Author Topic: Districts Of Uttarakhand - उत्तराखंड के जिलों का विवरण एवं इतिहास  (Read 96031 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
CLOCK TOWAER HARIDWAR

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
गहन धार्मिक महत्व के कारण हरिद्वार में वर्ष भर में कई धार्मिक त्यौहार आयोजित होते हैं जिनमें प्रमुख हैं :- कवद मेला, सोमवती अमावस्या मेला, गंगा दशहरा, गुघल मेला जिसमें लगभग २०-२५ लाख लोग भाग लेते हैं।


इस के अतिरिक्त यहाँ कुंभ मेला भी आयोजित होता है बार हर बारह वर्षों में मनाया जाता है जब बृहस्पति ग्रह कुम्भ राशिः में प्रवेश करता है। कुंभ मेले के पहले लिखित साक्ष्य चीनी यात्री, हुआन त्सैंग (६०२ - ६६४ ई.) के लेखों में मिलते हैं जो ६२९ ई. में भारत की यात्रा पर आया था।


भारतीय शाही राजपत्र (इम्पीरियल गज़टर इंडिया), के अनुसार १८९२ के महाकुम्भ में हैजे का प्रकोप हुआ था जिसके बाद मेला व्यवस्था में तेजी से सुधार किये गए और, 'हरिद्वार सुधार सोसायटी' का गठन किया गया, और १९०३ में लगभग ४,००,००० लोगों ने मेले में भाग लिया। १९८० के दशक में हुए एक कुम्भ में हर-की-पौडी के निकट हुई एक भगदड़ में ६०० लोग मारे गए और बीसियों घायल हुए। १९९८ के महा कुंभ मेले में तो ८ करोड़ से भी अधिक तीर्थयात्री पवित्र गंगा नदी में स्नान करने के लिए यहाँ आये।

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों में में निम्नलिखित शिक्षा संस्थान है:-

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की - ३० किमी भूतपूर्व रुड़की इंजीनियरी कॉलेज, जो अब एक आई॰आई॰टी बन चुका है, यह भारत में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उच्च शिक्षा का एक महत्वपूर्ण संस्थान है जो हरिद्वार से ३० मिनट की दूरी पर रुड़की में स्थित है।

कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग (कोएर) - १४ किमी एक निजी अभियांतिकी संस्थान जो हरिद्वार और रुड़की के बीच राष्ट्रीय महामार्ग ५८ पर स्थित है।

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय - ४ किमी कनखल में गंगा नदी के तट पर हरिद्वार-ज्वालापुर बाइपास सड़क पर स्थित।

चिन्मय डिग्री कॉलेज हरिद्वार से १० किमी दूर स्थित शिवालिक नगर में बसा यह हरिद्वार के विज्ञान कोलेजों में से एक है।

विश्व संस्कृत विद्यालय संस्कृत विश्विद्यालय, हरिद्वार जिसकी स्थापन उत्तराखंड सरकार द्वारा की गई थी विश्व का एकमात्र विश्वविद्यालय है जो पूर्णतः प्राचीन संस्कृत ग्रंथों, पुस्तकों की शिक्षा को समर्पित है। इसके पाठ्यक्रम के अंतर्गत हिन्दू रीतियों, संस्कृति, और परंपराओं की शिक्षा दी जाती है, और इसका भव्य भवन प्राचीन हिन्दू वास्तुशिल्प पर आधारित है।

दिल्ली पब्लिक स्कूल, रानीपुर क्षेत्र के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से यह एक है जो विश्वव्यापी दिल्ली पब्लिक स्कूल परिवार का भाग है। यह अपनी उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों, खेलों, पाठ्यक्रमेतर क्रियाकलापों के साथ-साथ सर्वोत्तम सुविधाओं, प्रयोगशालाओं, और शैक्षणिक वातावरन के लिए जाना जाता है।

डी॰ए॰वी सैन्टेनरी पब्लिक स्कूल जगजीत्पुर में स्थित यह विद्यालय शिक्षा के साथ-साथ अपने विद्यार्थियों कों नैतिकता का पाठ भी सिखाता है ताकी यहाँ से निकला हर विद्यार्थी संसार के हर कोने को प्रकाशित कर सके।

केन्द्रीय विद्यालय, बी॰एच॰ई॰एल केन्द्रिय विद्यालय, बी॰एच॰ई॰एल, हरिद्वार के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक है, जिसकी स्थापना ७ जुलाई, १९७५ को की गई थी। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्धीकृत, इस विद्यालय में प्री-प्राइमरी से १२वीं तक २,००० से अधिक विद्यार्थी पढ़ते है।

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
उत्तराखण्ड के प्रवेश द्वार के रूप में स्थित हरिद्वार नगर प्रशासनिक , आर्थिक , सामाजिक, धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से प्रदेश के सर्वाधिक महत्वपूर्ण नगरों में से एक है ।

