Author Topic: Tourism Related News - पर्यटन से संबंधित समाचार  (Read 61557 times)

पंकज सिंह महर

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उत्तरकाशी। चार धाम यात्रा को किसी भी बुरी नजर से बचाने के लिए जिला पुलिस ने कमर कस ली है। पुलिस के अनुसार यात्रा मार्गो की सुरक्षा इतनी पुख्ता होगी की परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा। इसके लिए विभिन्न स्थलों पर पुलिस चौकियां स्थापित की गईं हैं। होमगार्ड की कई प्लाटून को मार्ग पर तैनात कर पुलिस पर्यटक व सहायता केंद्र खोले जा रहे हैं। श्रद्धालुओं को 'मित्रता, सेवा व सुरक्षा' सिद्धांत के तहत पुलिस चप्पे-चप्पे पर नजर आएगी।

रविवार को पुलिस अधीक्षक नीलेश आनंद भरणे ने अपराध सुरक्षा बैठक में चारधाम यात्रा की सुचिता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए अधीनस्थों को दिशा- निर्देश दिए। एसपी ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध धाम यमुनोत्री मार्ग पर यमुनोत्री, जानकीचट्टी, हनुमान चट्टी, स्यानाचट्टी तथा गंगोत्री मार्ग पर भोजवासा, गंगोत्री, लंका व हर्षिल में पुलिस चौकी स्थापित की गई हैं। इन चौकियों में पुलिस की मदद को होमगार्ड के 150 जवान तैनात किए गए हैं। यात्री सुविधाओं के लिए पुलिस पर्यटक व सहायता केन्द्रों पर प्रशिक्षित पर्यटक पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। यहां यात्रियों को यात्रा मार्गो व सुविधाओं की जानकारी भी दी जाएगी। दुर्घटनाओं रोकने को नियमित वाहन चेकिंग की जा रही है। वाहनों की गति पर नियंत्रण को स्पीड रडार गन उपयोग करने वाली जिला पुलिस आपदा से निबटने की तैयारियों को अंतिम रूप दे चुकी है।

पंकज सिंह महर

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उत्तरकाशी। हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी संस्था ने गंगोत्री व यमुनोत्री के साथ ही विश्वनाथ व शक्ति मंदिर में लोकल उत्पाद पर आधारित प्रसाद व धूप वितरित करने का निर्णय लिया है।

गंगोत्री, यमुनोत्री, विश्वनाथ व शक्ति मंदिर में दर्शन से पहले यात्रियों को वर्तमान में जो प्रसाद चढ़ावे के लिए मिलता है वह दिल्ली, बम्बई, हरिद्वार, राजस्थान समेत अन्य स्थानों से पालीथिन में पैक होकर पहुंचता है, जिससे प्र्र्रदूषण का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। प्रसाद निकालकर पालीथिन सीधे गंगा में प्रवाहित कर दी जाती है जो गंगा को भी प्रदूषित कर देता है। हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी एग्रो संस्थान ने प्रसाद वितरण का जिम्मा अपने कंधों पर लेते हुए महिलाओं की एक टीम तैयार की है। खरसाली, बीफ, बनास, जसपुर, माण्डौ, जोशियाड़ा समेत अन्य गांवों की महिलाएं टीम में शामिल हैं। ये महिलाएं रामदाना, कुट्टू, तिल, मगज, शहद, अखरोट व घी से प्रसाद तैयार करेंगी। यह प्रसाद रिगांल की टोकरी में वितरित किया जाएगा। यमुनोत्री क्षेत्र के विधायक केदार सिंह रावत ने संस्था के इस प्रयास की सराहना की। संस्था के सचिव द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने बताया कि प्रसाद वितरण के कार्य को बिना रुके किया जाएगा। इसके लिए हैस्को से भी सहयोग लिया गया है। संस्था इन दिनों गांव में महिलाओं से प्रसाद तैयार करवा रहा है इससे महिलाओं को आर्थिक आमदनी भी प्राप्त हो रही है।

पंकज सिंह महर

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ऊखीमठ/ रुद्रप्रयाग। करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक भगवान केदारनाथ की उत्सव डोली आज भक्तों के सैलाब के साथ अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारपुरी के लिए रवाना हो गई। सत्रहवीं गढ़वाल राइफल के बैंड की धार्मिक धुनों व भक्तों के जय भोले-बम भोले की गुंज से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया।

