रुद्रप्रयाग से कोटेश्वर महादेव आने के लिए रुद्रप्रयाग से जीप आदि वाहन उपलब्ध होते हैं वैसे अपने वाहन से भी आया जा सकता है यह स्थान रुद्रप्रयाग से मात्र तीन किलोमीटर दूरी पर है।
रुद्रप्रयाग से विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ तीर्थ मात्र 75 किलोमीटर दूर है तथा धरती का मोक्ष बदरीनाथ धाम 165 किलोमीटर दूरी पर है। रुद्रप्रयाग से यहां के लिए जीप आदि वाहन मिल जाते हैं। यहां वर्षभर कभी भी आया जा सकता है। यहां कोई होटल या रिर्साट नहीं है लेकिन धर्मशाला जरूर है। जिसकी देखरेख यहां रहने वाले साधु महात्मा ही करते हैं। पास में ही रुद्रप्रयाग आसानी से ठहरा जा सकता है। यहां आने के लिए हमेशा गरम कपड़े, टार्च तथा जीवन रक्षक दवाइयां आदि लेेकर आना चाहिए।
आज यहां पर अन्य मंदिर तथा आवासीय धर्मशालायें बन चुकी हैं लेकिन पौराणिक मंदिर जो कि गुफा में हैं उनकी पूजा सर्वप्रथम तथा मुख्य रूप से की जाती है। सावन माह में यहां दिन रात सैकड़ों भक्त अपनी फरियाद लेकर भोले बाबा की शरण में आते हैं। देश विदेश से आने वाले भक्तों को देखकर लगता है कि बाबा भोलेनाथ के आशीर्वाद के लिए लोग अपने आप खिंचे चले आते हैं।
रुद्रप्रयाग समीप होने के कारण यहां पर विशेष परेशानी नहीं होती है। अगर कभी रुद्रप्रयाग आना हो तो कोटेश्वर महादेव जरूर आयें यहां आकर आपको एक अलग ही प्रकार की शांति तथा आनन्द का अनुभव होगा। क्योंकि यह तीर्थ स्थान एक तो घाटी में है व अलकनन्दा आपके करीब से बहकर निकलती है। निश्चित ही आपको यहां आकर सुकून तथा अलग सा अनुभव होता हैं। ठहरने के लिए रुद्रप्रयाग में होटल तथा अनेक रेस्ट हाउस पर्याप्त संख्या में हैं।
यात्रा सीजन आवास की पहले व्यवस्था की जाये तो उचित रहेगा। वैसे रुद्रप्रयाग में ठहरने व खाने आदि का उचित प्रबन्ध है। बस आप अगर हिमालय की वादियों की ओर आ रहे हैं और वह भी रुद्रप्रयाग की ओर तो कोटेश्वर महादेव जरूर आयें यहां आकर आपको स्वयं ही अनुभव होगा कि आप एक अनुपम सौर्न्दय से युक्त तीर्थ स्थान में हैं।