उत्तराखंड की दो हस्तियों को मिला पद्म पुरस्कार
देश के जाने-माने भूगर्भ वैज्ञानिक डॉ. केएस वल्दिया को भूगर्भ क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर पद्म भूषण सम्मान मिला है। मूलत: पिथौरागढ़ के रहने वाले और वर्तमान में नैनीताल में रह रहे डॉ. वल्दिया कुमाऊं विवि के कुलपति भी रह चुके हैं।
साथ ही कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए मूल रूप से अल्मोड़ा के स्युनराकोट निवासी गीतकार को प्रसून जोशी को पद्मश्री अवॉर्ड मिला है।
प्रो. वाल्दिया ने जियोलाजी ऑफ कुमाऊं लेसर हिमालय, डायनामिक हिमालया, नैनीताल एंड ईस्ट एनवायरमेंटल जियोलाजी, एक थी नदी सरस्वती, जियोलॉजी, एनवायरमेंट एंड सोसाइटी आदि किताबें लिखी हैं। पद्म भूषण पुरस्कार की जानकारी मिलते ही नैनीताल स्थित उनके आवास पर बधाई देने वालों का तांता लग गया।
उत्तराखंड को गौरवान्वित करने वाले गीतकार प्रसून जोशी के पिता शिक्षा विभाग में अधिकारी के रूप में कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में सेवाएं दे चुके हैं। प्रसून की रिश्तेदारी चौसार में है, जहां उनका कभी-कभी जाना-आना होता है।
रख्यात भूवैज्ञानिक डॉ. केएस वल्दिया को पद्मभूषण सम्मान मिलने से पिथौरागढ़ जिले के लोग गौरवान्वित हैं। इससे पहले 2007 में डॉ. वल्दिया को पद्मश्री सम्मान मिल चुका है। 20 मार्च 1937 को जन्मे डॉ. वल्दिया ने 1963 में लखनऊ विश्वविद्यालय से पीएचडी की।
उन्होंने पिथौरागढ़ जिले के कई कॉलेजों में शिक्षण का काम भी किया। इसके अलावा वह जेएनयू में भी अध्यापन का काम कर चुके हैं। इस समय वह बंगलूरू में भूवैज्ञानिक संस्थान में कार्यरत हैं। उनको 2007 में भूविज्ञान और पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम के लिए पद्मश्री सम्मान मिला।
डॉ. वल्दिया का मकान यहां घंटाकरण में है। वह वर्ष में एक बार गर्मियों में यहां परिवार सहित रहने आते हैं। डॉ. वल्दिया ने पिथौरागढ़ में मैग्नेसाइट की उपलब्धता की खोज की थी। उन्होंने यहां के भूवैज्ञानिक स्थिति का गहराई से अध्ययन किया। वह भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील पिथौरागढ़ में हो रहे अनियोजित विकास को लेकर कई बार चिंता जता चुके हैं।
डॉ. वल्दिया ने 1992 में यहां आयोजित एक व्याख्यान में लोगों को चेताया था कि आने वाले समय में इस इलाके में भूकंप आ सकता है। वह आज भी लोगों को जमीन के अंदर होते रहने वाली हलचलों के प्रति आगाह करते रहते हैं।
डॉ. वल्दिया को पद्मभूषण सम्मान मिलने पर देवसिंह इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक पंत ने कहा कि इसके वह हकदार हैं। हिमालयन ग्राम विकास समिति गंगोलीहाट के कार्यक्रमों में डॉ. वल्दिया कई बार हिस्सा ले चुके हैं। समिति के अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट ने कहा कि डा. वल्दिया को यह सम्मान मिलना पूरे उत्तराखंड के लिए खुशी की बात है। (amar ujala)