Author Topic: Tourism Related News - पर्यटन से संबंधित समाचार  (Read 67696 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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रूद्रनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद

गोपेश्वर (चमोली)। चतुर्थ केदार रूद्रनाथ के कपाट शीतकाल के लिए वैदिक मंत्रोच्चार के साथ छ: माह के लिए बंद हो गए है।

शनिवार को ब्रह्मामूहर्त में पुजारी पुरुषोत्तम तिवारी ने वेदिक मंत्रोचारण के साथ श्रद्धालुओं की उपस्थिति में भगवान रूद्रनाथ के कपाट बंद होने की प्रक्रिया पूर्ण की। शास्त्रों के अनुसार पांडवों ने यहां स्थित रुद्रवन में शिव की आराधना की थी। कठिन तपस्या के बाद भगवान शिव ने पाडवों को दर्शन दिए थे। इसके बाद पांडव सतोपंथ होते हुए स्वर्गारोहिणी पार कर स्वर्ग गए थे। उल्लेखनीय है कि रूद्रनाथ में भगवान शिव के मुख की पूजा की जाती है। देशभर में यह एक मात्र ऐसा स्थान है जहां शिव के मुखमंडल की पूजा होती है। इसके अतिरिक्त नेपाल में ही भगवान शिव के पंच मुखों के दर्शन होते हैं। उत्तराखड के पंच केदारों में रूद्रनाथ का अहम महत्व है। प्रतिवर्ष यहां हजारों की तादात में श्रद्धालु शिव के मुखारबिंद के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं। बदरीनाथ व केदारनाथ धाम की तर्ज पर ही ग्रीष्मकाल में रूद्रनाथ के कपाट छ: माह तक श्रद्धालुओं के लिए खुले रहते हैं। बाकी छ: माह शीतकाल के दौरान मंदिर के कपाट बंद रहते हैं। शीतकाल में रूद्रनाथ जी की पूजा गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर में होती है। शनिवार को गाजे-बाजों के साथ भगवान रूद्रनाथ की डोली गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर में लायी गई और मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया गया।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5872833.html

Devbhoomi,Uttarakhand

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गंगोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद

उत्तरकाशी। करोड़ों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक गंगोत्री मंदिर के कपाट रविवार को शीतकाल के लिए बंद हो गए। इस अवसर पर दूसरी राजपूत रेजीमेंट की बैंड की धुनों के साथ मां गंगा की डोली शीतकाल प्रवास को अपने मायके मुखवा के लिए रवाना की गई। सोमवार को गंगा की डोली मुखीमठ (मुखवा) पहुंचेगी।

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट रविवार को 12:20 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ जिलाधिकारी डा. बीबीआरसी पुरूषोत्तम व मंदिर समिति के पदाधिकारियोंकीमौजूदगी में शीतकाल के लिए बंद कर दिए। अब मां गंगा के कपाट अगले वर्ष अक्षय तृतीया को खुलेंगे। इस मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा मां के दर्शन किए। इस मौके पर मंदिर समिति अध्यक्ष संजीव सेमवाल, सचिव दीपक सेमवाल, पूर्व अध्यक्ष रमेश सेमवाल, सचिव रावल हरीश सेमवाल, संसदीय सचिव गोपाल सिंह रावत, चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष सूरत राम नौटियाल, टू राजपूत के कर्नल एसके सावल, स्वामी कृष्णा मूर्ति, उप जिलाधिकारी एसएल सेमवाल, पुलिस अधीक्षक मुख्तार मोहसिन आदि मौजूद रहे।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5872831.html

Devbhoomi,Uttarakhand

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उड़नखटोलों को नहीं लग पा रहे पंख

देहरादून। पहाड़ी राज्य उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश बनाने की राज्य सरकार की मंशा समय रहते परवान नहीं चढ़ पा रही है। कारण कि पर्यटन प्रदेश का सपना सच करने के लिए कागजों पर तो कई योजनाएं तैयार हैं, मगर उन्हें धरातल पर उतारने की कसरत बेहद ही सुस्त है। राज्य के विभिन्न जनपदों में स्वीकृत 12 रोप वे परियोजनाओं का भी कुछ यही हाल है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में बनने वाली इन अधिकतर परियोजनाओं का निर्माण कार्य 3-4 वर्ष बीतने के बाद भी शुरू नहीं हो पाया है।

नैसर्गिक सौंदर्य व गंगा-यमुना जैसी मनोरम नदी घाटियों वाले इस प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2005-06 व 2006-07 में 12 बड़े रोपवे प्रोजेक्टों के निर्माण को मंजूरी दी थी।