शीतकाल के छह माह अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भक्तों को दर्शन के पश्चात ग्याहरवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ की उत्सव डोली आज वैदिक पूजा-अर्चना व मंत्रोच्चारण के बाद केदारपुरी को रवाना हुई। रविवार सुबह मंदिर के कर्मचारियों ने उत्सव डोली का विधिवत श्रृंगार कर मंदिर पुरोहितों एवं पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-अर्चना की। रावल 1008 भीमा शंकर लिंग शिवाचार्य ने पुजारी राजशेखर लिंग को छह माह केदारनाथ में पूजा-अर्चना के लिए वस्त्र एवं मंदिर की चाबी सौंपी। वहीं ओंकारेश्वर मंदिर से ऊखीमठ, गुप्तकाशी होते हुए बाबा की डोली सैकड़ों भक्तों के सैलाब के साथ प्रथम पड़ाव स्थल फाटा पहुंची। सोमवार को फाटा से सुबहप्रस्थान कर जगह-जगह भक्तों को दर्शन देते हुए केदारबाबा की उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए गौरीमायी मंदिर गौरीकुण्ड में पहुंचेगी। मंगलवार को सुबह प्रस्थान कर रात्रि केदारपुरी में पहुंचेगी। बुधवार सात मई को सुबह वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोले जाएंगे।

पंकज सिंह महर

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देहरादून। करोड़ों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक उत्ताराखंड के चार में से तीन धाम श्री केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बुधवार को शुभ मूहर्त में खुलेंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट नौ मई को खुलेंगे।

उत्तारकाशी जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध धाम गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट अक्षय तृतीया के पुण्य पर्व पर सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर शुभ मुर्हुत में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव रावल हरीश सेमवाल ने बताया कि मंगलवार को गंगोत्री की डोली शीतकाल वास मुखवा से गंगोत्री की ओर प्रस्थान करेगी। रात्रि को भैरवघाटी स्थित भैरव मंदिर में विश्राम करने के बाद गंगोत्री की डोली बुधवार की सुबह गंगोत्री की पहुंचेगी। अक्षय तृतीया के शुभ मुर्हुत में गंगोत्री के कपाट दर्शनार्थ खोले जाएंगे। इस मौके पर पर्यटन मंत्री प्रकाश पंत, चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष सूरत राम नौटियाल, क्षेत्रीय विधायक गोपाल सिंह रावत मौजूद रहेंगे। विश्व प्रसिद्ध धाम यमुनोत्री के कपाट भी अक्षय तृतीया के पुण्य पर्व पर सुबह 11:30 पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुलेंगे। मंदिर समिति के ज्योति प्रसाद उनियाल ने बताया कि बुधवार की सुबह खरसाली से यमुनोत्री की डोली मंदिर की ओर रवाना होगी। पूर्ण धार्मिक अनुष्ठान व रीति-रिवाजों के अनुरूप मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। इस मौके पर यमुनोत्री क्षेत्र के विधायक केदार सिंह रावत मौजूद रहेंगे। बुधवार को ही केदारनाथ मंदिर के कपाट भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुल जाएंगे। मंदिर समिति के मुख्य कार्य अधिकारी केके मिश्रा के अनुसार सुबह आठ बजे मंत्रोचार के साथ कपाट खुल जाएंगे। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट नौ मई को श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अनुसूइया प्रसाद भट्ट ने बताया कि ब्रह्मा मूहर्त में पूजा अर्चना के साथ कपाट खुल जाएंगे। इस दिन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खडूड़ी भी यहां पहुंच रहे हैं।

पंकज सिंह महर

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ऋषिकेश (देहरादून)। प्रदेश के पर्यटन मंत्री प्रकाश पंत के चारधाम यात्रा के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते ही इस वर्ष की विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा शुरू हो गई। पहले जत्थे में तीर्थनगरी से चार दर्जन से अधिक बसों में 1600 यात्री चार धाम के लिए रवाना हुए।

मंगलवार को संयुक्त रोटेशन यातायात व्यवस्था समिति द्वारा चार धाम यात्रा उद्घाटन अवसर पर यातायात अड्डे पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर प्रदेश के पर्यटन मंत्री प्रकाश पंत ने यात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सरकार तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने को वचनबद्ध है। उन्होंने यात्रियों से अपील की कि वे तीर्थ स्थानों की गरिमा को बनाए रखने के लिए इन स्थानों को प्रदूषण रहित बनाने में मदद करें। सरकार तीर्थयात्रा के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर गंभीर है। यात्रा के पहले दिन गंगोत्री, यमुनोत्री व बदरी-केदार के लिए लगभग 50 बसें रवाना हुई। समिति के अध्यक्ष गंभीर सिंह भंडारी ने बताया कि 1600 से अधिक यात्री विभिन्न धामों के दर्शन के लिए तीर्थनगरी ऋषिकेश से चले।

