Author Topic: REMARKABLE ACHIEVEMENTS BY UTTARAKHANDI - उत्तराखंड के लोगों की उपलब्धियाँ  (Read 76276 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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डा कांडपाल बने राष्ट्रीय संदर्भ व्यक्ति

बागेश्वर: मिनी डायट के प्रवक्ता डा केवलानंद कांडपाल को भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने राष्ट्रीय संदर्भ व्यक्ति के रूप में चयनित कर प्रशिक्षण एवं मूल्यांकन का प्रशिक्षक नियुक्त किया है। डा कांडपाल बचपन से ही मेधावी व कुशाग्र बुद्धि के थे। मूल रूप से बागेश्वर के खुनोली निवासी डा कांडपाल वाणिज्य में पीएचडी, एलएलबी व शिक्षा शास्त्र में परास्नातक हैं। डायट में विगत चार वर्षो से अध्यापन का कार्य कर रहे हैं। उनके क्रियात्मक व लघु शोध कार्य की विशेषता से डायट प्रतिवर्ष शोध संकलनों का प्रकाशन कर रहा है। जनपद के शिक्षकों को भी लघु शोध में प्रोत्साहन मिल रहा है। उनके चयन पर जिलाधिकारी डीएस गब्र्याल, सीडीओ रोशन लाल, डीईओ सीएस तोमर, डायट प्राचार्य पीआर कोहली, एलएम चमोला, मदन सिंह रावत, कैलाश चंदोला, डा विमल किशोर, डा केएस डंगवाल आदि ने खुशी व्यक्त कर डा कांडपाल को बधाई दी है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6807894.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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                डॉ. कमल को चीन  सरकार से फैलोशिप                                                                 Oct 21, 08:59 pm                                               बताएं                                                       
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पौड़ी शहर के डॉ. कमल सेमवाल ने वर्ष 2003 में गढ़वाल विवि श्रीनगर से   पीएचडी किया। इसके बाद उन्होंने नेशनल रिसर्च सेंटर फार मशरूम हिमाचल   प्रदेश में रिसर्च एसोसिएट के पद पर कार्य किया। इस दौरान उनका मशरूम को   लेकर अध्ययन चलता रहा है। उन्हें इस वर्ष चीन सरकार की चाइनीज एकादमी आफ   साइंसेज की ओर से पोस्ट डोक्रोटल फैलोशिप प्राप्त हुई है। अगले माह वे पौड़ी   से रवाना हो जाएंगे। चीन पहुंचने के बाद वे यूनान प्रोविन्स के कुनमिंग   इंस्टीट्यूट आफ बाटनी में मशरूम डाईवर्सिटी व मालिकुलर पर कार्य करेंगे।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6835676.html

             

पंकज सिंह महर

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Patwal becomes FIFA elite referee
Tribune News Service

Pratap Singh Patwal
 

Dehradun, November 30
Uttarakhand’s Pratap Singh Patwal has been made an elite referee of the FIFA.Patwal is the first FIFA referee from Uttarakhand. He is in the elite group in the AFC and was the centre referee of the Thailand versus India match played in Delhi. Patwal hails from Ramnagar (Nainital) and has played football for the Indian Navy. He took voluntary retirement from the Indian Navy. Pratap has so far officiated in the AFC Cup, South Asian Games, I-League, Durand Cup and Santosh Trophy to mention a few.

Asian Football Confederation Referees Committee in its meeting on November 22 had approved the AFC Elite Refereeing Panel (Men and Women) for 2011. The decision, which has been ratified by the AFC Executive Committee on November 24 includes the following Indian referees: Elite Referee :Pratap Singh Patwal, Elite Assistant Referees: Shaji Kurien Cheruvathur and Dinesh Nair, Elite Fourth Official: Arumughan Rowan, Elite Women Referee: Maria Piedade Rebello, Elite Women Assistant Referee: Chanu Keilyani Chongtham.


