Author Topic: Dwarahat-cultural and spiritual Place- सांस्कृतिक एवं पर्यटन नगरी द्वाराहाट  (Read 21957 times)

KAILASH PANDEY/THET PAHADI

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Painting by Padamshri Dr. Yashodhar Mathpal-:

Gujjardev temple ke nirmaan kaarya par banayi gayi painting.




खीमसिंह रावत

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मुझे भी द्वाराहाट जाने का मौका मिला , मैंने भी वहां के बदरीनाथ मंदिर , गुजर्देव मंदिर, मृतुन्जय  मंदिर को देखा है ये सभी मंदिर पुरातत्व विभाग के अन्तरगत है| गुजरदेव मंदिर को खुजराहो मंदिर श्रेणी में रखा जा सकता है | किन्तु उसकी देखरेख में काफी कमियां है | मंदिर पर अंकित चित्र खंडित हो रहे हैं| बदरीनाथ मंदिर समूह के मुख्य मंदिर में भगवान् विष्णु की अष्टधातु की मूर्ति है | वहा के लोग कहते हैं की इस मंदिर का धूप बात्ती का खर्चा बदरी नाथ मंदिर गढ़वाल से आता है | जो आज भी जारी है |मृतुन्जय मंदिर मुख्य सड़क पर है पुरातत्व विभाग का कुछ कार्य चल रहा था | 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गणेश मंदिर में १९०३ शाके है! वहां एक जगह एक थर्प है!, जो एक बड़ा सा चबूतरा सा है! यह कछेरी देवल कहलाता था! शायद कत्यूरी राजा यहाँ न्यायसन पर बैठकर राजकाज करते हो! अठ किसन लिखते है - "चंद्रगिरी का चाचरी पर्वत में कत्यूरी का राजमहल था ! दूर्नागिरी में मंदिर में १११०५ शाके खुदा है!

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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  द्वारहाट तो बनना था द्वारिका
  =================   

 कहते है कि यहाँ पर द्वारिका बनाने के तजवीज देवताओ ने ठहराई थी और कोशी व्   रामगंगा आज्ञा हुई की दोनों नदिया द्वाराहाट में मिले! इस बात की खबर गगास   की तरफ से रामगंगा को देने को गिवाड में, छानागाव के पास सेमल पेड़ ठहराया   गया! जिस वक्त रामगंगा को लौटने के रास्ते पर पहुची थी, कहते है के सेमल   का पेड़ सो गया उसकने गगास का संदेशा रामगंगा से नहीं कहा! जब राम गंगा   गिवाड को चली गयी, तब सेमल पेड़ जागा और राम गंगा से गगास की बाते कही,   किन्तु रामगंगा ने कहा, अब उनका लौटना संभव नहीं !

पहले से मालूम होती तो   दूसरी बात थी! इस कारण द्वाराहाट में द्वारिका नहीं बन सकी
! उस दिन से   संदेशा देने में जो देरी या सुस्ती करे , उसे सेमल का पेड़:" कहते है!    साभार -

कुमाऊ का इतिहास किताब - पेज नंबर  ६६

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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उत्तराखंड   के एक और बहुत ही लोक प्रिय गीत ! द्वाराहाट में मेले पर आधारित! जहाँ   जीजा साली को मेले में चलने के कहता है और साली जीजा से बहुत सारे बहाने   बनाती है, जैसे की उसके पास पहनने के लिए चप्पल नहीं, नाख में नाथ नहीं आदि   .. जीजा कहता है ये सारी चीजे वहां मेले मे मिल जायेंगी बस उसे तैयार होना   है मेले में जाने के लिए ! यही सब गाने के माध्यम से है ! और अंत में साली   बोलती है वरखा लागी वरखा लागी !!.... देखिये यह लाइन इस लोक प्रिय गाने के

साली :
ओ भीना कसकी जानू द्वाराहाट
ओ भीना कसकी जानू द्वाराहाट

जीजा :

हिट साली कौतिक जानू द्वाराहाट
हिट साली कौतिक जानू द्वाराहाट

साली :

नाख  में नाठुली निहाती कसकी जानो द्वाराहाट
नाक में नाठुली निहाती कसकी जानो द्वाराहाट

जीजा :

वै सुनार वे गडूना द्वाराहाट
हिट साली कौतिक जानो द्वाराहाट
हिट हिट साली कौतिक जानो द्वाराहाट