करीब 1200 करोड़ रुपये की लागत की इन परियोजनाओं का निर्माण पीपीपी मोड में किया जाना है, जो पर्यटन के मुख्य आकर्षण के अलावा राजस्व जुटाने का भी जरिया बनेंगी। इसके लिए यूआईपीसी व यूडेक को कंसल्टेंट बनाया गया है, लेकिन कार्यादेश के तीन-चार वर्ष गुजरने के बाद भी ज्यादातर प्रोजेक्टों का निर्माण कार्य भी प्रारंभ नहीं हो सका है।

 किसी प्रोजेक्ट की अभी तक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तक नहीं बन पाई तो कोई भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के कारण अधर में है। उत्तरकाशी जिले में स्वीकृत 3.83 किमी लंबे जानकीचट्टी-यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने व भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। इनमें से सबसे बड़े व 800 करोड़ की लागत वाले देहरादून-मसूरी रोपवे प्रोजेक्ट के लिए भी भूमि-अधिग्रहण की कार्रवाई जारी है।

श्रीनगर-पौड़ी रोपवे (40 करोड़) का सर्वे पूरा नहीं हो सका है तो रानीखेत-चौबटिया रोपवे की डीपीआर भी तैयार नहीं है। विशेषज्ञ मानते हैं कि प्राजेक्टों के निर्माण में हो रही यह लेटलतीफी उनकी लागत में वृद्धि का कारण बन सकती हैं। यदि ऐसा हुआ तो परियोजनाओं के अधर में लटकने से पर्यटन विकास की उम्मीदों को करारा झटका लगेगा।

हालांकि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के अधिकारियों का कहना है कि भू-अधिग्रहण की लंबी प्रक्रिया के कारण कुछ विलंब हो रहा है, लेकिन प्रोजेक्टों की भौतिक प्रगति की निरंतर समीक्षा के बाद अब काम तेज करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

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धारी देवी मंदिर के स्वरूप को रखे यथावत



श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल)। अर्थशास्त्री डा. भरत झुनझुनवाला ने कहा कि बांध की ऊंचाई बढ़ने से पर्यावरण दूषित होने के साथ ही घाटी में काफी बड़ी मात्रा में कृषि भूमि भी लोप हो जाएगी। उन्होंने कहा कि धारी देवी मंदिर के स्वरूप को यथावत रखा जाए।

जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण से पर्यावरण को पहुंचने वाले नुकसान को लेकर आयोजित बैठक में डा. भरत झुनझुनवाला ने कहा कि इसके लिए सभी को पहल करनी होगी।

बैठक में विहिप के जिलाध्यक्ष प्रेमबल्लभ नैथानी ने कहा कि धारी देवी मंदिर सिद्धपीठ और पौराणिक भी है। इसलिए इसके साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। बैठक में उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि भी इस मामले में जनभावनाओं का साथ दें। विहिप के कोषाध्यक्ष सत्य प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि बांध का जलाशय बनने के बाद निर्माण कार्यो के लिए रेत पत्थर भी नहीं मिलेंगे।

पत्रकार कैलाश जुगरान, भवानी रावत, केशव प्रसाद काला, कर्नल बेनी प्रसाद थपलियाल, नरेन्द्र कुमार जैन और सामाजिक कार्यकर्ता नवीन बहुगुणा ने भी बांध की ऊंचाई पूर्ववत की भांति रखने के लिए कहा। क्षेत्र भ्रमण पर आए भारत सरकार के वन्य एवं पर्यावरण मंत्रालय के सहायक महानिरीक्षक बीके सिंह, फारेस्ट एडवाईजरी कमेटी के सदस्य डा. महेशरंग राजन, वन संरक्षक गंभीर सिंह से भी वार्ता कर कोटली भेल और श्रीनगर जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर इन लोगों ने वार्ता की।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5908690.html

हेम पन्त

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Radio Mantra 91.9 FM partners with Sharadostav '09
« Reply #124 on: November 06, 2009, 10:27:26 AM »
Source : www.radioandmusic.com

MUMBAI: Radio Mantra 91.9 FM is the official Radio Partner for Sharadostav 2009 (winter fair) organized by Uttarakhand Tourism & Nagarpalika Parishad, Nainital.

Sharadostav 2009 is being held in Nainital during November 4th to November 9th. Various Cultural programs, folk dances and folk arts are organized during this fair. A Large number of people including foreign tourists visit this fair to witness the diverse cultural practices and traditions.