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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पांडेय को साहित्य सम्राट की मानद उपाधि  चंपावत। जूनियर हाईस्कूल फूंगर में तैनात शिक्षक एवं साहित्यकार फणींद्र कुमार पांडेय को साहित्य सम्राट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की आसरा समिति की ओर से दिया गया। समिति की ओर से हिंदी साहित्य सेवा के सृजनात्मक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें साहित्य सम्राट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए शिक्षक पांडेय को इससे पूर्व भी विभिन्न संगठनों की ओर से सम्मानित किया जा चुका है। ठंड से निपटने को अलाव जलाने की मांग  थल। रामगंगा घाटी में पड़ रही कड़ाके की ठंड से लोगों को राहत दिलाने के लिए अलाव जलाने की मांग उठने लगी है। उत्तराखंड क्रांति दल के जिलाध्यक्ष सलीम अहमद ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार को जिलधिकारी एनएस नेगी से फोन पर वार्ता कर उनको इलाके में पड़ रही जबरदस्त ठंड की जानकारी दी। थल कस्बे के साथ ही डीडीहाट, धारचूला, मुनस्यारी, नाचनी आदि इलाकों में अलाव जलाने की मांग उनके सामने रखी। डीएम ने बताया कि अलाव जलाने के लिए तहसीलों कोधन दिया जा रहा है। एक-दो दिन में सभी स्थानों में अलाव जलने लगेंगे।  भुम्वाड़ी में लोक शिक्षा केंद्र का शुभारंभ  चंपावत। भारत साक्षरता मिशन के तहत पाटी विकासखंड की भुम्वाड़ी ग्राम पंचायत में लोक शिक्षा केंद्र का शुभारंभ किया गया। ग्राम प्रधान पूरन राम की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णानंद गहतोड़ी ने लोक शिक्षा केंद्र का शुभारंभ किया। इस मौके पर प्राथमिक विद्यालय भुम्वाड़ी के छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं शिक्षाप्रद लोक गीत प्रस्तुत किए। केंद्र की प्रेरक मीरा देवी एवं तुलसी प्रसाद के संचालन में हुए कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक माधवानंद शर्मा, विनोद भट्ट, रतन राम, कमला भट्ट, युवक मंगल दल अध्यक्ष कैलाश कुमार, महिला मंगल दल अध्यक्ष जानकी देवी, रमेश चंद्र भट्ट, महेश गहतोड़ी, सुंदर टम्टा, हरीश राम, परी राम, पूर्व प्रधान प्रेम राम, हरीश उपाध्याय आदि ने विचार रखे। तबादले पर तहसीलदार को विदाई  लोहाघाट। पाटी के तहसीलदार परमानंद की उत्तरकाशी में एसडीएम पद पर पदोन्नति हो गई है। पाटी में राजस्व कर्मियों ने उन्हें विदाई दी तथा नायब तहसीलदार हरसिंह रजवार को तहसीलदार का कार्यभार सौंपा गया है। रजिस्ट्रार कानूनगो रामप्रसाद आर्या की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में संजय जोशी, मोहन राम, डिकरनाथ, कानूनगो राजेंद्र नेगी, पटवारी राजीव माहरा ने उनकी कार्यप्रणाली को सराहा। निधन पर शोक जताया  लोहाघाट। डीएवी पब्लिक स्कूल के प्रबंधक बीसी मुरारी की माता देवकी मुरारी 85 का निधन हो गया है। विद्यालय में शोकसभा के बाद अवकाश घोषित किया गया।  प्रधानाचार्य अनिल श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई शोकसभा में विद्यालय परिवार ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। ब्लाक शिक्षाधिकारी सत्यनारायण, जीआईसी के प्रधानाचार्य एचएन जोशी, ओपीएस के प्रधानाचार्य लोकेश पांडेय, जीजीआईसी के गणेश पुनेठा आदि ने शोक संवेदना व्यक्त की। विधिक साक्षरता शिविर 11 को  पिथौरागढ़। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में 11 दिसंबर को पाताल भुवनेश्वर (बेरीनाग) में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया जाएगा। मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आरके मिश्रा ने यह जानकारी दी। द् Source Amar Ujala)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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आठवीं पास ने कृषि वैज्ञानिकों को मनवाया लोहा   लालपुर। 8वीं पास स्वतंत्रता संग्राम सेनानी इंद्रासन सिंह ने देश के जाने माने कृषि वैज्ञानिकों को भी अपनी उन्नतशील खेती का लोहा मनवाया था। उन्होंने मात्र दो पौधों से धान की इंद्रासन नामक नई किस्म विकसित कर सबको चौंका दिया था।  ग्राम इन्दरपुर निवासी इंद्रासन सिंह ने अपने खेत में वर्ष 1972 में धान की फसल बोई थी। मगर अज्ञात रोग के कारण पूरी फसल नष्ट हो गई। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और शेष बचे दो पौधों से नई प्रजाति विकसित की जिसे बाद में पंत विश्वविद्यालय ने उन्हीं के नाम पर इंद्रासन धान नाम से पेटेंट कराया। सिंह ने देश की आजादी के साथ ही कृषि क्षेत्र में भी जो छाप छोड़ी है पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पश्चिम बंगाल सहित देश के कई राज्यों में लोग उनके द्वारा ईजाद की गई धान की नई किस्म से उन्हें जानते हैं। उनकी इस उपलब्धि पर 5 जनवरी 2005 को तत्कालीन राष्ट्रपति कलाम ने अहमदाबाद में सेकेंड अवार्ड फॉर प्लांट वैरायटी से सम्मानित किया। और उनके अनुसंधान को राष्ट्रीय मान्यता मिली। इस प्रकार वर्ष 1972 में खोज की गई इस प्रजाति को राष्ट्रीय मान्यता मिलने में 32 वर्ष लग गए। इंद्रासन सिंह अपनी उपलब्धि के कारण देश में सदियों तक याद किए जाते रहेंगे। नोट फोटो संख्या 03 आरडीपी 11 पी। तत्कालीन राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम से पुरस्कार प्राप्त करते स्व. सिंह।  
 
