उत्तरकाशी। बरसात ने यात्रा सीजन की रंगत बिगाड़ दी है। सीजन की शुरूआत में दर्ज की गई रिकार्ड तादाद के उलट अब तीर्थयात्री व पर्यटक नदारद हैं। गंगोत्री व यमुनोत्री धाम सहित अन्य पर्यटक स्थल सूने नजर आ रहे हैं।
गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में इस बार सीजन की शुरुआत काफी बेहतर रही। बीते सालों की तुलना में इस बार रिकार्ड तीर्थयात्रियों व पर्यटकों की आमद से पर्यटन व्यवसायियों के चेहरे खिले हुए थे। पंद्रह दिन के बाद यानी जून के पहले सप्ताह से ही यात्रियों की तादाद में भारी गिरावट देखी जाने लगी। जुलाई माह का पहला पखवाड़ा भी इस मामले में निराश करने वाला रहा। उसके बाद शुरू हुई बरसात ने तो इस साल बेहतर सीजन की उम्मीदों पर और भी पानी फेर दिया। देशी पर्यटकों के साथ ही इस बार विदेशी पर्यटकों की आमद भी बहुत कम दर्ज की जा रही है। इससे गंगोत्री व यमुनोत्री धाम समेत अन्य पर्यटक स्थल सूने नजर आ रहे हैं। हालांकि 25 जुलाई के बाद का समय कांवड़ यात्रा के नाम रहा, जिससे तीर्थयात्रियों व पर्यटकों की तादाद बढ़ने की संभावना भी जाती रही। ऊपर से आए दिन दरकते पहाड़ों व टूटती सड़कों ने बाहर से आने वालों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी लंबी यात्रा करने से रोका हुआ है। यात्रा व्यवस्थाओं पर नजर डालें प्रशासन के पास आपदा की स्थिति से निपटने के लिये बहुत अधिक संसाधन मौजूद नहीं है। इस संबंध में चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष सूरतराम नौटियाल ने बताया कि बरसात के दौरान हर साल यात्रा प्रभावित होती है। फिर भी जो तीर्थयात्री व पर्यटक पहुंच रहे हैं उनकी सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। राजमार्गो के बंद होने की स्थिति में उन्हें शीघ्र ही खुलवाने के लिये संसाधन जुटाए गये हैं.
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