Author Topic: My Village Tourism & Religious Point of View-मेरा गाँव पर्यटन एवं धार्मिक नजर से  (Read 7396 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Dosto,
 
Through merapahadforum.dot.com you can share religous, histroical and tourism related information pertaining to your village.
 
We are sure through sharing such information, our members will come to about many exclusive details of your respective village. You can also share the details about Freedom Fighter and other personalties of your village.
 
 
So do share the above information in this topic.
 
 
M S Mehta

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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    मेरा गाव - भगवान् श्री 1008 मूल नारायण का अध्यात्मिक गाव!
 
मेरा गाँव जारती उत्तराखंड राज्य के जिला बागेश्वर के अंतर्गत आता है ! जारती बागेश्वर मुख्य शहर से  लगभग ३० किलीमीटर आगे रीमा क्षेत्र नाकुरी पट्टी में आता हैगाँव अति ही रमणीय स्थान पर बसा हुवा है जहाँ से पूरा महरोड़ी, कमेड़ी देवी, विजयपुर और पिथोरगढ के अन्य स्थान देखे जा सकते है! भगवान् मूल नारायण मूल नक्षत्र में पैदा होने के कारण उनके माता पिता ने उन्हें नदी में बहा दिया था लेकिन उनकी बुवा नंदा देवी ने उनको ऋषिकेश्वर जगह से शिखर तक अपने साथ ले आयी थी! माँ नंदा अपने भतीजे मूल नारायण जी को सब शिखर ले जा रही थी तो इस गाव में भी  ठहरी थी तभी से भगवान् मूल मूल नारायण का इस गाव में मंदिर है! यह गाव जनसँख्या की दृष्टि से कपकोट ब्लाक के तीसरे गाँव के रूप में है! इस गाव को 1993 में जब  उत्तराखंड अलग राज्य नहीं था, उत्तर प्रदेश के अल्मोड़ा जिले लिए "आदर्श गाव का दर्जा" भी मिल चुका है, तब इस गाव में प्रधान श्री गोविन्द सिंह मेहता जी थे जिनके लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि थी जिसका कि  आकाशवाणी एव अखबारों में भी जिक्र था! इस गाँव से श्री कुशल सिंह मेहता जो की प्रधान गोविन्द सिह मेहता में पिता थे वो पूरे इलाके के सेना में भर्ती होने वाले पहले सैनिक थे जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध की लडाई लड़ी थी!
 
  गाव में पहुचने के लिए  लगभग हर दिशा से चडाई चडनी पड़ती है! गाव में सबसे ऊपर भगवान् श्री १००८ मूल नारायण जी का  मंदिर एक अति ही रमणीय स्थान पर है इस स्थान का नाम है लोती है! काफी चडाई चड़ने के बाद अचानक पहाड़ में एक मैदानी भाग शुरू हो जाता है जहाँ पर बांज के पेडो के बीच स्थित है भगवान् मूल नारायण का मंदिर! बागेश्वर जिले में भगवान् मूल नारायण का मंदिर बन्लेख एव   शिखर  के बाद जारती लोती में प्रमुख मंदिर हैपर्यटन  की दृष्टि से यह लोती अति ही आकर्षक जगह है, सर्दियों में इस जगह पर बरफ गिरती है! भगवान् मूल नारायण के मंदिर (लोती) से एक किलोमीटर ऊपर जाकर एक जगह है बुर्जन जहाँ से नंदा देवी, त्रिशूल, बनकटिया, नंदा खाट, पिंडारी और अन्य हिमालय की  चोटिया देखी जा सकती है! दूसरी तरफ इस जगह से पिथोरागढ़, कौसानी और अन्य जगहों को देखा जा सकता है! अगर उत्तराखंड सरकार इस जगह को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करे तो यह दूसरा वैष्णो देवी की चडाई जैसा एक जगह है जहाँ पर लोग केवल भगवान् मूल नारायण के दर्शन कर पायंगे बल्कि तमाम अन्य पर्यटन जगहों का यहाँ से दर्शन कर सकते हैइस गाव के पड़ोसी गाव है पूर्व में पपोली, उडियार पश्चिम में जुनायल! पपोली में हरि नाग देवता एव ज्वाला देवी  का मंदिर है, उडियार में हरसैम और जुनायल में नंदा देवी का मदिर है!
 