Source : Amar Ujala

Devbhoomi,Uttarakhand

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कुमाऊं-भाषाविद् प्रो. शर्मा पद्मश्री के लिए चयनित
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हल्द्वानी। प्रख्यात भाषाविद् व संस्कृत के प्रकांड विद्वान प्रो. डीडी शर्मा को उत्कृष्ट लेखन व शोध के लिए लिए पद्मश्री अवार्ड के लिए चुना गया है।

पंजाब विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष पद से सेवानिवृत प्रोफेसर डीडी शर्मा दो दर्जन भारतीय व विदेशी भाषाओं में दक्ष हैं। उन्होंने 56 अनुसंधान ग्रंथों एवं 200 से अधिक अनुसंधान पत्रों का प्रकाशन किया है। उन्होंने हिमालयी क्षेत्रों में लद्दाख, लाहौर, स्पिति, किन्नौर आदि क्षेत्रों से लेकर पूर्व में नेपाल, सिक्किम व भूटान तक के क्षेत्रों की दर्जनों तिब्बत-बर्मी परिवार की भाषाओं व संस्कृतियों का सर्वेक्षण एवं अध्ययन किया है। इसके लिए उन्हें राष्ट्र की उत्कृष्ट फैलोशिप भी प्राप्त हुई हैं। इसमें जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय फेलोशिप, यूजीसी अमेरिटस फैलोशिप, इंदिरा गांधी मेमोरियल फैलोशिप आदि प्रमुख हैं। 24 अक्टूबर 1923 को नैनीताल जनपद के भीमताल कस्बे में जन्मे प्रो. शर्मा को अनूठे कार्य के लिए पद्श्रमी अवार्ड से नवाजा जाएगा। वह अभी परिवार के साथ हल्द्वानी में रह रहे हैं।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7236682.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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जसवंत सिंह को राष्ट्रपति पुलिस पदक
रादून, जागरण संवाददाता: गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति पुलिस पदकों की घोषणा कर दी गई है। अपर पुलिस अधीक्षक पौड़ी जसवंत सिंह को राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए चुना गया है। इसके अलावा पुलिस उपमहानिरीक्षक दीपक सेठ, पुलिस उपमहानिदेशक कुमार विश्वजीत, पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा, पूरन सिंह रावत व रमेश चंद्र जोशी को दीर्घ एवं सराहनीय सेवा पुलिस पदक देने की घोषणा की गई है। पौड़ी में तैनात अपर पुलिस अधीक्षक जसवंत सिंह को 38 वर्ष की अति सराहनीय सेवा के लिए विशिष्ट सेवा राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। यह पुलिस विभाग का सर्वोच्च पुरस्कार है। उन्हें पूर्व में भी राष्ट्रपति की ओर से वीरता पुलिस पदक, प्रधानमंत्री की ओर से रक्षा पुलिस पदक एवं मुख्यमंत्री की ओर से पुलिस पदक से अलंकृत किया जा चुका है। 15 वर्ष से अधिक की उत्कृष्ट सेवाओं के लिए अपर सचिव गृह के पद पर तैनात दीपक सेठ, मुख्यालय में तैनात कुमार विश्वजीत समेत तीन अन्य को दीर्घ एवं सराहनीय सेवा पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर उल्लेखनीय एवं सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक व पुलिस पदक पाने वाले प्रदेश के पुलिस अफसरों को बधाई दी है।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7234279.html




