आज पूरी होगी ब्रह्मकुंड पर डुबकी की मुराद
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हरिद्वार। महाकुंभ के अंतिम स्नान पर श्रद्धालु ब्रह्मकुंड पर पूरे दिन डुबकी लगा सकेंगे। पूर्व में महाकुंभ के चार शाही स्नानों पर अखाड़ों के लिए ब्रह्मकुंड रिजर्व होने की वजह से लाखों श्रद्धालु यहां पर स्नान नहीं कर सके थे। कुछ अन्य स्नान पर्वो पर इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालु उमड़े कि कई श्रद्धालुओं ने खुद को ब्रह्मकुंड पर आने से रोक लिया।
कुंभ का अंतिम स्नान 28 अप्रैल को है और ब्रह्मकुंड में डुबकी लगाने का मौका भी मिल रहा है। ऐसे में यहां आकर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की मुराद पूरी हो सकती है। इतना जरूर है कि ट्रैफिक प्लान और भीड़ की वजह से ब्रह्मकुंड पहुंचने में श्रद्धालुओं को कई किमी का फासला पैदल तय करना पड़ेगा।
महाकुंभ के लिए शासन ने 11 स्नान घोषित किए। इनमें चार शाही स्नान शामिल थे। शाही स्नान पर्वो पर परंपरा अनुसार सुबह आठ बजे से शाम करीब सात बजे तक अखाड़ों के लिए ब्रह्मकुंड रिजर्व रहता था। इस समयावधि में आम श्रद्धालु ब्रह्मकुंड पर स्नान नहीं कर पाते थे। ऐसे में लाखों श्रद्धालुओं की ब्रह्मकुंड पर डुबकी लगाने की आस पूरी नहीं हो सकी।
अब कुंभकाल का अंतिम स्नान बुधवार को है। ज्योतिषियों के मुताबिक इस अंतिम स्नान का फल भी कई गुना अधिक मिलेगा, लिहाजा श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। ब्रह्मकुंड पर इस बार अखाड़ों का स्नान नहीं होगा, इसलिए ब्रह्मकुंड पर श्रद्धालु पूरे दिन किसी भी समय डुबकी लगाकर पुण्य के भागीदार बन सकेंगे।
हालांकि इसके लिए श्रद्धालुओं को थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। पिछले शाही स्नान पर हादसे को देखते हुए मेला प्रशासन और मेला पुलिस ट्रैफिक में कोई राहत नहीं देने वाली। इसलिए ब्रह्मकुंड तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को सात से दस किलोमीटर तक का सफर पैदल तय करना पड़ सकता है। हालांकि मेला प्रशासन प्रयास कर रहा है कि सिटी बसें चलाई जाएं, लेकिन यह भी भीड़ की स्थिति पर ही निर्भर करेगा।