गोपाल बाबू गोस्वामीका एक मशहूर गाना है “अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे”। इस गाने में एक मेले में गये पति-पत्नी के बीच की नौंक-झौंक है। द्वाराहाट के पास एक जगह है स्याल्दे। य़हां वैसाख माह की पहली तिथि को प्रसिद्ध शिव मंदिर विभाण्डेश्वर में एक मेला लगता है जिसमें दूर-दूर गावों से लोग आते हैं। इसी मेले का नाम है बिखौती मेला। इसी मेले का वर्णन इस गीत में किया गया है। एक पति-पत्नी इस मेले में आये हुए हैं वहां पत्नी अपनी पुरानी सहेलियों के मिल जाने पर उनसे बातों में मशगूल हो जाती है और पति को लगता है कि वह खो गयी है और उसी को ढूंढते हुए वह यह गीत गाता है। यह गीत भी दो रूपों में मिलता है एक पुराना कैसेट वाला रूप और दूसरा वी. सी.डी. वाला रूप। दोनों गीतों के बोल और नये गीत का वीडियो आपके लिये प्रस्तुत है।ए अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरै गेअले म्यार दगाड़ छि यो म्याव में, अले जानी काँ शटिक गे। येल म्यार गाव गाव गाड़ी ह्यालो, मी कॉ ढूढ़ँ इके इतु खूबसूरत छो यो, क्वे शटके ली जालो। क्वे गेवाड़िया या द्वार्हटिया तो म्यार ख्वार फोड़ हो जाल दाज्यू देखो धैं तुमिल कैं देखि ?अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे, हाय सार कौतिक चाने मेरी कमरा पटे गे अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे, हाय सार कौतिक चाने मेरी कमरा पटे गे ये दुर्गा चान चान मेरी कमरा पटे गे, ये अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरै गेओ …..दाज्यू तुमले देखि छो यारो बते दियो भागी , तुमले देखि छो यारो बते दियो भागी रंगीली पिछोड़ी वीकी बुटली घाघरी, आंगेड़ी मखमली दाज्यू मेरी दुर्गा हरै गे ये सार कोतिक चान मेरी कमरा पटे गे, हाय सार कोतिक चान मेरी कमरा पटे गेये अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे, द्वारहाटा कौतिका मेरी दुर्गा हरै गे, स्याल्दे का कौतिका मेरी दुर्गा हरै गे दुर्गा चाने चाने मेरी कमरा पटे गे, हाय दुर्गा चाने चाने मेरी कमरा पटे गेऐ….. ……………….दुर्गा मी के खाली मै टोकलि, गुलाबी मुखड़ी वीकी काई काई आंखि, गुलाबी मुखड़ी वीकी काई काई आंखि गालड़ी उगाई जैसी ग्यु की जै फुलुकी, गालड़ी उगाई जैसी ग्यु की जै फुलुकी सुकिला चमकाना दांता मेरी दुर्गा हरै गे, हाय सार कौतिक चान मेरी कमरा पटे गे हाय सार कौतिक चान मेरी कमरा पटे गे अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे, हाय अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे , दुर्गा चाने चाने मेरी कमरा पटे गे, दुर्गा चाने चाने मेरी कमरा पटे गे अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे, अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरै गेऐ………….. दाज्यू तलि बजारा मलि बजारा द्वाराहाटा कौतिक में तलि बजारा मलि बजारा सार कौतिक में ढूंढ़ई हाय दुर्गा तू काँ मर गई पाई गे छे आंखी, हाय दुर्गा….. तू काँ मर गे छे पाई गे छे आंखी मेरी दुर्गा हरै गे, हाय सार कौतिका चाने मेरी कमरा पटे गे, हाय सार कौतिका चाने मेरी कमरा पटे गे ये अल्खते बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे, ये दुर्गा चान चान मेरी कमरा पटे गे,ये दुर्गा चान चान मेरी कमरा पटे गेअब मैं कसिक घर जानू दुर्गा का बिना, अब मैं कसिक घर जानू दुर्गा का बिना कौतिक्यारा सब घर नैह गये, धार नैह गो दिना, कौतिक्यारा सब घर गये, धार नैह गो दिना म्येर आंखी भरीण लेगे दाज्यू किले हसणो छ, मेरी दुर्गा हरै गे सार कौतिक चाने मेरी कमरा पटे गेओ हिरदा सार कौतिक चाने मेरी कमरा पटे गे, सार कौतिक चान मेरी कमरा पटे गे अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे,अल्बेर बिखौती मेरी दुर्गा हरै गे हिरदा दुर्गा हरै गे, हिरदा दुर्गा हरै गे , बतै दे दुर्गा हरै गे, हिरदा दुर्गा हरै गे, हिरदा दुर्गा हरै गेSource : Our main site : http://www.apnauttarakhand.com/alkate-bikhuati-meri-durga-harey-ge-gopal-babu-goswami/