Devbhoomi,Uttarakhand

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पर्यावरण को समर्पित किया जीवन
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नाम- चक्रधर तिवारी

उम्र- 68 वर्ष

पता-किसी भी समय गोपेश्वर में सड़क किनारे पौधों की रोपाई अथवा निराई करते मिल जाएंगे।

ये उस शख्स का परिचय है, जिसने अपने जीवन का अंतिम पड़ाव पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित कर रखा है। इस सफर की शुरुआत उन्होंने अकेले ही की, पर आज भी एकला चलो रे की तर्ज पर बिना किसी हमसफर के वे अपने जुनून में मस्त हैं। अब तक सड़क किनारे वे सैकड़ों वृक्षों का रोपण कर चुके हैं। हालांकि, उनके जज्बे और जु़नून को न तो पहचान मिल सकी न सम्मान। बावजूद इसके चक्रधर तिवारी अपना अभियान जारी रखे हुए हैं। इतना ही नहीं आज उनके पसीने से सींचे गए 14 जंगल जवान होकर लहलहा रहे हैं।

चमोली जनपद के टंगसा गाव निवासी चक्रधर तिवारी ने अपना जीवन पर्यावरण को समर्पित कर रखा है। उनमें बचपन से समाज सेवा व पर्यावरण संरक्षण की ललक थी। लिहाजा स्कूल में किसी भी राष्ट्रीय त्योहार के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में वे भाषण के दौरान श्रोताओं को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना नहीं भूलते थे। जब भी श्री तिवारी को मौका मिलता तो वह एक नई पौध जरूर रोपते थे। महज 22 वर्ष की उम्र में वह एक संस्था से जुड़ गए और शराब के खिलाफ आंदोलन के साथ-साथ उन्होंने पर्यावरण के प्रति जागरुकता अभियान भी चलाया। उनके अभियान को मंजिल मिलती तब दिखाई दी, जब वे अपने गांव टंगसा के ग्रामप्रधान निर्वाचित हुए। सिरौं, टंगसा व कठूड़ तीनों राजस्व गांवों के ग्रामीणों को जागरुक कर उन्होंने आस पास के क्षेत्र में छोटे-छोटे 14 मानवकृत वनों को विकसित करने में सफलता हासिल की। पहले खेती बाड़ी कर वह अपना गुजारा कर लेते थे। आयु अधिक होने पर जब शरीर की साम‌र्थ्य कम होने लगी तो वर्ष 2007 में श्री तिवारी ने सोचा कि जिला मुख्यालय गोपेश्वर में सेवानिवृत्त कर्मचारियों का संगठन बनाकर सड़क के किनारे वृक्षारोपण किया जाए, लेकिन उन्हें अफसोस है कि एक सेवानिवृत्त फौजी राजेन्द्र सिंह नेगी के अलावा कोई अन्य व्यक्ति उनकी इस सोच का साथी नहीं बना। फिर भी हौसला रखते हुए उन्होंने राजेन्द्र सिंह के साथ गोपेश्वर में मिशन शुरू किया। इनके रोपे 630 वृक्ष तेजी से फलफूल रहे हैं। उनका कहना है कि पौध रोपण के बाद उनकी देखरेख व सुरक्षा करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। शायद यही वजह है कि वो अपने पैसों से पानी का टैंकर मंगवाकर रोपे गए पौधों की सिंचाई करते हैं।

