अद्भुत फूल देखते है कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग के छियालेख में
धारचूला/पिथौरागढ़ (
कृष्णा गर्ब्याल)। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग में बूंदी से छियालेख तक तीन किमी की कठिन चढ़ाई है। जैसे ही छियालेख पहुंचते हैं वहां
विस्तृत घाटी में खिले रंग-बिरंगे फूल यात्रियों की थकान दूर कर देते हैं। मान्यता है कि भगवान राम ने कैलास मानसरोवर की यात्रा के
समय छियालेख में सीता के लिए कुटी बनाई थी और कई प्रकार के पौधे लगाए थे। स्थानीय लोग तो यहां तक कहते हैं कि इन फूलों में
संजीवनी बूटी भी मौजूद है। इसे स्थानीय बोली में ऐंपा मर्ती कहा जाता है। हालांकि यह बात अलग है कि अब इस प्रजाति के फूलों को
पहचानने वाले नहीं हैं।
छियालेख में एक विस्तृत मैदान में जुलाई अंत से इन फूलों का खिलना शुरू हो जाता है और अक्टूबर तक यह अपनी छटा बिखेरते रहते
हैं। अब तक किए गए अध्ययन से पता चलता है कि इनमें ज्यादातर जड़ी-बूटियों के ही फूल हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक इन फूलों के
संरक्षण का कोई उपाय नहीं किया गया है। उस क्षेत्र में तैनात रहने वाली एसएसबी और आईटीबीपी के जवान ही इन फूलों की रक्षा करते
हैं।
Source -http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?
Artname=20150831a_001115006&ileft=743&itop=34&zoomRatio=130&AN=20150831a_001115006