  अगर किस गाव को सैनिको का गाव कहा जाय तो दो राय नहीं होगी. गाव के अधिकतर युवक भारत माता के रक्षा के लिए सेना में  सेवारत है और वही बहुत से पूर्व सैनिक भी इस गाव में है जिन्होंने ने देश के लिए - लड़ाईया लड़ी है और बहुत से सैनिको ने देश के लिए शहादत भी दी है! इस गाव की मिटटी में से बहुत से बुद्धिजीवी लोग भी निकले है जो उच्च सरकारी पदों पर विराजमान है! गाव की साक्षरता 90%  है लेकिन पर्यटन की दृष्टि से यह गाव अभी उपेक्षित है क्यों कि लोती जैसे जगह का  बारे में लोगो को अभी तक जानकारी नहीं है! यह गाव एक समय में गहत के पैदावार के बहुत प्रसिद्ध था लेकिन अब यह पैदावार कम हो गयी है उत्तराखंड राज्य के अन्य गाँवों कि तरह इस गाव भी पलायान कि मार झेल रहा है! यदि सरकार की तरफ से स्वरोजगार को प्रोत्साहित किया जाता है तो इस गाव में  मडुवा, गहत और नाशपाती जैसे फल आदि का अच्छा उत्पादन हो सकता है!   
Temple of Mool Narayan Bhagwan.



 
  हम लोग एक लम्बे समय से इस गाव को  सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए संघर्रत है एक सड़क मार्ग जो कपकोट विकासखंड के असो नामक स्थान से जारती गाव तक भारत सरकार से प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत  स्वीकृत है लेकिन वर्षो तक यह रोड केवल पपरो में स्वीकृत है! यदि गाव को मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ा जाय यह गाँव पर्यटन की दृष्टि से उत्तराखंड राज्य का एक प्रमुख गाव हो सकता है

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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This is the view of Himalaya from Loti.. Burjan Area.


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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This is the Photo of Shiv Temple under construction that time in the village.




This is the photo of plain area near Mool Narayan bhagwan Temple. Loti. You can see how beautiful place place is this. Tourism point of view.


विनोद सिंह गढ़िया

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श्रद्धा और आस्था का केंद्र भगवती माता मंदिर : पोथिंग (कपकोट) बागेश्वर-देवभूमि



उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद से करीब 30 कि०मी० आगे माँ नंदा भगवती का भव्य मंदिर पोथिंग नामक गाँव में स्थित है। जो कपकोट क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह मंदिर क्षेत्रवासियों को ही नहीं बल्कि दूर-दराज के लोगों को भी अपनी भव्यता एवं आस्था से अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ प्रतिवर्ष भाद्रपद मास यानि अगस्त-सितम्बर में माँ नंदा भगवती की पूजा की जाती है। जिसमें दूर-दूर से भक्तजन इस पूजा में सम्मिलित होने के लिए आते हैं। जिसमें विशाल जन-समुदाय एकत्रित होता है। अपनी भव्यता और विशालता के कारण अब इस पूजा ने एक मेले का रूप ले लिया है जिसे 'पोथिंग का मेला' नाम से जाना जाता है। यहाँ का मंदिर भले ही नवीन शैली में बना हो लेकिन यहाँ हमें प्राचीन काल से स्थापित मंदिर के अन्दर रखे गए शिलाओं के दर्शन होते हैं

माँ भगवती का यह मंदिर पोथिंग गाँव के मध्य में स्थापित है। जहाँ सिलंग के वृक्षों के फूलों की खुशबू और हरियाली मानव मन को मोह लेती है। यहाँ पर आकर भक्तजन सुकून का अनुभव करते हैं और हर वर्ष यहाँ माँ के दरबार में आकर माँ के दर्शन करते हैं। यहाँ की महिमा,भव्यता और लोगों की माँ के प्रति आस्था को देखते हुए इस क्षेत्र को पर्यटन से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। यह स्थल सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुडा हुआ है। मंदिर में अनेक धर्मशालाएं बनी हुयी हैं और यहाँ रहने की अच्छी व्यवस्था है।
इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पोथिंग (कपकोट) से लगभग 05 किलोमीटर की दूरी पर सुकुंडा नामक झील है। इस झील को भी उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा विकसित करने की कोशिश की जा रही है। भगवती मंदिर पोथिंग के पूर्व दिशा में चिरपतकोट की पहाड़ी में श्री गुरु गुसाईं देवता का एक मंदिर है और पश्चिम में भी पोखरी नामक स्थान में यही देवता विराजमान हैं। इन पवित्र धार्मिक स्थलों को यदि सरकार का सहयोग मिला तो अवश्य ही उत्तराखंड के पर्यटन में काफी इजाफा हो सकता है।

विनोद सिंह गढ़िया

Kanika Bhatt (Devbhoomi)

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My Village
Distt - Pauri Garhwal
City- Pauri
post ofc - Lawly
Village - Gagwara

This is the photo of my village.


Kanika Bhatt (Devbhoomi)

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Farm land of My Village
in short Pungda


Devbhoomi,Uttarakhand

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My Village
Distt - Pauri Garhwal
City- Pauri
post ofc - Lawly
Village - Gagwara

This is the photo of my village.



कनिका जी बहुत सुन्दर गाँव है आपका मुझे भी आज अपने गाँव की याद आ गयी है ,इस सुन्दर फोटो को पोस्ट करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

Kanika Bhatt (Devbhoomi)

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