Author Topic: Shri 1008 Mool Narayan Story - भगवान् मूल नारायण (नंदा देवी के भतीजे) की कथा  (Read 96923 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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नाकुरी के बैकोडी नामक स्थान पर मूल नारायण भगवान् के मन्दिर की स्थापना

कहा जाता है की संगाद मे नौलिंग जी के अवतार के बाद चारो ओर राक्षसों का एक -२ अंत हो जाता है! सिर्फ़ बैकोडी ग्राम की जनता तथा नौकुरी के कुछ जनता तकलीफ अभी भी शेष रही थी ! मूल नारायण जी की कृपा से यह तकलीफ भी दूर हो जाती है ! लेकिन बैकोडी गाव की एक बहु जिसका दानपुर भनार क्षेत्र मे मायका था! वह जब भी अपने मायके जाती थी तो आनाज माग के लाती थी! हर बार उसके माँ बाप उसे अनाज दे देते थे ! परन्तु एक बार उसके माँ बाप आख़िर पूछ डालते है कि बेटी तुम्हारे यहाँ आनाज नही होता है, क्या तुझे भर पेट भोजन नही मिलता है, तो यह बेटी रो पड़ती है और कहती है बापू आप लोगो ने मुझे एसे जगह विवाया है जहाँ पर फसल तो बहुत अच्छी होती है लेकिन हर बार फसल काटने वक्त भारी ओले गिरते है और सारा फसल नष्ट हो जाती है !

तब इस औरत कि माँ उसे रोते हुए समझाती है बेटा हमारे क्षेत्र मे भगवान् मूल नारायण जी एव उनकी पुत्रो ने अवतार लिया है वे सारे क्षेत्र कि जनता के दुखो का निवारण कर रहे है ! तो एक काम कर मेहल (  नाशपाती प्रजाति के वृक्ष ) वृक्ष कि टहनी ले जा और पाती के साथ चुचाप अपने खेत मे लगा दे और साथ ही मूल नारायण भगवान् का नाम लेकर भगवान् के प्राथना कर कि " उसके इलाके मे डाव ( ओले) से उनके फसलों कि रक्षा करे !

यह लड़की अपने माता - पिता के बताये अनुसार यही काम करती है और भगवान् मूल नारायण जी कि कृपा से बैकोडी गाव मे फसल के समय पर अब ओला वृष्टि होना बंद हो गया और लोगो के आनाज के भण्डार भरने लगे !

अब लोगो ने इस लड़की से पूछना आरंभ कर दिया तो इसने सारी जनता को भगवान् के इस चमत्कार की इस बात को बता दिया तो लोगो ने अपने गाव के ऊपर मूल नारायण भगवान् जी का मन्दिर बनवाया और तब से बैकोडी मे अभी अकाल नही पड़ा!

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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पूंगुरु के ननौर तथा नादीथर मे बजैण - नौलिंग के मन्दिर

पूजा कि सुविधा, दर्शन करने कि सुविधा, बाल एव बूड़े लोगो को धयान मे रखकर पूंगुरु के ननौर मे जहाँ नौलिंग जी का मन्दिर बनाया गया वहाँ दूसरी ओर डेनु के नादीथर नमक स्थान पर बजैण का मन्दिर बनाया गया गया है! दूसरा कारण है कि फसल को ओलावृष्टि था बयार आदि से बचाने हेतु भी नौलिंग - बजैण की कृषक लोग उपासना करने लगे ! जब मई जून मे देर तक वर्षा नही हुयी तब ही यहाँ के कृषक लोग इन देवताओ को लीक सीक चडाते है जो प्रथा अभी भी पूर्ववत चली आ रही है !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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ग्यारह पाली क्षेत्र - उडियारी गाव मे नौलिंग भगवान् का मन्दिर

ग्यारह पाली क्षेत्र मे उडियारी गाव मे भी भगवान् नौलिंग जी का मन्दिर बनाया गया है! जहाँ पर भी वर्ष के एक महत्वपूर्ण नवरात्रि मे पूजा की जाती है! तथापि बकरे भी यहाँ पर चदाए जाते है ! यहाँ पर रात का बहुत बड़ा मेला लगता है ! मेले मे चचारी का आयोजन भी होता है ! देवता भी अवतरता है (अवतार लेता है )

यहाँ पर पहले श्री गुमान सिह महर प्रसिद्ध डांगरिया थे ! वे नौलिग़ भगवान् के बड़े भक्त थे !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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डूणो के नादीथर बजैण का मन्दिर

