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Articles By Esteemed Guests of Uttarakhand - विशेष आमंत्रित अतिथियों के लेख / Re: Articles By Shri D.N. Barola - श्री डी एन बड़ोला जी के लेख
« Last post by D.N.Barola / डी एन बड़ोला on October 18, 2022, 12:24:34 PM »माननीय मुख्य मंत्री श्री पुष्कर धामी जी के विचारार्थ !
1)चार धाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों की अनियंत्रित भीड़ को देखते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि तीर्थ यात्रियों को चार धाम यात्रा का अवसर साल में केवल एक ही बार मिलेगा, तीर्थ यात्री अगले साल से एक से ज्यादा बार चार धाम यात्रा में नहीं जा पायेंगे ! इससे उन सभी श्रद्धालुओं को बहुत मानसिक कष्ट होगा जो बद्रीनाथ जी के कपाट खुलने व बंद होने समय प्रति वर्ष नियमित रूप से वहाँ जाते है ! इसके अतिरिक्त उत्तराखंड के उन तीर्थ यात्रियों को भी, जो अक्सर बद्रीनाथ जी के दर्शन हेतु जाते रहते हैं ! मंत्री जी का कथन सही है कि चार धाम यात्रा के इतिहास में पहली बार तीर्थ यात्रियों की संख्या का नया रिकॉर्ड बन रहा है और भीड़ संभाले नहीं संभल पा रही है ! इस भीड़ को संभालने के लिए मंत्री जी ने कहा कि चार धाम यात्रा में प्रतिबन्ध लगाना पढ़ सकता है !
2)इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ‘कुमायूं में चार धाम मान्यता अभियान’ के संयोजक डी एन बड़ोला ने मुख्य मंत्री धामी जी से अपील की है कि चार धाम यात्रा में अभूतपूर्व ब्रद्धि को देखते हुए बद्रीनाथ धाम से लौटते तीर्थ यात्रिओं को कर्णप्रयाग हाईवे से होते हुए कुमायूं के नए प्रस्तावित धामों के दर्शन हेतु जागेश्वर धाम, हाट कालिका मंदिर व पातळ भुवनेश्वर मंदिरों, जिन तीनों मंदिरों को 8वी शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित किया था, उनके दर्शन हेतु भेजे हेतु भेजने हेतु सुविधा दी जाय और उनके लिए आवश्यक इंतजाम लिए जाय ! इन मंदिरों को तीर्थ यात्रिओं के लिए खोल देना चाहिए ! उक्त तीनों मंदिर सरकार द्वारा पहले से ही मंदिर माला मिशन के अंतर्गत शामिल किये जा चुके हैं !
इसके अतिरिक्त कल्यानिका कनरा- डोल आश्रम में 1760 किलो वजनी अष्टधातु से बने विश्व के सबसे बड़े श्री यंत्र की स्थापना के उदघाटन के अवसर पर 18 अप्रैल,1918 को तत्कालीन राज्यपाल डॉ के के पॉल ने घोषणा की कि विश्व प्रसिद्द ‘श्री कल्याणिका हिमालयन देवस्थानम न्यास कनरा-डोल (डोल आश्रम)’ को उत्तराखंड के पांचवे धाम के रूप में पहिचाना जाएगा l उन्होंने कहा -https://www.youtube.com/watch?app=desktop&v=VVfVNJUZ8_M “उत्तराखंड की देवभूमि अपने चार धाम के लिए तो जानी जाती है लेकिन अब यह आश्रम उत्तराखंड का पांचवां धाम बनने जा रहा है ! अपने उदघाटन भाषण में उत्तराखंड के तत्कालीन राज्यपाल डॉ० केके पॉल ने कहा कि डोल आश्रम को पांचवे धाम के नाम से पहिचाना जाएगा l”
3)यदि चार धाम यात्रियों को कुमायूं में चार धाम यात्रा के नए तीर्थ स्थलों के दर्शन करवाने के लिए कर्णप्रयाग हाई वे द्वारा रानीखेत-अल्मोड़ा एवं पूरे कुमायूं क्षेत्र हेतु प्रेरित किया जा सके तो कुमायूं की आर्थिकी में बहुत सकारात्मक बदलाव आएगा तथा पर्यटन एवं धर्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा !
4)कुमायूं के यह चार धाम बारह माह खुले रहते हैं ! अगले वर्ष जब बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे नए रिकॉर्ड बनने निश्चित है l उस समय किसी भी परेशानी से बचने के लिए श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ को बद्रीनाथ से कर्णप्रयाग हाईवे से रानीखेत– अल्मोड़ा एवं पूरे कुमायूं को तीर्थ यात्री नए तीर्थों के व नए पर्यटक स्थलों की खोज एवं नवीन एडवेंचर की खोज करने हेतु पर्यटकों को नए स्थलों की खोज का भी आनंद मिलेगा ! वह पौराणिक काल के हमारे अनेक मंदिरों के साक्षात् दर्शन भी कर पायेंगे !
5) हवाई यात्रिओं के लिए जहां एक तरफ जॉली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून में है तो कुमायूं से वापस अपने गंतव्य जाने के लिए भी नैनी सैनी हवाई यात्रा उनका इन्तजार करता मिलेगा ! इस प्रकार उनकी यात्रा अत्यंत शुभ रहेगी !
