५-वनों से औद्यौगिक कच्चे माल की उपलब्धि
वनों से स्थानीय तथा बहारी उद्योगों को संचालित करने हेतु कच्चा माल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है !इन वनों से रिंगाल,चीड,बांज,बुरांस,अंगू,पापडी,साल,शीशम,तुन आदि की लकड़ी,डली,टोकरी,कंडी,चटाई,ठेकी,परोठा,परयु,आदि कई घरेलू उपयोग की वश्तुयें बनाने के काम आती है !
भवन निर्माण तथा बार्ह उद्योग के लिए चीड,देवदार,अंगू,शीशम,पापड़ी ,हल्दू,अखरोट पांगर आदि की लकड़ी,रंग वेर्निश व टरपेनटाइन उद्योग के लिए लिसा तथा रेजिन कागज़ उद्योग के लिए रिंगाल,बांस एवं चीड तथा भारतीय रेलों की पटरियों के लिए स्लीपर आदि इन्हीं ही वनों से उपलब्ध होते हैं !