हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास : कातिल , क्रूर आतंकी मुस्लिम आक्रांताओं से बचाव करने वाले राजा गांगेयदेव
हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास संदर्भ में उत्तर भारत में कातिल प्रवृति के मुस्लिम क्रूरता व मुस्लिम आतंकवादियों का अधिकार भाग -८
उत्तर भारत में मुस्लिम आतंकवाद का उदय
Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History with reference, the start Muslim Cruelty, Muslim Terrorism in North India - 8
Ancient History of Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History Part - 385
हरिद्वार इतिहास , बिजनौर इतिहास , सहारनपुर इतिहास -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग - ३८५
इतिहास विद्यार्थी ::: आचार्य भीष्म कुकरेती -
क्रूर, प्रजा पीड़क , निर्दयी अमानुस मुस्लिम आतंकियों से भारत में हिन्दू राजा भी कार्यरत थे इनमे कलचुरि नरेश गांगेयदेव व कलचुरि नरेश कर्ण भी प्रमुख थे -
अमानुष , क्रूर , प्रजापीड़क , राक्ष समान आतंकी मुस्लिम आक्रांता नियालतिगिन ने सन १०३४ में बनारस पर धावा बोला (१ ) व प्रजा को पीड़ा पंहुचकर लूटा । तो कलचुरी नरेश (त्रिपुरी ) गांगेयदेव (१०१५ -१०४१ईश्वी ) ने सहसा कांगड़ा पर छापा मारा जिस पर निर्दयी , क्रूर आतंकवादी मुस्लिमों का अधिकार था ९१ व् २ ) ।
सन १०३४ में कर्ण ने कांगड़ा के मुस्लिम आतंकवादी को परास्त किया। कलचुरि नरेश ने आतंवादी मुस्लिमों को भगाने के लिए दिल्ली के तोमर नरेश , परमार नरेश भोज तथा चाहमान नरेश अन्नाहिल का साथ दिया (१ ) ।
कलचुरि नरेशों द्वारा कांगड़ा पर आक्रमण करने का अर्थ है हरिद्वार व सहरानपुर का मार्ग।
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संदर्भ :
१ - शिव प्रसाद डबराल 'चारण ' , उत्तराखंड का इतिहास भाग ३ वीरगाथा प्रेस दुगड्डा , उत्तराखंड , पृष्ठ ४८८
२- गुरुचरण सिंह संधू , २००३ , अ मिलिट्री हिस्ट्री ऑफ़ मेडिवल इंडिया , विजन बुक इण्डिया
Copyright @ Bhishma Kukreti
उत्तरी भारत पर आतंकवादी जाहिल , मुस्लिम, लोक हत्त्यारे मुस्लिम आक्रांताओं के आक्रमण व अधिकार समय उत्तराखंड ;