गणतंत्र दिवस पर तिवारी होंगे सम्मानित

गोपेश्वर: जिला प्रशासन ने पर्यावरण प्रेमी चक्रधर तिवारी को गणतंत्र दिवस के दिन सम्मानित करने का निर्णय लिया है। जिलाधिकारी डॉ. पीएस गुसाई ने बताया कि गणतंत्र दिवस की तैयारियों को लेकर हाल ही में आयोजित हुई बैठक में श्री तिवारी को सम्मानित करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है।

Dainik jagran

हेम पन्त

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ओबामा प्रशासन के मुख्य कृर्षि वार्ताकार डा.इस्लाम ए सिद्दीकी से जहांगीर राजू की बातचीत।

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन में चीफ एग्रीकल्चर नेगोशिएटर के पद पर तैनात डा.इस्लाम ए सिद्दीकी ने डा. सिद्दीकी ने बताया कि हल्द्वानी के एक गरीब परिवार से अमेरिकी प्रशासन का हिस्सा बनने तक का उनका सफर काफी संषर्घपूर्ण रहा। उन्होंने कहा कि संघर्षों के बदौलत ही उन्होंने सफलता की नईं कहानी लिखी है।
पंतनगर विश्विद्यालय के दीक्षांत समारोह में डाक्टर आफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित हुए डा. सिद्दीकी ने कंहा कि पंतनगर पहुंचकर उन्हें 5१ साल पहले की यादों को ताजा करने की मौका मिला है। उन्होंने बताया कि उनके संघर्ष की कहानी में पंतनगर विश्विद्यालय के दो प्रोफेसर डा.वाईएल नैने व डा. विलियम लैम्बर्ट का अह्म योगदान रहा। उनके सहयोग से ही अपने गरीब पिता की दुकान में काम करने वाले युवक इस्लाम हो नई राह मिली। इंटरमीडिएट की परीक्षा करने के बाद उन्होंने पंतनगर विश्विद्यालय से बीएससी की पढ़ाई की। छोटे भाई रईस अहमद सिद्दीकी को प्रेरणा श्रोत मानने वाले डा.सिद्दीकी बताते हैं कि उनकी मदद से ही वह अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ा पाए। वर्ना जिस घर में पढऩे तक के लिए लाइट न हो वह बच्चा सडक़ की रोशनी में पढ़ाई कर अमेरिका तक का सफर कैसे तय कर पाता।
 डा. सिद्दीकी का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति में लगन व कड़ी मेहनत करने का जज्बा हो तो वह किसी सफलता को हासिल कर सकता है। वह नई युवा पीढ़ी से आवाह्न करते हैं कि वह कड़ी मेहनत कर अपने सबसे ऊंचे गोल को प्राप्त करें। डा. सिद्दीकी ने बताया कि उन्होंने बताया कि तमाम अभावों के बावजूद समय रहते अपनी  पढ़ाई पूरी की। जिसकी बदौलत वह अमेरिकी प्रशासन का हिस्सा बने। वह कहते हैं कि वर्तमान पीढ़ी के पास तमाम संसाधन हैं, ऐसे में वह कड़ी मेहनत के जरिए सफलता हासिल कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कृषि कार्य काफी तकलीफदेह है। ऐसे में यहां के वैज्ञानिकों को चाहिए कि वह किसानों की परेशानियों को दूर करने लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में गेहूं व धान के बजाए फ्रूट बैल्ट विकसित करने के क्षेत्र में कार्य किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति कम होना चिंता का विषय है। इस स्थिति में यहां किसानों को लैग्यूनिश फसलें या हरी खादों को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देकर भी कृषि भूमि की उर्वरा शाक्ति को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश के किसानों को आर्थिक रुप से समृद्ध बनाने के लिए उन्हें दलालों से मुक्त किया जाना जरुरी है। जिसके लिए किसानों को बाजार भावों की लगातार सूचना देने के लिए नए तंत्र को विकसित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में लगातार कम हो रही कृषि भूमि चिंता का विषय है, ऐसे में हमारे लिए जरुरी है कि उद्योग व कृषि क्षेत्र में संतुलत बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा कि यदि एसईजेड से कृषि भूमि समाप्त होती जाएगी तो एक दिन हमारी फूड सेक्योरिटी खतरे में पढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि कृषि भी अब एक उद्योग के रुप में स्थापित हो रहा है। ऐसे में कृषि बेस उद्योगों को बढ़ावा देकर कृषि के विकास में अहम योगदान दिया जा सकता है।
डा.सिद्दीकी ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन कृषि के क्षेत्र में भारत को तमाम क्षेत्रों में सहयोग दे रहा है। उन्होंने बताया कि बुश प्रशासन के समय में भारत को क्लेमेट चौंज, कोल्ड स्टोरेज व मार्केटिंग इनर्फाेमेशन के क्षेत्र में सहयोग कर रहा है। इसी परंपरा को आगे बढऩे के लिए ओबामा प्रशासन भी कार्य कर रहा है।

