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Religious Places Of Uttarakhand - देव भूमि उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध देव मन्दिर एवं धार्मिक कहानियां
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सुधीर चतुर्वेदी
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Story Of Gweljyu/Golu Devta - ग्वेल्ज्यु या गोलू देवता की कथा
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Topic: Story Of Gweljyu/Golu Devta - ग्वेल्ज्यु या गोलू देवता की कथा (Read 165196 times)
Pawan Pathak
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Re: Story Of Gweljyu/Golu Devta - ग्वेल्ज्यु या गोलू देवता की कथा
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Reply #200 on:
September 16, 2015, 11:20:35 AM »
चमू देवता को अर्पित होता है पापड़
लोहाघाट।
गुमदेश के प्रसिद्ध चैतोला मेले के अवसर पर यहां विशिष्ट प्रकार से पापड़ का प्रसाद बनाकर उसे चमू देवता को अर्पित करने की परंपरा शताब्दियों से चली आ रही है। सोमवार को यहां के सभी गांवों में लोगों ने अपने घरों में पापड़ का प्रसाद बनाया। प्रसाद में प्रयुक्त होने वाली सभी सामग्री वर्ष प्रतिपदा के दिन से ही एकत्रित कर उसे बेदह शुद्धता के साथ स्वच्छ स्थान में रखा जाता है। चावल के आटे के लेप को पानी के भाप के ऊपर पत्तों में फैलाकर उसे तैयार किया जाता है।
पापड़ को जब तक देवता को अर्पित नहीं किया जाता है, तब तक यहां के लोग दाल व सब्जी में तड़का नहीं लगाते। देवता को प्रसाद चढ़ने को सीक चढ़ना कहा जाता है। जिन गांवों में त्यौहार शाम को होता है, उनकी सीक अक्षत, पुष्प के रूप में चढ़ती है। जबकि जिन गांवों में त्यौहार सुबह मनाया जाता है, वहां के लोग पापड़ पूरी पकवान के रूप में सीक चढ़ते हैं। चमू देवता की डोल रथयात्रा में कंधा देने वाले सभी उपवास रखते हैं। इस वर्ष मेला कमेटी द्वारा जमानी उठने के दिन से पस्यारा तक मेला डूटी में आने वाले सभी कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए लंगर की विशेष व्यवस्था की गई है।
लोगों का घर आना शुरू
लोहाघाट।
गुमदेश के प्रसिद्ध चैतोला मेले के लिए इस क्षेत्र के गांव के लोगों का मैदानी क्षेत्रों से अपने घरों की ओर आना शुरू हो गया है।
चमदेवल के चमू देवता मंदिर के धामी व पुजारियों का क्षेत्र में बेहद सम्मान किया जाता है। किसी के घर में होने वाले मांगलिक कार्य में बगैर इनकी उपस्थिति से वह अनुष्ठान अधूरा रह जाता है। साल भर में होने वाली दो फसलों में हर गांव का व्यक्ति इन्हें अन्न दान करता है तथा चैत्र व अश्विन नवरातों में हर घर से लोग घी, बाती, अक्षत, फूल पुजारी को देते हैं। मेले के व्यापक स्वरूप को देखते हुए अभी तक जिला पंचायत द्वारा न तो इसे अपने हाथ में लिया गया है और न ही पर्यटन विभाग द्वारा मेले के आयोजन के लिए कोई धनराशि ही दी जाती है।
चैतोला मेले के लिए बेहद शुद्धता से बनाया जाता है प्रसाद
Source -
http://earchive.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20100323a_008115014&ileft=455&itop=578&zoomRatio=207&AN=20100323a_008115014
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विनोद सिंह गढ़िया
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Re: Story Of Gweljyu/Golu Devta - ग्वेल्ज्यु या गोलू देवता की कथा
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Reply #201 on:
April 19, 2016, 04:52:14 PM »
#Golu_Devta #Chitai_Golu #God_of_Justice
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