उत्तराखण्ड का मिनी कश्मीर कहे जाने वाले शहर पिथौरागढ़ में आज से १७ साल पूर्व उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और राज्यपाल मोती लाल वोरा ने नैनी-सैनी गांव के पास इस हवाई पट्टी के निर्माण की आधारशिला रखी थी। इसके बाद श्री यादव और केन्द्र सरकार के सहयोग से यहां एक टर्मिनल के साथ कर्मचारियों के लिए आवास भी बना दिए गए। साथ ही करीब १५०० मीटर हवाई पट्टी का निर्माण भी हुआ। तीन करोड़ रुपये की लागत से कराए गए ये निर्माण आज न केवल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं बल्कि खिड़की और दरवाजों तक को चोर उखाड़कर ले जा चुके हैं।
पिछले डेढ़ दशक से इस हवाई पट्टी का सुदृढ़ीकरण कराने की बजाय लगातार इस पर राजनीति हो रही है। प्रदेश में दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बने प्रकाश पंत इस मुद्दे को विधानसभा चुनावों के अहम एजेंडे में रखते हैं। पिछले दो बार के चुनाव वे हवाई पट्टी सहित बेस हास्पिटल और झील स्थापना को लेकर जीतते रहे हैं। इसके चलते ही वे मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' से दूरी बनाए हुए हैं। हालांकि डेढ़ वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री निशंक ने भी नैनी-सैनी में हवाई पट्टी के विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण की शुरुआत करने के लिए शिलान्यास समारोह भी किया था। इसमें प्रकाश पंत के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल भी शामिल हुए थे। लेकिन आज दो साल बाद भी स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। इतना जरूर हुआ है कि उड़ान भरने के लिए बनाई गई पट्टी जेसीबी से साईड से खोद दी गई है। खोदे गए ये किनारे भी आधे-अधूरे हैं।
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