उत्तराखण्ड के आर्थिक विकास में हरिद्वार एवं ऋषिकेश नगरों की भूमिका सर्वविदित है । यह नगर जनपद के मुख्यालय होने के साथ साथ हिन्दुओं के धार्निक क्रियाकलापों का भी मुख्य केन्द्र है । इसके अतिरिक्त इस नगर में कुछ उद्योगों का भी विकास हुआ है ।

 प्रति 6 तथा 12 वर्षों के अंतराल के पश्वात यहां पर अर्धकुम्भ तथा कुम्भ मेले का आयोजन होता है । पर्यटन की दृष्टि से इस नगर का महत्व है । यह नगर आस पास के क्षेत्रों की व्यवसायिक आवश्यकताओं की पूर्ति करते ही है , उन्हें उच्च श्रेणी की स्वास्थ्य, मनोरंजन ,यातायात, शैक्षिक व पर्यटन की सुविधाएं भी प्रदान करते है ।

नगर व उनके आसपास के क्षेत्र अन्य , फल फूल इत्यादि की उपज के लिए सम्पूर्ण उत्तर भारत में विख्यात रहा है । स्वतंत्रता के पश्चात हरिद्वार नगर की जनसंख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई , परिणामस्वरूप विभिन्न समस्याओं जैसे नियंत्रित व अव्यवस्थित विकास, यातायात, मलिन बस्तियां , मिश्रित भू उपयोग संबंधी समस्याओं के नगर को ग्रसित कर लिया । यह समस्याएं नगर के पुराने भाग में अधिक गंभीर थी

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
हरिद्वार पवित्र तीर्थ स्थलों में एक ऐसा स्थान है जहां कुंभ का मेला आयोजित किया जाता है, यह विशाल मेला प्रत्येक बारहवें वर्ष में आयोजित होता है। इसी स्थान पर गंगा पहाड़ों से उतरकर मैदानी भाग में प्रवेश करती है। हरिद्वार का एक महत्वपूर्ण भौगोलिक और आध्यात्मिक महत्व है, जिस कारण इस शहर का नाम पवित्र स्थलों और पहाड़ों से अवतरित होने वाली नदी के स्रोत से जुड़ता है। गंगा के मैदानी इलाकों के साथ-साथ उत्तराखंड के पर्वतों और वहां केपवित्र तीर्थ स्थलों को जाने के लिए यह शहर एक प्रमुख रेल और रोड जंक्शन भी है


Risky Pathak

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 2,502
  • Karma: +51/-0
जैसा की आप जानतें है कि उत्तराखण्ड में १३ जिले है। आईये इन जिलो के तहसीलो के बारे मे जाने


जिला हरिद्वार के अन्तर्गत ३ तहसील है: हरिद्वार, रूड़की, लक्सर

जिला रूद्रप्रयाग के अन्तर्गत ३ तहसील है: रूद्रप्रयाग, उखीमठ, जखोली

जिला बागेश्वर के अन्तर्गत ५ तहसील है: बागेश्वर, कपकोट, गरूड, काण्डा, काफलीगैर

जिला पौड़ी के अन्तर्गत ९ तहसील है: पौड़ी, लैन्सडाउन, कोटद्धार, थलीसैण, धूमाकोट, यमक॓शवर, चोवट्टाखाल, सतपुली, श्रीनगर

जिला पिथौरागढ़ के अन्तर्गत ८ तहसील है: पिथौरागढ़ (सदर), धारचुला, मुनस्यारी, गंगोलीहाट, डीडीहाट, बेरीनाग, देवलथल, कनालीछीना

जिला नैनीताल के अन्तर्गत ८ तहसील है: नैनीताल, हल्द्वानी, कोश्याँकुटोली, धारी, रामनगर, कालाढूगी, बेतालघाट, लालकुआँ

जिला देहरादून के अन्तर्गत ६ तहसील है: देहरादून, चकराता, विकासनगर, त्यूनी, ऋषिकेश, कालसी

जिला टिहरी गढ़वाल के अन्तर्गत ८ तहसील है: टिहरी, प्रतापनगर, घनसाली, देवप्रयाग, नरेन्द्रनगर, धनोल्टी, जाखणीधार, गजा

जिला चमोली के अन्तर्गत ७ तहसील है: चमोली, जोशीमठ, पोखरी, कर्णप्रयाग, गैरसेंण, थराली, घाट

जिला चम्पावत के अन्तर्गत ५ तहसील है: चम्पावत, पाटी, पूर्णागिरी, लोहाघाट, बाराकोट

जिला ऊधम सिह नगर के अन्तर्गत ७ तहसील है: गदरपुर, काशीपुर, किच्छा, सितारगंज, खटीमा, बाजपुर, जसपुर

जिला उत्तरकाशी के अन्तर्गत ६ तहसील है: डुण्डा, भटवाडी, बड़कोट, पुरोला, मोरी, चिन्यालीसौड़

 जिला अल्मोड़ा के अन्तर्गत ९ तहसील है: अल्मोड़ा, द्धाराहाट, रानीखेत, भिकियासैण, सल्ट, चौखुटिया, सोमेश्वर, भनोली, जैती

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22