सलधर-गर्म झरना
जोशीमठ से 18 किलोमीटर दूर एवं तपोवन से 3 किलोमीटर दूर।तपोवन से मात्र 3 किलोमीटर दूर आगे सड़क के दाहिने किनारे एक गर्म जल का स्रोत है, सलधर। यहां कि लाल मिट्टी से उबलते पानी का बुलबुला फूटता रहता है, जिसे छूआ भी नहीं जा सकता। गर्म झील के निकट का कीचड़ लोगों द्वारा ले जाया जाता है क्योंकि यह कई रोगों को ठीक कर देता है।
इस स्थान से संबंधित एक दिलचस्प कहावत है। कहा जाता है कि जब रावण (मेघनाद) के साथ युद्ध में घायल हो लक्ष्मण मरणासन्न अवस्था में थे, तब राम ने हिमालय से संजीवनी बूटी लाने के लिये हनुमान को भेजा जो लक्ष्मण को पूरी तरह स्वस्थ कर देता, जो संभवत: पुष्पों की घाटी होगी। इस बीच रावण ने एक भयंकर राक्षस कालनेमि को वहां भेज दिया, ताकि हनुमान उस बूटी को न ला पाएं।
कालनेमि ने रूप बदलकर तपोवन के निकट उन्हें देख लिया तथा उन्हें आस-पास के प्राकृतिक सौंदर्य में फंसाकर उन्हें उद्देश्य विमुख करने का प्रयास किया। हनुमान ने पास की एक शिला पर अपने वस्त्र रखकर, नदी में स्नान करने का निर्णय किया। वह शिला एक शापग्रस्त सुंदर परी की थी, उसका उद्धार हो गया तथा उसने कालनेमि के बारे में हनुमान को बता दिया। हनुमान ने वहां कालनेभि को मार डाला और इसीलिये यहां का कीचड़ एवं जल रक्त की तरह लाल है।