प्रमुख पर्व
सिमोग मंदिर में वर्ष में चार देव पर्व होते हैं। इसमें पाइंता, भिरुड़ी, जातरा व पर्वी पर्वो पर हजारों लोग मन्नते मांगते हैं। पौराणिक परंपराओं के तहत जमीन जायदाद, मकान, दुकान, गाड़ी, घोड़ा खरीदने व बेचने के लिए लोग देवता की अनुमति लेते हैं।
पुराने स्वरूप में ही आस्था
सिमोग मंदिर बजीर कुंवर शर्मा, पुजारी प्रेमदत्त शर्मा, भंडारी नारायण दत्त, माली माधूराम के अनुसार सिमोग मंदिर के स्वरूप बदलने के बारे में कभी सोच भी नहीं सकते। पुराने स्वरूप के साथ यहां लोगों की अटूट आस्था है।