाने गरेर
धन्यात्मा तुलधाम नीह रमते रामे गुमानी कविः

हेम पन्त

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हेम जी धन्यवाद! मैं इसी कविता के बारे में बात कर रहा था. यह पद गुमानी जी की प्रतिभा का सशक्त उदाहरण है.

Risky Pathak

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अद्भुत

गुमानी जी को कुमाऊँनी और खडी बोली के साथ-2 नेपाली भाषा का भी प्रथम कवि माना जाता है. उन्होने तीनों भाषाओं में कविताएं की है. कुछ कविताओं में तो तीनों भाषाओं का मैल भी है. अर्थात एक पंक्ति कुमाऊँनी में है तो दूसरी नेपाली में तीसरी में खडी बोली के साथ-2 अंग्रेजी के शब्द भी हैं.

इस समय उदाहरण याद नहीं है. उदाहरण मिलने पर आप लोगों के सामने रखूंगा.


गुमानी जी के इस पद में पहली पंक्ति हिन्दी में, दूसरी कुमाँउनी में,तीसरी नेपाली में और चौथी संस्कृत में है:-

बाजे लोग त्रिलोकनाथ शिव की पूजा करें तो करें
क्वे क्वे भक्त गणेश का जगत में बाजा हुनी त हुन
राम्रो ध्यान भवानी का चरण मा शीश नवाने गरेर
धन्यात्मा तुलधाम नीह रमते रामे गुमानी कविः

पंकज सिंह महर

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उत्तराखण्ड की प्रथम महिला पार्षद (नगर पालिका मे) श्रीमती राजकुमारी आनन्द हैं(१९७४, देहरादून नगर पालिका, रेसकोर्स क्षेत्र)।

 

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