There would be scintillating performances by renowned artists from the film fraternity with the likes of Kailash Kher; Aryans; Meghna Naidu; Sanover Kabir; Priyani Vani & Irfan Ali of Amul Voice of India Fame and so on marking the celebration for Uttarakhand’s 10th Foundation Day.

Talking to us, Abhishek Thakur, Marketing Manager, Radio Mantra 91.9 Fm said, “Our key differentiator has always been our personalized content and henceforth, to celebrate the foundation day of Uttarakhand we came in as radio partners, thus, giving our listeners an opportunity to get up close and personal with their favorite celebrities. Throughout Sharadostav 09 live feeds would be aired from the venue packaged with celeb bytes and interviews guarantying unlimited entertainment back home as well. We thank Uttarakhand Tourism & Nagarpalika Parishad for letting us have this opportunity”.

हेम पन्त

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Nainital hails the colourful autumn festival
« Reply #125 on: November 07, 2009, 07:07:27 PM »
Source : http://blog.taragana.com/n/nainital-hails-the-colourful-autumn-festival-220579/
 
NAINITAL - To give the tourism sector a boost in the Uttarakhand’s Kumaon region, the scenic Nainital city is hosting this year’s edition of the annual autumn festival named ‘Sharadutsav’.


At a colourful event, the ‘curtains-up’ for ‘Sharadutsav-2009′ was witnessed to an overwhelming response of locals and tourists on Thursday.

The five-day festival promises to showcase a lot of programmes to entertain the audience and tourists visiting the hill station.

Apart from presenting the local cultural dance to the audience the programme included a mimicry show by stand up comedian Sudha Mishra.

Renowned Sufi singer Kailash Kher enthralled the audience in his melodious voice with a blend of Bollywood songs and Sufi music.

According to the officials of the Tourism Department, the inflow of tourists this year has increased by 15 percent and no wonder, they expressed happiness at these trends.

“If we look from a broader perspective, last year around 6,39,000 tourists visited Nainital. This year till October around 6,50,000 people visited Nainital and by the end of this year we expect the number to reach the range of 7 to 7.45 lakhs, an increase of 15 percent,” said J C Beri, Regional Tourist Officer of Kumaon.

On their part, the audience at the festival was thrilled to see popular as well as talented singers and artists performing in the town, famous for its lake.

“Till now we had only seen Kailash Kher on television. It was for the first time that we saw him performing live. We really enjoyed his performance and wish that he performs next year also,” said Kanika, a local.

Braving the drop in the mercury, the visitors with utmost enthusiasm have been enduring the chill and enjoy the warmth of the festival to the fullest.

On 9 November, it will be ‘curtains-down’ for the festival ‘Sharadutsav Nainital-2009′ and the enthralled audience will have to wait for the next year’s edition with hopes of similar thrills. (ANI)

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ईको टूरिज्म के लिए उपयुक्त स्थान है देवली व लाट क्षेत्र: डीएम


Dec 05, 09:56 am


अल्मोड़ा। जिले में पर्यटन विकास की संभावनाओं के मद्देनजर ग्राम देवली व लाट के क्षेत्रों का भ्रमण कर जिलाधिकारी ने हैलीपैड निर्माण के लिए स्थान का निरीक्षण किया। इसके साथ ही देवली ग्राम समूह पेयजल योजना और लाट ग्राम के लिए जिला योजना में प्रस्तावित लिफ्ट इरीगेशन योजना का स्थल भी जिलाधिकारी ने देखा।

क्षेत्र भ्रमण के बाद जिलाधिकारी ने ग्राम देवली को हैलीपैड निर्माण के बजाय ईको टूरिज्म विकसित करने के लिए अधिक उपयुक्त बताया। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र ईको टूरिज्म के लिए बहुत ही उपयुक्त है। यहां के आवोहवा पर्यटकों के लिए मुफीद साबित होगी। जिलाधिकारी का कहना था कि इस क्षेत्र में छोटे-छोटे हट्स का निर्माण का पर्यटकों को लोधिया से ट्रेकिंग करवाते हुए रात्रि विश्राम के लिए इस क्षेत्र में लाया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त क्षेत्र का देवलीडांडा मंदिर से वहां दृश्या अवलोकन के लिए उत्कृष्ट है। हिमालय व पर्वतीय श्रृंखलाओं के शौकीन पर्यटकों के लिए यह क्षेत्र बहुत ही बेहतर साबित होगा। यदि यह क्षेत्र पर्यटन के लिए विकसित किया जाए तो क्षेत्र के युवाओं को रोजगार का बेहतर जरिया मिलेगा।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5993898.html