पंकज सिंह महर

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नैनीताल। पर्यटन सीजन के आरंभ में ही सरोवर नगरी में जहां पर्यटकों के उमड़ने का क्रम शुरु हो गया है। वहीं, उच्च हिमालयी वन्य जीवों के लिए प्रमुख पंत उच्च स्थलीय प्राणि उद्यान में भी प्रतिदिन वन्य जीवों का लुत्फ उठाने को पर्यटकों के साथ ही स्कूली बच्चों के ग्रुप आने शुरु हो गए है। इस वर्ष अधिक संख्या में चिड़ियाघर में पर्यटकों के आने की संभावना व्यक्त जताई गयी है।

विदित हो कि उच्च हिमालयी वन्य जीवों में प्रमुख हिम तेंदुआ, पर्वतीय भालू समेत अन्य दुर्लभ प्रजाति के जंतु पंत उच्च हिमालयी प्राणि उद्यान में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहते है। उद्यान के रेजर हरीश चंद्र जोशी ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 1,40,766 पर्यटकों ने वन्य जीवों का लुत्फ उठाया। इसके अलावा दस हजार से अधिक स्कूली बच्चों भी आए।

इधर, मैदानी क्षेत्र में गर्मी शुरु होते ही अप्रैल माह से ही पर्यटकों की चिड़ियाघर में तादात बढ़ने लगी थी। मई प्रथम सप्ताह में ही प्रतिदिन सात सौ से अधिक पर्यटक उमड़ रहे है। बताया गया कि मंगलवार को जहां होली एकेडमी के करीब दो सौ बच्चों ने वन्य जीवों को देखा, वहीं दिन भर में करीब सात सौ से अधिक पर्यटक आए। इनमें पांच वर्ष से कम के बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश दिया जाता है। पर्यटन सीजन में इस बार अधिक पर्यटकों के चिड़ियाघर में आने की संभावना व्यक्त की गयी है।

पंकज सिंह महर

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रुद्रप्रयाग/उतरकाशी। करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र केदारनाथ धाम के साथ ही बुधवार को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। कपाट खुलने के शुभ अवसर पर जय बाबा केदार के उद्घोषों से संपूर्ण केदारपुरी गूंज उठी तो दूसरी तरफ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से पूर्व हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा व यमुना में डुबकियां लगाकर पुण्य अर्जित किया। बद्री-केदार मंदिर समिति के उप मुख्य कार्याधिकारी जेपी नंबूरी ने बताया कि पहले दिन केदारपुरी में भोले के दर्शन के लिए पांच हजार चार सौ चौबीस यात्री पहुंचे।

रुद्रप्रयाग जिले में स्थित शिव के ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट वैदिक पूजा-अर्चना एवं मंत्रोच्चार के साथ सुबह आठ बजे भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए। कपाट खुलने के समय केदारपुरी का मौसम सर्द बना रहा और हल्की बूंदा-बांदी भी हुई। इसके बावजूद यहां सुबह से ही हजारों भक्तों की भीड़ भोले के प्रथम दर्शनों के लिए कतार में लगी रही। निर्धारित समय आठ बजते ही केदारनाथ के रावल 1008 भीमा शंकरलिंग मंदिर प्रांगण में पहुंचे और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ग्रीष्म काल के लिए भगवान केदारनाथ के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलने के अवसर पर सूबे के पर्यटन मंत्री प्रकाश पंत, सचिव राकेश कुमार, पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण, मुनि चिदानंद महाराज, केदारनाथ क्षेत्र की विधायक आशा नौटियाल, मंदिर समिति की उपाध्यक्ष दर्शनी देवी, उप मुख्य कार्याधिकारी जेपी नंबूरी, जिलाधिकारी सचिन कुर्वे, एसपी नीरु गर्ग, मंदिर के पुजारी राजशेखर लिंग सहित हजारों की संख्या में भक्त मौजूद थे। उत्तारकाशी जिले के अंतर्गत विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट आज वेद मंत्रोच्चार के साथ पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे भक्तों के दर्शनार्थ खोले गए। मंगलवार को गंगोत्री की डोली मुखवा गांव से गंगोत्री की ओर चली। भैरवघाटी स्थित भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद सुबह डोली का गंगोत्री की ओर प्रस्थान हुआ। परंपरागत वाद्य यंत्र ढोल दमाऊ व सैकड़ों भक्तों के साथ गंगा की डोली सुबह गंगोत्री पहुंची। यहां विधिवत पूजा-अर्चना के बाद गर्भगृह के कपाट खोले गए। बुधवार की सुबह यमुनोत्री की डोली शीतकालीन वास खरसाली से रीति-रिवाज व पौराणिक परंपरा के साथ रवाना हुई। सैकड़ों श्रद्धालुओं व परंपरागत वाद्य यंत्रों के साथ मां यमुना की डोली यमुनोत्री मंदिर पहुंची। वैदिक मंत्रों व पूजा अर्चना के बाद यमुनोत्री के कपाट खोले गए। गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुलने पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचे। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने कपाटोत्सव में भाग लेकर पुण्य अर्जित किया।

