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Culture of Uttarakhand - उत्तराखण्ड की संस्कृति / Re: House Wood carving Art /Ornamentation Uttarakhand ; उत्तराखंड में भवन काष्ठ कल
« Last post by Bhishma Kukreti on September 16, 2022, 06:34:16 AM »खुबानी (जह्रीखाल , पौड़ी गढवाल ) में भवन संख्या ३ के पहले तल में काष्ठ कला
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Tibari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Khubani, Jahrikhal Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन--648
संकलन - भीष्म कुकरेती
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आज खुबानी के दूसरे भवन में जंगले की काष्ठ कला पर चर्चा होगी। प्रस्तुत चित्र में दो जंगलेदार भवन हैं आज पहले तल पर स्थापित जंगले की काष्ठ कला पर चर्चा होगी। प्रस्तुत भवन दुपुर व दुखंड है। आधार तल पर कोई काष्ठ संरचना के दर्शन नहीं हो रहे हैं। पहले तल में आकर्षक जंगला बंधा है जो भवन को प्रसिद्धि दिलाने में सफल हुआ है।
भवन में काष्ठ छज्जा स्थापित है जिस पर दस स्तम्भों से अधिक का जंगल बंधा है। जंगल की विशेषता यह है कि जंगले के बड़े स्तम्भों के ऊपरी भागों में तोरणम निर्मित हुए हैं। तोरणम के स्कंध में संभवतया बेल बूटों की कला अंकित हुयी है।
मुख्य जंगले के आधार पर एक अन्य जंगला स्थापित हुआ है। काष्ठ छज्जे के ऊपर एक दो फिट के ऊपर एक कड़ी (रेलिंग ) है व जिस पर लघु स्तम्भ स्थापित हुए हैं। यह आधार का जंगल व मुख्य जंगले पर तोरणम इस भवन को विशेष बना देते हैं।
भवन में ज्यामितीय कटान की ही कला है किन्तु आकर्षक शैली है। संभवतया तोरणम में प्राकृतिक अलंकरण हुआ है।
सूचना व फोटो आभार: रघुबीर सिंह बिष्ट
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
Tibari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Pauri Garhwal to be continued
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन निरंतर चलता रहेगा
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Tibari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Khubani, Jahrikhal Pauri Garhwal
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन--648
संकलन - भीष्म कुकरेती
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आज खुबानी के दूसरे भवन में जंगले की काष्ठ कला पर चर्चा होगी। प्रस्तुत चित्र में दो जंगलेदार भवन हैं आज पहले तल पर स्थापित जंगले की काष्ठ कला पर चर्चा होगी। प्रस्तुत भवन दुपुर व दुखंड है। आधार तल पर कोई काष्ठ संरचना के दर्शन नहीं हो रहे हैं। पहले तल में आकर्षक जंगला बंधा है जो भवन को प्रसिद्धि दिलाने में सफल हुआ है।
भवन में काष्ठ छज्जा स्थापित है जिस पर दस स्तम्भों से अधिक का जंगल बंधा है। जंगल की विशेषता यह है कि जंगले के बड़े स्तम्भों के ऊपरी भागों में तोरणम निर्मित हुए हैं। तोरणम के स्कंध में संभवतया बेल बूटों की कला अंकित हुयी है।
मुख्य जंगले के आधार पर एक अन्य जंगला स्थापित हुआ है। काष्ठ छज्जे के ऊपर एक दो फिट के ऊपर एक कड़ी (रेलिंग ) है व जिस पर लघु स्तम्भ स्थापित हुए हैं। यह आधार का जंगल व मुख्य जंगले पर तोरणम इस भवन को विशेष बना देते हैं।
भवन में ज्यामितीय कटान की ही कला है किन्तु आकर्षक शैली है। संभवतया तोरणम में प्राकृतिक अलंकरण हुआ है।
सूचना व फोटो आभार: रघुबीर सिंह बिष्ट
यह लेख भवन कला संबंधित है . भौगोलिक स्थिति व मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
Tibari, Traditional House Wood Art and Carving Art in House of, Pauri Garhwal to be continued
पौड़ी गढ़वाल, के भवनों (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण, उत्कीर्णन , अंकन निरंतर चलता रहेगा