डी एन बड़ोला
संयोजक.
कुमायूं में चार धाम मान्यता सोसियल मीडिया अभियान, बड़ोला कॉटेज, रानीखेत
1)चार धाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों की अनियंत्रित भीड़ को देखते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि तीर्थ यात्रियों को चार धाम यात्रा का अवसर साल में केवल एक ही बार मिलेगा, तीर्थ यात्री अगले साल से एक से ज्यादा बार चार धाम यात्रा में नहीं जा पायेंगे ! इससे उन सभी श्रद्धालुओं को बहुत मानसिक कष्ट होगा जो बद्रीनाथ जी के कपाट खुलने व बंद होने समय प्रति वर्ष नियमित रूप से वहाँ जाते है ! इसके अतिरिक्त उत्तराखंड के उन तीर्थ यात्रियों को भी, जो अक्सर बद्रीनाथ जी के दर्शन हेतु जाते रहते हैं ! मंत्री जी का कथन सही है कि चार धाम यात्रा के इतिहास में पहली बार तीर्थ यात्रियों की संख्या का नया रिकॉर्ड बन रहा है और भीड़ संभाले नहीं संभल पा रही है ! इस भीड़ को संभालने के लिए मंत्री जी ने कहा कि चार धाम यात्रा में प्रतिबन्ध लगाना पढ़ सकता है !
2)इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ‘कुमायूं में चार धाम मान्यता अभियान’ के संयोजक डी एन बड़ोला ने मुख्य मंत्री धामी जी से अपील की है कि चार धाम यात्रा में अभूतपूर्व ब्रद्धि को देखते हुए बद्रीनाथ धाम से लौटते तीर्थ यात्रिओं को कर्णप्रयाग हाईवे से होते हुए कुमायूं के नए प्रस्तावित धामों के दर्शन हेतु जागेश्वर धाम, हाट कालिका मंदिर व पातळ भुवनेश्वर मंदिरों, जिन तीनों मंदिरों को 8वी शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित किया था, उनके दर्शन हेतु भेजे हेतु भेजने हेतु सुविधा दी जाय और उनके लिए आवश्यक इंतजाम लिए जाय ! इन मंदिरों को तीर्थ यात्रिओं के लिए खोल देना चाहिए ! उक्त तीनों मंदिर सरकार द्वारा पहले से ही मंदिर माला मिशन के अंतर्गत शामिल किये जा चुके हैं !
इसके अतिरिक्त कल्यानिका कनरा- डोल आश्रम में 1760 किलो वजनी अष्टधातु से बने विश्व के सबसे बड़े श्री यंत्र की स्थापना के उदघाटन के अवसर पर 18 अप्रैल,1918 को तत्कालीन राज्यपाल डॉ के के पॉल ने घोषणा की कि विश्व प्रसिद्द ‘श्री कल्याणिका हिमालयन देवस्थानम न्यास कनरा-डोल (डोल आश्रम)’ को उत्तराखंड के पांचवे धाम के रूप में पहिचाना जाएगा l उन्होंने कहा -https://www.youtube.com/watch?app=desktop&v=VVfVNJUZ8_M “उत्तराखंड की देवभूमि अपने चार धाम के लिए तो जानी जाती है लेकिन अब यह आश्रम उत्तराखंड का पांचवां धाम बनने जा रहा है ! अपने उदघाटन भाषण में उत्तराखंड के तत्कालीन राज्यपाल डॉ० केके पॉल ने कहा कि डोल आश्रम को पांचवे धाम के नाम से पहिचाना जाएगा l”
3)यदि चार धाम यात्रियों को कुमायूं में चार धाम यात्रा के नए तीर्थ स्थलों के दर्शन करवाने के लिए कर्णप्रयाग हाई वे द्वारा रानीखेत-अल्मोड़ा एवं पूरे कुमायूं क्षेत्र हेतु प्रेरित किया जा सके तो कुमायूं की आर्थिकी में बहुत सकारात्मक बदलाव आएगा तथा पर्यटन एवं धर्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा !
4)कुमायूं के यह चार धाम बारह माह खुले रहते हैं ! अगले वर्ष जब बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे नए रिकॉर्ड बनने निश्चित है l उस समय किसी भी परेशानी से बचने के लिए श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ को बद्रीनाथ से कर्णप्रयाग हाईवे से रानीखेत– अल्मोड़ा एवं पूरे कुमायूं को तीर्थ यात्री नए तीर्थों के व नए पर्यटक स्थलों की खोज एवं नवीन एडवेंचर की खोज करने हेतु पर्यटकों को नए स्थलों की खोज का भी आनंद मिलेगा ! वह पौराणिक काल के हमारे अनेक मंदिरों के साक्षात् दर्शन भी कर पायेंगे !
5) हवाई यात्रिओं के लिए जहां एक तरफ जॉली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून में है तो कुमायूं से वापस अपने गंतव्य जाने के लिए भी नैनी सैनी हवाई यात्रा उनका इन्तजार करता मिलेगा ! इस प्रकार उनकी यात्रा अत्यंत शुभ रहेगी !
डी एन बड़ोला
संयोजक.
कुमायूं में चार धाम मान्यता सोसियल मीडिया अभियान, बड़ोला कॉटेज, रानीखेत