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Gairsain: Uttarakhand Capital - गैरसैण मुद्दा : अब यह चुप्पी तोड़नी ही होगी

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:


पहाड़ की आवाज कोई नहीं दबा सकता !

उत्तराखंड आंलोदान के दौरान लोगो ने पहाड़ की आवाज दबाने की कोशिश की लेकिन संभव नहीं था लोगो ने अपना बलिदान दिया और उत्तराखंड राज्य पाया !

फिर से एक बार राजधानी के लिए पहाड़ की जनता की आवाज है "राजधानी गैरसैण और केवल गैरसैण"

यह होके रहेगा !

Mohan Bisht -Thet Pahadi/मोहन बिष्ट-ठेठ पहाडी:


अब सब्र क बाध तूट चुका है... सिर से पानी उपर जा चुका है..  राजधानी की जब बात होगी तो उस्मे...गैरसैण कि बात जरुर आयेगी ... और ये राजधानी गैरसैण ही बनेगी..अब हम सभी जो एक जुट हो के साथ चलना होगा... और तब तक नहि रुकना होगा... जब तक कि राजधानी.. गैरसैण नही बनती...

साथियो... अब एक येसी मसाल जगानी होगी जो तब तक नहि बुझेगी.. जब तक कि गैरसैण राजधानी  नही बन जाती...

अब किसी को भी रुकना नही है..चलते रहना है....

इस के लिये सभी को एक साथ चलना बहुत जरुरी है...

अब बस बहुत हो गया...चलो गैरसैण....

हुक्का बू:
चलो गैरसैंण, हिटो गैरसैंण,
आओ दीदी, आओ भुली,
आओ ईजा, आओ आमा,
चलें अब हम गैरसैंण,
अस्थाई से न अब काम चलेगा,
न कोई गैरसैंण का विकल्प बनेगा,
शहीदों का सपना है ये,
आंदोलन की भावना है यह,
बहुत हो गई राजनीति,
देख ली हमने इसकी परिणिति,
बहुत छले जा चुके, बहलाये जा चुके,
अब यह सब सहन न होगा,
अब हम खुद पहल करेंगे,
हम ही पहले गैरसैंण चलेंगे,
संकल्प हमारा, गैरसैंण,
भावना हमारी, गैरसैंण,
संघर्ष हमारा........................गैरसैंण।
अब एक ही नारा है, एक ही जंग,
ना भाबर ना सैंण, राजधानी सिर्फ गैरसैंण।

dayal pandey/ दयाल पाण्डे:
Wah Bubu kavita madhyamal saarai man baat kai ge chha, ab bhal hai go 28 Aug hain Pakk hitan chhu Gair sain yatra main,
Jai ho Bubu Hukka bubu ki

हेम पन्त:
यो लि कैसि बात कर दि दयाल जी आपने? बुबू जरुर से आयेंगे.. अपनि हुक्का-चिलम और दर्जनों गांव वालों को साथ लेकर भी आयेंगे..

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