भगवान शिव के पर्वत स्वरूप मणिकूट पर्वत की पैदल परिक्रमा यात्रा पांडव गुफा से आरंभ हो गई। प्राचीन परंपरा से जुड़ी इस यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए हैं। मंगलाचरण व पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मांगलिक धुन पर शुरू हुई यात्रा में पहले दिन मणिकूट पर्वत के छह द्वारों की पूजा अर्चना की गई।
घट्टूगाड स्थित आत्म कुटीर के संत राही बाबा के सानिध्य में मणिकूट परिक्रमा का शनिवार को शुभारंभ हुआ। यात्रा के प्रथम द्वार पांडव गुफा लक्ष्मणझूला से शनिवार प्रात: सर्व देव पूजन, गंगा पूजन व वेदमंत्रों के उच्चारण के साथ विधि-विधान के साथ परिक्रमा आरंभ हुई। श्रद्धालुओं ने ढोल व रणसिंघा के गगनभेदी नाद के साथ मणिकूट पर्वत की पूजा अर्चना की। पहले दिन पदयात्रा पांडव गुफा से होकर द्वितीय द्वार गरुड़चट्टी, तृतीय द्वार फूलचट्टी, चतुर्थ द्वार कालीकुंड तथा पंचम द्वार पीपल कोटी, छठे द्वार हिंडोला होते हुए देर सायं यात्रा के विश्राम स्थल पर मणिकूट परिक्रमा के सप्तम द्वार संयारगढ़ पहुंची। सभी द्वारों की विधिवत पूजा अर्चना की गई। यात्रा में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। मणिकूट परिक्रमा के संचालक डॉ. शक्तिशैल कपरवाण व रमेश उनियाल ने बताया कि संयारगढ़ में रात्रि विश्राम के पश्चात रविवार प्रात: मां विंध्यवासिनी मंदिर से अष्ठम द्वार की पूजा के साथ परिक्रमा आरंभ होगी। जिसके बाद गौरी द्वार, वीरभद्र द्वार, गणेश द्वार होते हुए भैरवघाटी द्वार की पूजा के पश्चात पांडव गुफा में यात्रा का समापन होगा।
Sorce Dainik Jagran