Devbhoomi,Uttarakhand

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पर्यटक स्थलों को विश्व मानचित्र पर मिलेगा स्थान

थराली (चमोली)। विधायक केदारनाथ आशा नौटियाल ने कहा कि पर्यटक स्थल रूप कुंड, बेदनी बुग्याल व ग्वालदम का विकास करके इन क्षेत्रों को शीघ्र विश्व मानचित्र में स्थान दिया जाएगा।

थराली में शीतकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेलकूद प्रतियोगिता के उद्घाटन अवसर पर उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से जहां क्षेत्र का नाम रोशन होता है, वहीं प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को नये अवसर मिलते हैं। उन्होंने सतलुज जल विद्युत परियोजना के प्रबन्धक वी नारायणन ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों की विरासत की रक्षा के लिए प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी आवश्यक बताते हुए कंपनी की ओर से मेला समिति को 24 हजार रुपये पुरस्कार के रूप में दिए।

कार्यक्रम में इंटर कालेज और बधाणी संस्था के बच्चों ने मुख्य अतिथि के स्वागत में स्वागत गान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के पहले दिन राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता प्रारम्भ हुई।


SOURCE DAINIK JAGRAN

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पर्यटको को आकर्षित करने को बनेगी झील

श्रीनगर (पौड़ी गढवाल)। पर्यटकों को अकर्षित करने के लिए श्रीनगर में झील का निर्माण किया जायेगा।

किलकिलेश्वर मन्दिर के समीप से चौरास पुल की ओर वर्तमान में अलकनंदा नदी स्थल पर लगभग ढेड मीटर गहरी यह झील बनी है। श्रीनगर जल विद्युत परियोजना का निर्माण हो जाने पर नदी के इस वर्तमान स्थल पर नदी का पानी नहीं रहने से वहां पर झील का निर्माण जीवीके कंपनी कराएगी।

 उप जिलाधिकारी श्रीनगर वीके मिश्रा की अध्यक्षता में नगर पालिका में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में जीवीके कंपनी के प्रतिनिधि संतोष रेड्डरी ने इस पर सहमति प्रदान की।

पालिकाध्यक्ष मोहन लाल जैन के सुझाव पर झील के किनारे- किनारे मैरीन ड्राइव बनाने का निर्णय लिया गया, जिस पर पानी के फब्बरों सहित पथ प्रकाश व्यवस्था भी जीवीके कंपनी करेगी। जीवीेके कम्पनी के संतोष रेड्डी ने कहा कि झील निर्माण के लिए सिंचाई, राजस्व, वन एवं पर्यावरण और नगर पालिका से एनओसी मिलनी जरूरी है।

 इस अवसर पर जितेन्द्र रावत, रघुवीर विष्ट, संजय खंडूडी, सुधांशू नौडियाल, पालिका सभाषदों के साथ ही पालिका के अभियंता अनिल नेगी, जल संस्थान सिंचाई विभाग के अभियंता और जीवीके कम्पनी के जीएम सिविल संजय खोट, उप महप्रबन्धक दीपक कुमार भी बैठक में उपस्थित थे।

Source dainik jagran


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आनलाइन और पालीथिन मुक्त होगा गंगोत्री धाम

उत्तरकाशी। गंगोत्री धाम न जा पाने वाले भक्त जल्द ही इंटरनेट पर मंदिर दर्शन का लाभ ले सकेंगे। मंदिर समिति की नई कार्यकारिणी ने धाम की वेबसाइट तैयार करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा समिति अगले यात्रा सीजन में गंगोत्री को पूरी तरह पालीथिन मुक्त करने की तैयारी में है। कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने धाम को महाकुंभ से जोड़ने की जरूरत भी जताई है।

शुक्रवार को गंगोत्री मंदिर समिति धर्मशाला में कार्यकारिणी की बैठक हुई। अध्यक्ष संजीव सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री धाम के प्रचार- प्रसार व मंदिर से जुड़ी विभिन्न जानकारियों के लिये वेबसाईट तैयार की जाएगी। इसमें यात्रा मार्ग, पूजा- अर्चना, स्नान आदि के विवरण के साथ ही गंगोत्री धाम के पौराणिक महत्व से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध रहेंगी। कार्यकारिणी ने अगले यात्रा सीजन तक गंगोत्री धाम को पूरी तरह पालीथिनमुक्त करने का भी निर्णय लिया है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6013525.html

 

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