यहाँ भी एक प्रसिद्ध मन्दिर है जो की बजैण जी के नाम से प्रसिद्ध है ! यहाँ हर वर्ष जादे की ऋतू के पूर्व नवरात्रिओ मे पूजा की जाती है ! यहाँ भी बकरों की बलि दी जाती है! जब कार्तिक पूर्णमासी दशौली मे बहुत बड़ा मेला लगता है ! दशौली मे मूल नारायण भगवान् के मन्दिर मी कार्तिक पूर्णमासी को एक भव्य मेला लगता है ! जहाँ प्रायः नारंगी व केला बहुत मात्रा मे लोग इस मेले मे बेचने लिए आते है ! जहाँ रमाडी की नारंगी बहुत प्रसिद्ध है !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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ननौर (  कराला व दशौली के बीच) मे नौलिंग भगवान् का मन्दिर

यह मन्दिर यदिप पौराणिक शैली मे बना है परन्तु बड़ा ही सुंदर है ! यहाँ पर विशेष रूप के दीवाली की नवरात्रि  मे विशेष पूजा की जाती है ! रात के नौर्त ( नवरात्री )  मनाई जाती है ! यहाँ पर शेरखाना के काश्तकार भाई लोग भी प्रत्येक परिवार के अनुसार एक या दो बकरे हर तीसरे वर्ष पूजा करते है हेतु यहाँ पर लाते है तथा बलि देखर अपने परिवार की खुशहाली हेतु प्रथान करते है !

वैसे यह पूजा का आयोजन को " अट्ठ्वार" पूजा ने नाम से भी जाना जाता है ! इस मन्दिर के पुजारी श्री मुरली पाठक सौकार ( साहूकार) जी के परिवार के लोग है ! उनके पूर्वज व उनके वंश मे अभी तक इस मन्दिर मे पुजारी बनते आए है !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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दशौली गाव मे भगवान् मूल नारायण का एक मन्दिर एव प्रसिद्ध धर्मशाला ( धरमशिला )

इस मन्दिर परिसर मे पवन स्फटिक शिला है जी पवित्र धरमशिला के नाम से प्रसिद्ध है ! कहा जाता है कि स्फटिक पाषाण शिला के पास देवताओ कि सभा बैठती थी तथा जनता के दुःख दर्द का निवारण होता था ! यही से पाँच किमी तक चारो ओर कि लीग सीक खाने और प्रजा के दुःख निवारण करने की शक्ति मूल नारायण जी मे निहिती थी !

जब आज भी यहाँ वारिश नही होते है तो लोग इस शिला मे जल चदाते है !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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इस पर भगवान् मूल नारायण जी एव उनके पुत्र बजैण जी एव नौलिग़ जी की इस कथा सा स्मापन यही होता है !

अब मै आपको इन जगहों से जुड़ी अन्य जानकारी एव कुछ फोटोग्राफ भी प्रस्तुत करूँगा

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पर्यटन की दृष्टि से
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सबसे पहले कैसे पहुचे शिखर, सनगाड एव भनार, लोती (जारती) एव इस पौराणिक कहानी से जुड़े जगहों पर !

   १ शिखर (मूल नारायण जी का धाम)  जो की बागेश्वर जिले मे आता है!
  २) यह जगह बहुत ही उचाई पर है जिसके चारो और विभिन्न क्षेत्र जैसे  दानपुर, भानर, रीमा, धरमघर पिथोरागढ़ जिले के कुछ गाव. !
 ३)  भानर क्षेत्र तक सड़क सुविधा है
 ४) भनार से शिखर की उचाई करीब 5 तक की है
 ५)  रीमा क्षेत्र से भी यहाँ जाया जा सकता है पर दूर फिर से लगभग ६ से ८ कम
 ६ ) शिखर से सनगाड और भनार एक दूसरे के विपरीत पर लगभग बराबर दूर पर है !
  ७)  सनगाड मे सड़क बन रही है और मन्दिर के करीब तक पहुच चुकी है !
  ८)  शिखर जो की बहुत ऊँचाई पर है यहाँ तक सड़क सुबिधा के लिए कार्य चल रहा है !
 ९)   शिखर पर्यटन की दृष्टि से सबसे अच्छा इलाका है और यहाँ से सारा कुमोँओ एव गडवाल दिखायी देता है !
१०)  यहाँ पर कुछ दुर्लभ पेड़ पौधे भी मिलते है !

मेरे इस फोटो मे शिखर का द्रश्य



एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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This is the photo of Mool Narayan Bhagwan Temple surrounding area my village Jarti, Bageshwar District.


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DEVOTEES PERFORMING POOJA IN MOOL NARAYAN BHAGWAN TEMPLE JARTI, DISTRICT BAGESHWAR, UTTARAKHAND


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