41
Culture of Uttarakhand - उत्तराखण्ड की संस्कृति / Re: House Wood carving Art /Ornamentation Uttarakhand ; उत्तराखंड में भवन काष्ठ कल
« Last post by Bhishma Kukreti on August 30, 2022, 04:03:56 PM »मझेरा (भिकियासैण , अल्मोड़ा ) के एक भवन की छाज में काष्ठ कला
Traditional House Wood Carving art of, Majhera , Bihkhiyasain Almora, Kumaon
कुमाऊँ , के भवन में ( बाखली ,तिबारी, निमदारी ,, छाज ) कुमाऊं की ' काष्ठ कला अंकन , अलंकरण, उत्कीर्णन - 635
संकलन - भीष्म कुकरेती
-
अल्मोड़ा से अच्छी संख्या में काष्ठ कलायुक्त भवनों की सूचनायें मिल रही है। आज इसी क्रम में मझेरा अल्मोड़ा के एक भवन के छाज में काष्ठ कला , काष्ठ उत्कीर्णन पर चर्चा होगी।
प्रस्तुत भवन का छाज पहले तल में ही है।
छाज के स्तम्भ /सिंगाड़ युग्म में हैं व मध्य में एक जालीदार नुमा कड़ी है व दोनों ओर उत्कीर्ण युक्त स्तम्भ हैं। ये स्तम्भ कला में एक जैसे ही हैं। स्तम्भ के आधार में उल्टे कमल दल का चित्र उत्कीर्णित हुआ है व ऊपर लम्ब रूप से कटे बंद गोभी की कला दृष्टिगोचर हो रही हैं। ऊपर ड्यूल हैं फिर ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प उत्कीर्णित हुए हैं। इसके ऊपर लौकी नुमा आकृति कटी हैं व फिर ऊपर उलटे कमल दल , ड्यूल व उर्घ्वगामी कमल दल हैं। इसके बाद कड़ी में लच्छेदार कला उत्कीर्ण हुयी हैं। सबसे ऊपर स्तम्भ ऊपर के शीर्ष में बदल जाते हैं। शीर्ष कलयुक्त हैं।
शीर्ष में खिन भी देव मूर्ति उत्कीर्ण नहीं हुयी है।
निष्कर्ष नीलता है कि खवन के छाज में प्राकृतिक व ज्यामितीय अलंकरण कला उत्कीर्ण हुयी हैं।
सूचना व फोटो आभार : बलवंत सिंह
यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत संबंधी। . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: नाम /नामों में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022
Traditional House Wood Carving art of, Majhera , Bihkhiyasain Almora, Kumaon
कुमाऊँ , के भवन में ( बाखली ,तिबारी, निमदारी ,, छाज ) कुमाऊं की ' काष्ठ कला अंकन , अलंकरण, उत्कीर्णन - 635
संकलन - भीष्म कुकरेती
-
अल्मोड़ा से अच्छी संख्या में काष्ठ कलायुक्त भवनों की सूचनायें मिल रही है। आज इसी क्रम में मझेरा अल्मोड़ा के एक भवन के छाज में काष्ठ कला , काष्ठ उत्कीर्णन पर चर्चा होगी।
प्रस्तुत भवन का छाज पहले तल में ही है।
छाज के स्तम्भ /सिंगाड़ युग्म में हैं व मध्य में एक जालीदार नुमा कड़ी है व दोनों ओर उत्कीर्ण युक्त स्तम्भ हैं। ये स्तम्भ कला में एक जैसे ही हैं। स्तम्भ के आधार में उल्टे कमल दल का चित्र उत्कीर्णित हुआ है व ऊपर लम्ब रूप से कटे बंद गोभी की कला दृष्टिगोचर हो रही हैं। ऊपर ड्यूल हैं फिर ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प उत्कीर्णित हुए हैं। इसके ऊपर लौकी नुमा आकृति कटी हैं व फिर ऊपर उलटे कमल दल , ड्यूल व उर्घ्वगामी कमल दल हैं। इसके बाद कड़ी में लच्छेदार कला उत्कीर्ण हुयी हैं। सबसे ऊपर स्तम्भ ऊपर के शीर्ष में बदल जाते हैं। शीर्ष कलयुक्त हैं।
शीर्ष में खिन भी देव मूर्ति उत्कीर्ण नहीं हुयी है।
निष्कर्ष नीलता है कि खवन के छाज में प्राकृतिक व ज्यामितीय अलंकरण कला उत्कीर्ण हुयी हैं।
सूचना व फोटो आभार : बलवंत सिंह
यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत संबंधी। . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: नाम /नामों में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2022