Source - http://dewalthalpost.blogspot.com/2011/05/blog-post_21.html

हेम पन्त

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टर्की व बहरीन में जाकर इस्लामिक बैंकिंग पर करेगा शोध


जामिया के सेंटर फार बैस्ट एशियन स्टडीज से मिली स्कालरशिप

जहांगीर राजू, रुद्रपुर



पार्लियामेंट हाउस में 14 मई को इस्लामिक बैंकिंग पर हुए अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार में रुद्रपुर निवासी टेलर तर्ररार हसन खां का बेटा कासिफ हसन खां व्याख्यान दिया। कासिफ इस सेमिनार में भागीदारी के बाद टर्की व बहरीन में जाकर इस्लामिक बैंकिंग पर शोध करेगा।
कासिफ हसन खां के पिता तर्ररार हसन खां की गुरद्वारा रोड पर माडेस्ट टेलर्स नाम से दुकान है। कासिफ ने बताया कि पिता ने अभावों में रहकर उन्हें पढ़ाया है। इंटरमीडिएट तक की शिक्षा रुद्रपुर से पूरी करने के बाद उसने कुमाऊं विश्विद्यालय से एमकाम किया। वर्तमान में वह जामिया मिलिया इस्लामिया विश्विद्यालय दिल्ली सेंटर फार बैस्ट एशियन स्टडीज से पीएचडी का छात्र है। वह इस्लामिक बैंकिंग या इंट्रस्ट फ्री बैंकिंग पर शोध कर रहा है। कासिफ ने बताया कि अरब कंट्री समेत वेस्ट एशिया के तमाम बैक व संस्थाएं भारत में पूंजी निवेश करना चाहती हैं, लेकिन देश में इंट्रस्ट फ्री बैंकिंग व इस्लामिक बैंकिंग व्यवस्था नहीं होने के कारण वह पूंजी निवेश नहीं करते हैं।
 उन्होंने बताया कि यदि देश में इंट्रस्ट फ्री बैंकिंग व्यवस्था लागू हो जाए तो अरब देशों से यहां काफी मात्रा में विदेशी निवेश कराया जा सकता है, जबकि विश्व के अन्य तमाम देशों में अरब देश पूंजी निवेेश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों टर्की का आशिया बैंक व कुवैत फाइनैंस हाउस ने भारत में पूंजी निवेश का मन बनाया था, लेकिन आरबीआई की अनुमति नहीं मिल पाने के कारण यह पहल आगे नहीं बढ़ सकी। इसी मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए 14 मई को पार्लियामेंट हाउस में इंस्टीट्यूट आफ आबजेक्टिव स्टडीज की पहल पर इस्लामिक बैंकिंग पर अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में वह अरब देशों का भारत में पूंजी निवेश की संभावना विषय पर व्याख्यान देंगे। उन्होंने बताया कि इस सेमिनार में राज्य सभा के चेयरमैन डा.के रहमान खां, भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी डायरेक्टर डा.टीआर मेहता समेत यूएसए, मलेशिया, सउदी अरब, बहरीन, टर्की समेत तमाम वेस्ट एशिया देशों के प्रतिनिधि भागीदारी करेंगे। कासिफ ने बताया कि इस सेमिनार में भागीदारी के बाद वह 15 मई को टर्की के लिए रवाना होंगें। टर्की में 20 दिन तक रहकर वह वहां की बैंकिंग व्यवस्था पर शोध करेंगे। इसके बाद वह बहरीन में रहकर  इस्लामिक बैंकिंग का अध्ययन करेंगे।

Source - http://dewalthalpost.blogspot.com/2011/05/blog-post_9930.html

 

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