साली :
ओ भीना कसकी जानू द्वाराहाट
ओ भीना कसकी जानू द्वाराहाट

जीजा :

हिट साली कौतिक जानू द्वाराहाट
हिट साली कौतिक जानू द्वाराहाट

साली :

खुटी में चपल नियाती कासी के जानो द्वाराहाट
खुटी में चपल नियाती कासी के जानो द्वाराहाट

जीजा :

वै दूकान वे मोलियूना द्वाराहाट
हिट साली कौतिक जानो द्वाराहाट
हिट हिट साली कौतिक जानो द्वाराहाट

साली :
ओ भीना कसकी जानू द्वाराहाट
ओ भीना कसकी जानू द्वाराहाट

जीजा :

हिट साली कौतिक जानू द्वाराहाट
हिट साली कौतिक जानू द्वाराहाट

साली :

ख्वार की बिंदुली नियाती कासी के जानो द्वाराहाट
ख्वार की बिंदुली  नियाती कासी के जानो द्वाराहाट

जीजा :

वै दूकान वे मोलियूना द्वाराहाट
हिट साली कौतिक जानो द्वाराहाट
हिट हिट साली कौतिक जानो द्वाराहाट

साली :
ओ भीना कसकी जानू द्वाराहाट
ओ भीना कसकी जानू द्वाराहाट

जीजा :

हिट साली कौतिक जानू द्वाराहाट
हिट साली कौतिक जानू द्वाराहाट

साली :

आंग में आगेडी नियाती कासी के जानो द्वाराहाट
आंग में आगेडी  नियाती कासी के जानो द्वाराहाट

जीजा :

वै दर्जी वे सिड्यूंन द्वाराहाट
हिट साली कौतिक जानो द्वाराहाट
हिट हिट साली कौतिक जानो द्वाराहाट

साली :
ओ भीना कसकी जानू द्वाराहाट
ओ भीना कसकी जानू द्वाराहाट

जीजा :

हिट साली कौतिक जानू द्वाराहाट
हिट साली कौतिक जानू द्वाराहाट

ओ हो वरखा लागी .. ..२ वरखा लागी !


obhina


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Vibhandeshwar Mahadev: (20 km from Dunagiri  Retreat)

  Vibhandeshwar Mahadev, which is 5-7 km South  of Dwarahat, is a famous pilgrimage center  for Kumaon. Within Kumaon, it is known to be  as holy as Benares or Kashi. It is the  meeting point of river Surbhi which  originates from Nagarjun, river Nandini  originating from Dunagiri and Saraswati  (running underground). This place finds  mention in Skandapuran (Manaskhand). The  temple here is dated to 301 CE. Kings  belonging to Chand dynasty instituted regular  worship here. Legend has it that Lord Shiva,  on his way to a marriage had stopped here  overnight for 'dhuni ramayi'. This place is  considered to be the 'Kashi' of the Kumaon  region.



Photo : Piyush
 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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द्वाराहाट
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द्वाराहाट ५०३१ फुट ऊँचा है! कत्यूरी राज्य के टूटने पर एक वंश की यह राजधानी रही! यहाँ का नगर व् बाजार बहुत पुराना है! अब तक भी पुराने साहू व् सुन्हारो के दुकाने विद्यमान है! यहाँ पर एक स्लाल्दे पोखर व् स्थल भी है, जहाँ हर साल विसाख महीने की संक्रांति को मेला लगता है! बग्वाल भी होती है!


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गोपाल बाबू गोस्वामीका   एक मशहूर गाना है “अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे”। इस गाने में एक   मेले में गये पति-पत्नी के बीच की नौंक-झौंक है। द्वाराहाट के पास एक जगह   है स्याल्दे। य़हां वैसाख माह की पहली तिथि को प्रसिद्ध शिव मंदिर   विभाण्डेश्वर में एक मेला लगता है जिसमें दूर-दूर गावों से लोग आते हैं।   इसी मेले का नाम है बिखौती मेला। इसी मेले का वर्णन इस गीत में किया गया   है। एक पति-पत्नी इस मेले में आये हुए हैं वहां पत्नी अपनी पुरानी सहेलियों   के मिल जाने पर उनसे बातों में मशगूल हो जाती है और पति को लगता है कि वह   खो गयी है और उसी को ढूंढते हुए वह यह गीत गाता है। यह गीत भी दो रूपों में   मिलता है एक पुराना कैसेट वाला रूप और दूसरा वी. सी.डी. वाला रूप। दोनों   गीतों के बोल और नये गीत का वीडियो आपके लिये प्रस्तुत है।

