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  • इन्द्रमणि बडोनी जी का जन्म दिन: December 24, 2013
  • इन्द्रमणि बडोनी जी की पुण्य तिथि: August 18, 2014

Author Topic: Gandhi Of Uttarakhand : Indramani Badoni : इन्द्रमणि बड़ोनी जी  (Read 49178 times)

विनोद सिंह गढ़िया

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आज उत्तराखंड आन्दोलन के प्रणेता स्वo श्री इन्द्रमणि बडोनी जी जन्मदिन है।
उत्तराखंड के गाँधी स्वo श्री इन्द्रमणि बडोनी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन।


(विनोद गढ़िया)


Devbhoomi,Uttarakhand

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चले थे हरि भजन को ओटन लगे कपास


 उत्तराखंड क्रांति दल के नेता राज्य आंदोलन के प्रणेता उत्तराखंड के गांधी कहे जाने वाले स्व. इंद्रमणी बडोनी के नाम पर राजनीति तो कर रहे है,लेकिन उन्हें उनका सही नाम तक याद नही है। यदि उन्हें नाम ठीक से याद होता तो वे पोस्टर व पंपलेट में उनके नाम का सही उल्लेख करते। आजकल यूकेडी का एक पोस्टर जगह-जगह बाजारों में लगा है।

 जिस पर खुद नेताओं की फोटो के अलावा स्व0 विपिन त्रिपाठी और स्व. इंद्रमणी बडोनी की फोटो भी छपी है। फोटो के नीचे उनके नाम भी अंकित है। इंद्रमणी बडोनी की फोटो के नीचे इंद्रमोहन बडोनी अंकित है। जो एक बड़ी गलती मानी जा सकती है। नई पीढ़ी के लोग तो इसे ही सही मानेंगे। इसे भी प्रेस की गलती मानकार नेता अपनी जिम्मेदारी से मुंह नही मोड़ सकते है।


 क्योंकि प्रूफ देखने के बाद ही पोस्टर छपने के लिए तय हुआ होगा। पार्टी के जो नेता इस तरह की गलती कर रहे है वे राज्य में शासन करने के सपने किस आधार पर देख रहे है। इस मामले में पार्टी के जिलाध्यक्ष उत्तम पुंडीर का कहना है कि यह सचमुच बड़ी गलती है जिनको पोस्टर छापने का कार्य सौंपा गया था उनकी ओर से लापरवाही हुई है।



Dainik jagran

पंकज सिंह महर

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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उत्तराखंड के गांधी स्वर्गीय इन्द्रमणि बडोनी को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजली और कोटि -कोटि प्रणाम ,  बडोनी जी हमें दुःख है कि आज आपके सपनो का उत्तराखंड नहीं बन पाया। न जाने क्यों यहाँ अब केवल चापलूसो कि फसल उग रही है. उत्तराखंड कि आत्मा से खेलने वाले घिनोने और भ्रष्ट अधिकारियो व् नेतावो कि जुगलबंदी प्रदेश को चट कर रही है. उत्तराखंड के बैरी तो  य़ाद किये  जाते हैं , पर आपके सपने से बने उत्तराखंड कि  सरकार आपको  याद नहीं करती,  आज उत्तराखंड आपको मिस कर रहा है.   Photo - Girish Badoni.

Devbhoomi,Uttarakhand

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उत्तराखंड के गांधी स्वर्गीय श्री इन्द्रमणि बडोनी जी को सत सत नमन

आज दो अभी दो उत्तराखंड राज्य दो, कौदा झगौरा खाएंगे उत्तराखंड बनाएंगे जैसे चर्चित नारों को बुलंदियों तक पहुंचाने वाले उत्तराखंड के गांधी स्व. इंद्रमणी बडोनी की ओर से किए गए आंदोलन आज भी जनता के बीच चिरस्मरणीय हैं। उत्तराखंड आंदोलन के तहत विकास के मुद्दे को लेकर 2 अगस्त 1994 को कमिश्नरी मुख्यालय पौड़ी में 54 दिनों तक बडोनी ने आमरण अनशन किया वे आज उनके अखोड़ी गांव में साकार होता नहीं दिख रहा है। यहां इंटर कॉलेज 15 वर्षों से प्रधानाचार्य विहिन है।


Jai Uttarakhand

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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तंगहाली में चल बसीं उत्तराखंड के गांधी की पत्नी

गुरबत की हालत में ही चल बसीं सुरजी देवी
पर्वतीय गांधी इंद्रमणि बडोनी के परिवार की सुध न हुक्कामों ने सुध ली, न ही हाकिमों ने।

बडोनी के हर संघर्ष में हर पल साथ निभाने वाली उनकी धर्मपत्नी सुरजी देवी गुरबत की हालत में ही चल बसीं।

सुरजी देवी की देखभाल करने वाली भतीजी विजय बडोनी ने मंत्रियों से गुहार लगाई, शासन-प्रशासन से खतों-किताबत की लेकिन न तो पेंशन मिली, न ही कोई दूसरी सहूलियत।

स्व. बडोनी के पारिवारिक सदस्य अधिवक्ता शीशराम कंसवाल बताते हैं कि 21 मार्च, 2014 को सुरजी देवी की गिरती सेहत का हवाला देकर मुख्यमंत्री हरीश रावत को एक पत्र फैक्स किया गया था।

लेकिन किसी ने संपर्क करने की जहमत तक नहीं उठाई। जबकि सुरजी देवी को स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा आर्थिक मदद की भी दरकार थी।

उनके नाम पर सियासत करने वाले कई लोग आज ऊंचे ओहदों पर हैं, लेकिन किसी ने परिवार वालों की दुर्दशा पर ध्यान नहीं दिया।

विधायक पेंशन भी बंद
स्व. इंद्रमणि बडोनी अविभाजित उप्र के समय देवप्रयाग विधानसभा से विधायक थे। उन्हें उप्र सरकार से विधायक पेंशन मिलती थी, लेकिन 18 अगस्त 1999 को बडोनी के निधन के बाद वह पेंशन भी आनी बंद हो गई।

उत्तराखंड आंदोलन के प्रणेता और पर्वतीय गांधी स्व. इंद्रमणि बडोनी की 88 वर्षीय पत्नी सुरजी देवी का सोमवार दोपहर निधन हो गया।


बीते रविवार शाम उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत पर मायाकुंड स्थित निर्मल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह 11 बजे पूर्णानंद घाट पर होगा।

(amar ujala)

 

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