पंकज सिंह महर

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गोपेश्वर (चमोली)। चतुर्थ केदार श्री रूद्रनाथ धाम में कपाट खुलने की धार्मिक तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं लेकिन अभी तक यात्रा मार्ग पर न तो पानी के पुख्ता इंतजाम हैं और न ही पैदल मार्ग का निर्माण पूर्ण हो पाया है। स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर तत्काल सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है।

18 मई को श्री रूद्रनाथ के कपाट खुलने हैं। 14 मई को भगवान की डोली गोपीनाथ मंदिर से बाहर निकाली जाएगी। पुजारी, मंदिर समिति सहित स्थानीय लोग धार्मिक तैयारियों में जुटे हुए हैं। लेकिन रूद्रनाथ में पानी व पैदल रास्ते की समस्या बनी हुई है। पनार तक पैदल मार्ग पूर्ण हो चुका है लेकिन वहां से आगे के रास्ते चट्टानी हैं। हर बार लोग पौराणिक नारद कुंड से एक-एक बूंद पानी मंदिर तक पहुंचाकर जलाभिषेक करते हैं। बावजूद इसके अभी तक न तो प्रशासन और न ही विभाग ने इस ओर ध्यान दे रहा है। साथ ही उत्तराखंड जल संस्थान पानी की व्यवस्था सुचारू करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा। सगर निवासी सतेंद्र रावत का कहना है कि विद्युत व दूरसंचार की सुविधा न होने से तीर्थ यात्री इस धाम से विमुख हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्थाओं के लिए प्रशासन को बार-बार लिखा जा चुका है पर अभी तक कार्रवाई नहीं हो पाई। मंदिर समिति के सदस्य देवेंद्र बिष्ट का आरोप है कि विभाग ने पैदल मार्ग का निर्माण आधा-अधूरा किया गया है जिससे श्रद्धालुओं को धाम तक पहुंचने में परेशानी हो सकती है।

पंकज सिंह महर

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रुद्रप्रयाग। विश्व प्रसिद्ध तीर्थ धाम केदारनाथ यात्रा को सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन द्वारा की गई कवायद का बुधवार को यात्रा का पहले दिन परिणाम सुखद रहा। पूर्व में अव्यवस्थाओं से त्रस्त रहने वाले गौरीकुण्ड में इस बार सब कुछ व्यवस्थित नजर आ रहा है। घोड़ा और पालकी की प्री-पेड व्यवस्था से यात्री लूट खसोट से बचे रहे।

चारधाम यात्रा सीजन में मुख्य पड़ाव स्थल गौरीकुण्ड में श्रद्धालुओं को सबसे अधिक अव्यवस्थाओं से दो चार होना पड़ता था। केदारनाथ के लिए यात्री घोड़ा, पालकी से होकर जाता है। यात्रियों की भीड़ होने पर यहां उन्हें जमकर लूटा जाता था। प्रशासन पर हर वर्ष ऐसी शिकायतों का ढेर लग जाता था। इससे सबक लेते हुए इस बार जिला प्रशासन और संबंधित विभागों ने व्यवस्थाओं को लेकर सबसे ज्यादा गौरीकुण्ड पर ही केन्द्रित किया है। इसी के तहत घोड़ा, पालकी व कण्डी की व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित रखने के लिए प्रीपेड व्यवस्था लागू की गई है। यात्रा के पहले दिन बुधवार को इस व्यवस्था का सफल संचालन हुआ। यात्रियों को भी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। यही नहीं गौरीकुण्ड में यात्रा सीजन में प्रत्येक दिन दो हजार से अधिक बडे़-छोटे वाहन यात्रियों को लेकर आते है। ऐसे में समुचित पार्किंग व अन्य छोटी समस्याओं पर भी प्रशासन मुस्तैद है।

पंकज सिंह महर

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टनकपुर (चम्पावत)। इन दिनों उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि धाम में भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे है। गर्मी के चलते दिन की अपेक्षा रात्रि के समय अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है। इधर नेपाल के सिद्धनाथ मंदिर में भी काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है।

पिछले चार दिनों से मां पूर्णागिरि धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हुआ है। शारदा नदी में भी इन दिनों स्नान के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे है। शारदा घाट में किसी अप्रिय घटना को देखते हुए पीएसी की तैराक टीम भी तैनात की गई है। इधर नेपाल के महेन्द्र नगर व ब्रह्मदेव मंडी स्थित सिद्धनाथ मंदिर में भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है। जिसके कारण नेपाल के दोनों बाजारों में चहल- पहल भी बढ़ गई है। मेला क्षेत्र में जगह-जगह भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है।

 

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