ए अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे
अले म्यार दगाड़ छि यो म्याव में, अले जानी काँ शटिक गे। येल म्यार गाव   गाव गाड़ी ह्यालो, मी कॉ ढूढ़ँ इके इतु खूबसूरत छो यो, क्वे शटके ली जालो।   क्वे गेवाड़िया या द्वार्हटिया तो म्यार ख्वार फोड़ हो जाल दाज्यू देखो धैं   तुमिल कैं देखि ?
अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे, हाय सार कौतिक चाने मेरी कमरा पटे गे
  अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे, हाय सार कौतिक चाने मेरी कमरा पटे गे
  ये दुर्गा चान चान मेरी कमरा पटे गे, ये अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे

ओ …..दाज्यू तुमले देखि छो यारो बते दियो भागी , तुमले देखि छो यारो बते दियो भागी
  रंगीली पिछोड़ी वीकी बुटली घाघरी, आंगेड़ी मखमली दाज्यू  मेरी दुर्गा हरै गे
  ये सार कोतिक चान मेरी कमरा पटे गे, हाय सार कोतिक चान मेरी कमरा पटे गे

ये अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे, द्वारहाटा कौतिका मेरी दुर्गा हरै गे, स्याल्दे का कौतिका मेरी दुर्गा हरै गे
  दुर्गा चाने चाने मेरी कमरा पटे गे, हाय दुर्गा चाने चाने मेरी कमरा पटे गे

ऐ….. ……………….दुर्गा मी के खाली मै टोकलि,
  गुलाबी मुखड़ी वीकी काई काई आंखि, गुलाबी मुखड़ी वीकी काई काई आंखि
  गालड़ी उगाई जैसी ग्यु की जै फुलुकी, गालड़ी उगाई जैसी ग्यु की जै फुलुकी
  सुकिला चमकाना दांता मेरी दुर्गा हरै गे, हाय सार कौतिक चान मेरी कमरा पटे गे
  हाय सार कौतिक चान मेरी कमरा पटे गे
  अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे, हाय अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे ,
  दुर्गा चाने चाने मेरी कमरा पटे गे, दुर्गा चाने चाने मेरी कमरा पटे गे
  अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे, अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे

ऐ………….. दाज्यू तलि बजारा मलि बजारा द्वाराहाटा कौतिक में
  तलि बजारा मलि बजारा सार कौतिक में ढूंढ़ई
  हाय दुर्गा तू काँ मर गई पाई गे छे आंखी, हाय दुर्गा….. तू काँ मर गे छे पाई गे छे आंखी
  मेरी दुर्गा हरै गे, हाय सार कौतिका चाने मेरी कमरा पटे गे, हाय सार कौतिका चाने मेरी कमरा पटे गे
  ये अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे,
  ये दुर्गा चान चान मेरी कमरा पटे गे,ये दुर्गा चान चान मेरी कमरा पटे गे

अब मैं कसिक घर जानू दुर्गा का बिना, अब मैं कसिक घर जानू दुर्गा का बिना
  कौतिक्यारा सब घर नैह गये, धार नैह गो दिना, कौतिक्यारा सब घर  गये, धार नैह गो दिना
  म्येर आंखी भरीण लेगे दाज्यू किले हसणो छ, मेरी दुर्गा हरै गे
  सार कौतिक चाने मेरी कमरा पटे गे

ओ हिरदा सार कौतिक चाने मेरी कमरा पटे गे, सार कौतिक चान मेरी कमरा पटे गे
  अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे,अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे
  हिरदा दुर्गा हरै गे, हिरदा दुर्गा हरै गे , बतै दे दुर्गा हरै गे, हिरदा दुर्गा हरै गे, हिरदा दुर्गा हरै गे

Source : Our main site : http://www.apnauttarakhand.com/alkate-bikhuati-meri-durga-harey-ge-gopal-babu-goswami/

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Photo of Syalde Fair.. PHoto by our Senior Member D N Badola.

 

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