विदेशों तक पहुंची गौरव की तबले की धुन===========================
तबला वादन के क्षेत्र में नई पहचान के रूप में उभर रहे जिले के गौरव मैठाणी अब तक देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। दो वर्ष के छोटे अंतराल में गौरव ने कई उपलब्धियां अपने नाम कर जिले व राज्य की शान को ऊंचा किया है।
ऊखीमठ ब्लाक के अंतर्गत ब्राह्मण खोली निवासी 27 वर्षीय गौरव मैठाणी एक मध्यम वर्गीय परिवार से है। पिता ऋषिकेश में फार्मेसिस्ट के पद पर कार्यरत हैं। प्राइमरी शिक्षा ऊखीमठ में पूरी करने के बाद जूनियर से लेकर इंटर की पढ़ाई पूर्णानंद इंटर कालेज ऋषिकेश में की। इसके बाद संस्कृति विषय से स्नातक की डिग्री गौरव ने स्वार्गाश्रम ट्रस्ट महाविद्यालय ऋषिकेश से प्राप्त की। इसके बाद तबला वादन दिलचस्पी होने से 2000 से 2006 तक अनूप संगीत साधन केन्द्र ऋषिकेश से प्रभाकर उपाधि की उपाधि हासिल की।
तबला वादन में निपुण होने के बाद वर्ष 2007 में गौरव ने संगीत की दुनिया में कदम रखा। इसके बाद इसी वर्ष वह रामा कैसेट कंपनी दिल्ली पहुंचे और गढ़वाल एलबम से अपनी कला की शुरुआत की। वर्ष 2009 तक वह रामा, टी-सीरीज व नीलम कैसेट के बैनर तले गढ़वाल, हिंदी, पंजाबी, गुजराती सहित 250 एलबमों में काम किया। इस बीच उन्होंने दूरदर्शन चैनल पर सुबह-सवेरे कार्यक्रम संगीत कार्यक्रम में भी हिस्सेदारी की।
वर्ष 2010 में गौरव पुन: ऋषिकेश वापस लौटे और सिन शिवा चैरिटेबिल ट्रस्ट ऋषिकेश से जुड़े। ट्रस्ट द्वारा 7 नवंबर को गौरव की बेहतर प्रतिभा को देखते हुए जर्मनी, पेरिस, ज्यूरिक, बौस्टरलैण्ड व स्विटजरलैंड में आयोजित कार्यक्रमों के लिए चयनित किया। एक माह के दौरे में गौरव ने विदेशों में अपनी तबले की धुन की छाप छोड़ दी।
अब तक की उपलब्धियां-
1. वर्ष 2007-09 तक दिल्ली में रामा, टी-सीरीज, नीलम कैसेट में 250 एलबमों में काम किया।
2. गढ़वाली कैसे लबरा छोरी, सुभागा, रुकमा व हिंदी भजन एलबम हरे कृष्णा सहित पंजाबी, गुजराती एलबमों में जुड़े।
3. वर्ष 2008 में दिल्ली में दूरदर्शन चैनल पर सुबह-सबेरे कार्यक्रम हिस्सेदारी
4. नवंबर से दिसंबर 2010 तक जर्मनी, पेरिस, ज्यूरिक, बौस्टरलैण्ड व स्विटजरलैंड देशों में कार्यक्रमों भाग लिया।
5- अप्रैल 2010 में कलश साहित्य संस्था द्वारा सम्मानित। जिसके बाद इस दिसंबर माह में गुप्तकाशी में आयोजित चौदहवें खेल एवं सांस्कृतिक प्रतिभा सम्मान समारोह में खेल एवं आपदा प्रबंधन मंत्री खजान दास द्वारा सम्मानित किया गया।
'मेरी बचपन से ही तबला वादन में खासी दिलचस्पी रही है और उम्मीद के मुताबिक मुझे बेहतर मंच मिला है। परिजनों, क्षेत्रीय जनता व गुरुजनों के आशीर्वाद से ही मैं यहां तक पहुंचा हूं और भविष्य में प्रदेश व देश भर में अलग पहचान बनाना चाहता हूं।
गौरव मैठाणी, तबला वादक'
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7101929.html