गढ़वाल के विभिन्न स्थानों पर स्थापित दुर्गा एवं उसके विभिन्न स्वरुपों के महत्वपूर्ण मन्दिर निम्न हैं।
मन्दाकिनी घाटी में कालीमठ नामक स्थल पर स्थित महाकाली, महासरस्वती, महालक्ष्मी एवं हरगौरी मन्दिर
धनौल्टी (मसूरी) के निकट स्थित सरकन्डा देवी मन्दिर
हिन्डोलाखाल-टिहरी मार्ग पर स्थित चन्द्रवदनी देवी मन्दिर
कालीफट में फांगू का दुर्गा मन्दिर
बिचाला नागौर में स्थित दुर्गा मन्दिर
तल्ला उदयपुर में स्थित भवानी मन्दिर
कल्बंगवारा दुर्गा मन्दिर जहाँ देवी ने रक्तबीज का वध किया था
बिरौन, बिचला नागपुर एवं उदयपुर पट्टी (खेरा) में स्थित चामुन्डा देवी मन्दिर
श्रीनगर में स्थित ज्वालपा देवी मन्दिर
तपोवन में स्थित गौरी मन्दिर
जोशीमठ में स्थापित नवदुर्गा मन्दिर
श्रीनगर एवं अजबपुर (देहरादून) में स्थित शीतला देवी मन्दिर
बसन्त ऋतु में एवं दशहरे से ठीक पहले शरद ऋतु में नौ दिनो तक देवी दुर्गा की पूजा पूर्ण श्रृद्धा के साथ की जाती है। इन नौ दिनो को नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है एवं इन दिनो को विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्यों के लिए अत्याधिक शुभ माना जाता है।