काफल की महक कर रही आकर्षित
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साहिया क्षेत्र में कोठा तारली के जंगल आज कल 'काफल' की खुशबू से महक रहे हैं। भले ही अन्य फलों के रेट आसमान छू रहे हों, ऐसे में फ्री में उपलब्ध काफल का जायका और चटख हो गया है। अपने आप उगने वाले इस पेड़ पर लाल सुर्ख काफल तोड़ने के लिए आज कल जंगल में महिलाएं व बच्चे उमड़ रहे हैं।
काफल अधिकतर मई व जून में बांझ के जंगलों में मिलता है। साहिया क्षेत्र के कोठा तारली, कनबुआ, बोहा, नराया, ककाड़ी, अस्टी, भंजरा व कोरुवा आदि गांवों के जंगल में आज कल काफल तोड़ने वाले युवक युवतियों की भीड़ उमड़ती है। सुबह ही युवक युवतियों की टोली जंगलों में काफल खाने निकल जाती है। मुफ्त के इस फल का स्वाद बेहद लाजवाब है। कोठा तारली के नारायण सिंह, देवी सिंह, पूरण सिंह, दयाराम, अतर सिंह, भाव सिंह, प्रताप सिंह, मातबर सिंह, उपप्रधान खजान सिंह, गांव स्याणा चतर सिंह व सरदार सिंह आदि का कहना है कि काफल पेट के लिए फायदेमंद होता है।
Dainik jagran