दोस्तो,
नवेँबर 2006 को मेरे गांव सिरकोट में देवी भगवती कि नाम पर शेओपाति उत्सव मनया गया था। सिरकोट, जिला बागेश्वर में पडता है--ग्वलदम से लगभग 5 किलोमीटर पहले आता है। मेरा ज्ञान इस विशय मेन सीमित है पर जितना पता है उतना बताने कि कोशिश है।
जहाँ तक मेरा अंदजा है यह आठो से बिलकुल मिलता जुलता है, इसमे सिर्फ़ बलि कि प्रथा नहि है और यह सात दिनो तक मनसया जाता है।
इसमे 1)देवि भगवती के साथ इश्ट देवता और भूमि देवता जैसे 2)गोलु देवता, 3)हनुमन, 4)छुरमल 5)काली, 6)नरसिंह, 7)लाटु, "8") मधनदाणु इत्यदि नाचते है।
और इसमे हर बढते हुए दिन के साथ, नाचने कि अवधि बदति जाती है।
आखरी दिन देवि कि डोली उठायी जाति है।
ऊपर पंकज जि ने बहूत जानकरी दि हि, में उनको न दोहरकर अन्य पहलु पर प्रकाश डालुंगा।
यह मेरे लिये इतने बडे उत्सव में सम्मलित होने का यह पहला मौका था।
(जैसा मैने पहले कहा, मेरा ज्ञान इस विशय में सिमित है, अगर आप के पास और जानकारी हो तो कृपया मुझि अवगत कराये, मे उपने पोसट मे बदलव कर लुंगा)
प्रस्तुत है इस उत्सव कि कुछ झलकियाँ: