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History of Haridwar , Uttrakhnad ; हरिद्वार उत्तराखंड का इतिहास
Bhishma Kukreti:
हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास : [b]मुस्लिम आतंकवादियों का सहरानपुर, बिजनौर आदि पर पुनः अधिकार [/b]
हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास संदर्भ में उत्तर भारत में मुस्लिम क्रूरता, निर्दयी , प्रजा पीड़क व मुस्लिम आतंकवादियों का अधिकार भाग -१३
उत्तर भारत में आतंकवादी मुस्लिमों का मुस्लिम आतंकवाद का उदय
Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History with reference, the start Muslim Cruelty, Muslim Terrorism in North India - 13
Ancient History of Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History Part - 391
हरिद्वार इतिहास , बिजनौर इतिहास , सहारनपुर इतिहास -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग - ३९१
इतिहास विद्यार्थी ::: आचार्य भीष्म कुकरेती -
लाहौर से पश्चिम की ओर क्रूर , प्रजापीड़क आतंकवादी मुस्लिमों का अधिकार हो गया था। हिन्दू राजा पुनः अपनी प्राचीन चाल में आ गए व एक दुसरे से लड़ भिड़ने लगे व एक दूसरे को नीचा दिखाने लगे। ऐसे में पुनः मुस्लिम आतंकवादियों ने भारत के पश्चिम उत्तर भाग पर क्रूर आतंकवादी आक्रमण , लूट पात शुरू कर दिया व हिन्दुओं में कोई संगठित अवरोध न होने से १०५१ में आतंकवादी मुस्लिमों ने नगरकोट पर अधिकार कर लिया (१ )।
इन आतंकवादियों ने जालंधर , होशियारपुर , स्रुघ्न ( सहारनपुर ), बुंदेर /जमुनानगर आदि पर अधिकार कर लिया था। और १०७५ तक आगरा , कन्नौज , ुजाएँ पर भी अधिकार कर लिया था। संभवतया बिजनौर भी आतंकवादियों के अधिकार में आ गया था।
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संदर्भ :
१ - दशरथ शर्मा , १९७५ अर्ली चौहान डाइनेस्टीज ऐस चाँद ऐंड कम्पनी पृष्ठ ४४
Copyright @ Bhishma Kukreti
उत्तरी भारत पर आतंकवादी जाहिल , मुस्लिम, लोक हत्त्यारे मुस्लिम आक्रांताओं के आक्रमण व अधिकार समय उत्तराखंड ; मुस्लिम आतंकवाद का प्रसार , आतंकवादी मुस्लिमों द्वारा लूटपाट इतिहास
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हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास : विग्रहराज चाहमान का दक्षिण उत्तराखंड पर अपरोक्ष अधिकार
( संस्कृत विद्यालय व ढाई दिन का झोपड़ा मस्जिद )
हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास संदर्भ में उत्तर भारत में मुस्लिम क्रूरता, निर्दयी , प्रजा पीड़क व मुस्लिम आतंकवादियों का अधिकार भाग -१४
उत्तर भारत में आतंकवादी मुस्लिमों का मुस्लिम आतंकवाद का उदय
Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History with reference, the start Muslim Cruelty, Muslim Terrorism in North India - 14
Ancient History of Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History Part - 392
हरिद्वार इतिहास , बिजनौर इतिहास , सहारनपुर इतिहास -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग - ३९२
इतिहास विद्यार्थी ::: आचार्य भीष्म कुकरेती -
शाकम्भरी नरेश अर्णोराजा (1135 - 1150 CE ) ने अजमेर के निकट ने तुरुष्कों को मार भगाया था। किन्तु चालुक्यों से हार गया था। विकिपीडिया अनुसार उसे उसके एक पुत्र जगदेव ने मरा था।
विग्रहराज चौहमान १०५१ में अपने पिता की राजगद्दी पर बैठा था। उसका कार्य काल 1167 तक रहा था। विग्रहराज ने पूर्व पंजाब से आतंकवादी मुस्लिमों को मार भगाया था।
विग्रहराज सहारनपुर व बिजनौर हरिद्वार पर परोक्ष या अपरोक्ष अधिकार था(शिवालिक स्तम्भ लेख, १ ) । . डा डबराल (२ ) का अनुमान है उत्तराखंड राजा विग्रह राज को उपनयन देते थे।
विग्रह राज राजा भोज की भांति विद्वान् व विद्वान् ाश्रयी था। विग्रह राज चौहमान ने अजमेर में एक संस्कृत विद्यालय की स्थापना की थी जिसे मुस्लिम आतंकवादियों ने तोड़ा व मस्जिद बना डाला जिसे ढाई दिन का झोपड़ा भी कहते (१ )हैं।
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संदर्भ :
१- दशरथ शर्मा १९५९ अर्ली चौहान डाइनेस्टीज , मोतीलाल बनारसी दास , पृष्ठ ४३ , ४४
२ - शिव प्रसाद डबराल 'चारण ' , उत्तराखंड का इतिहास भाग ३ वीरगाथा प्रेस दुगड्डा , उत्तराखंड , पृष्ठ ४९१
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उत्तरी भारत पर आतंकवादी जाहिल , मुस्लिम, लोक हत्त्यारे मुस्लिम आक्रांताओं के आक्रमण व अधिकार समय उत्तराखंड ; मुस्लिम आतंकवाद का प्रसार , आतंकवादी मुस्लिमों द्वारा लूटपाट इतिहास
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हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास : चाहमान नरेश प्रीति राज तृतीय का दक्षिण उत्तराखंड पर अधिकार
हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास संदर्भ में उत्तर भारत में मुस्लिम क्रूरता, निर्दयी , प्रजा पीड़क व मुस्लिम आतंकवादियों का अधिकार भाग -१५
उत्तर भारत में आतंकवादी मुस्लिमों का मुस्लिम आतंकवाद का उदय
Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History with reference, the start Muslim Cruelty, Muslim Terrorism in North India - 15
Ancient History of Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History Part - 393
हरिद्वार इतिहास , बिजनौर इतिहास , सहारनपुर इतिहास -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग - ३९३
इतिहास विद्यार्थी ::: आचार्य भीष्म कुकरेती -
पृथ्वी राज तृतीय का शासन काल ( ११७७- ११९२ ) मन जाता है। उसे अजमेर का शासन ११७७ में मिला। ११७८ में आतंकवादी , क्रूर , बिधर्मियों को मौत के घात उतरने वाली कौम के नरेश मुहमद गौरी ने गुजरात पर आतंकवादी आक्रमण किया। जैसा कि मुस्लिम संस्कृति थी गौरी ने प्रजा पीड़क मार्ग ही अपनाये। वः पक्का मुस्लिम था जो काफिरों को जिन्दा नहीं छोड़ता था। हिंदी फिल्मों में लगभग गलत दर्शाया जाता की मुस्लिम ईमान पर विश्वास करते हैं व दयालु होते हैं गजनवी , गौरी , खिलजी ने प्रमाण दिया मुस्लिम आतंकवादी होते थे और पकिस्तान भी यही साबित क्र रहा है। आतंकवादी मुस्लिम मुहमद गोरी ने ११७८ में पंजाब पर प्रजा पीड़न, क्रूरता व आतंकवाद का सहारा लेकर अधिकार कर डाला। पृथ्वी राज तृतीय की सीमा पर ही आतंवादी मुस्लिम गौरी की सीमा लगती थी।
पूर्व की ओर दयालु हिन्दू पृथ्वी राज का राज पंजाब से प्राचीन ब्रिटिश मेरठ कमिश्नरीसे राम गंगा तक था। गंगा यमुना मध्य तोमरों का अधिकार हो चला था जो बाद में पृथ्वी राज के अंतर्गत आ गया। आतंकवादी मुस्लिम गौरी ने ११९१ चौहान राज पर आक्रमण किया किन्तु हरा दिया गया।
पृथ्वी राज चहुआन अन्य हिन्दू राष्ट्रों के अधिकार हनन में लग गया और अंत में ११९२ में गौरी द्वारा कैद क्र लिया गया व उसकी हत्त्या कर दी गयी। अस्तु आतंकवादी गौरी का अजमेर व दिल्ली पर अधिकार हो गया। यहीं से हरिद्वार , सहारनपुर व बिजनौर पर आतंकवादी मुस्लिमों के अधिकार की शुरुवात हुयी।
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संदर्भ :
१- दशरथ शर्मा १९५९ अर्ली चौहान डाइनेस्टीज , ऐस चाँद कम्पनी पृष्ठ ६९
२ - शिव प्रसाद डबराल 'चारण ' , उत्तराखंड का इतिहास भाग ३ वीरगाथा प्रेस दुगड्डा , उत्तराखंड , पृष्ठ -४९२
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उत्तरी भारत पर आतंकवादी जाहिल , मुस्लिम, लोक हत्त्यारे मुस्लिम आक्रांताओं के आक्रमण व अधिकार समय उत्तराखंड ; मुस्लिम आतंकवाद का प्रसार , आतंकवादी मुस्लिमों द्वारा लूटपाट इतिहास
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हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास : गुलाम वंश की दासता का प्रसार
हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास संदर्भ में उत्तर भारत में मुस्लिम क्रूरता, निर्दयी , प्रजा पीड़क व मुस्लिम आतंकवादियों का अधिकार भाग -१६
उत्तर भारत में आतंकवादी मुस्लिमों का मुस्लिम आतंकवाद का उदय
Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History with reference, the start Muslim Cruelty, Muslim Terrorism in North India - 16
Ancient History of Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History Part - 394
हरिद्वार इतिहास , बिजनौर इतिहास , सहारनपुर इतिहास -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग - ३९४
इतिहास विद्यार्थी ::: आचार्य भीष्म कुकरेती -
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आतंकवादी मुस्लिम मुहम्मद गौरी ने भारत का भार अपने कारिंदे /गुलाम कुत्तुबदीन को सौंपकर गजनी चला गया। कातिल आतंकवादी मुस्लिम कुत्तुबदीन ने शीघ्र ही मेरठ पर अधिकार कर लिया व कुत्तुबदीन (शासन कल १२०६ - १२१० ) गुलाम वंश का शुरुवाती शासक था।
आतंकवादी मुस्लिम कुत्तुबदीन ने मेरठ के बाद अलीगढ़ पर अधिकार किया व बनारस व बाद में ग्वालियर व बाहरवाल व कालिंजर पर अधिकार किया।
१२०८ में आतंकवादी मुस्लिम गुलाम गयासुद्दीन सुल्तान बना व गुलामी नाम बंद हुआ।
कातिल , क्रूर जाहिल आतंकवादी, गंवार अनपढ़ मुस्लिम कुत्तुबदीन ने दिल्ली में विशु मंदिर ध्वस्त कर 'कुब्बुत- उल - -इस्लाम व अजमेर में संस्कृत विद्यालय उजाड़ कर के स्थान में ढाई दिन का झोपड़ा मस्जिद निर्मित किया।
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संदर्भ :
१ - शिव प्रसाद डबराल 'चारण ' , उत्तराखंड का इतिहास भाग ३ वीरगाथा प्रेस दुगड्डा , उत्तराखंड , पृष्ठ ४९३
Copyright @ Bhishma Kukreti , 2022
उत्तरी भारत पर आतंकवादी जाहिल , मुस्लिम, लोक हत्त्यारे मुस्लिम आक्रांताओं के आक्रमण व अधिकार समय उत्तराखंड ; मुस्लिम आतंकवाद का प्रसार , आतंकवादी मुस्लिमों द्वारा लूटपाट इतिहास
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हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास : मुस्लिम आतंकवाद के कारण मैदानों से पहाड़ों की ओर पलायन
हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास संदर्भ में उत्तर भारत में मुस्लिम क्रूरता, निर्दयी , प्रजा पीड़क व मुस्लिम आतंकवादियों का अधिकार भाग -१७
उत्तर भारत में आतंकवादी मुस्लिमों का मुस्लिम आतंकवाद का उदय
Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History with reference, the start Muslim Cruelty, Muslim Terrorism in North India - 17
Ancient History of Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History Part - 395
हरिद्वार इतिहास , बिजनौर इतिहास , सहारनपुर इतिहास -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग - ३९५
इतिहास विद्यार्थी ::: आचार्य भीष्म कुकरेती -
मुहम्मद गज्नवयी , गौरी सभी आतंकवादी व जाहिल व शिक्षा , सही संस्कार व मानव विरोधी थे। ये मुस्लिम राजा जन्मजात व ये मुस्लिम आतंकवादी राजाओं ही नहीं प्रजा को पीड़ित करते थे। उत्तर भारत में गौरी , गजनवी व तट पश्चात आतंकवादी मुस्लिम राजाओं के राज में प्रजा पीड़न , प्रजा के धर्म प्रतीकों का विखंडन व मानव समाज पर काटिलियना हमला होता ही रहा यह मुस्लिम आतंकवादी कार्य बहादुर शाह जफर तक चलता ही रहा। ये आतंकवादी मुस्लिम प्रजा को काटते थे व ाटबक फैलाते थे , जबरन धर्म परिवर्तन करवाते थे।
उत्तर भारत में ही नहीं कातिल मुस्लिम , आतंकवाद व जबरन धर्म परिवर्तन से दूर होने हेतु मैदानों से मानव पहाड़ों की शरण में आने लगे व आधुनिक उत्तराखंड की नींव इन्ही हिन्दुओं ने रखी।
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संदर्भ :
१ - शिव प्रसाद डबराल 'चारण ' , उत्तराखंड का इतिहास भाग ३ वीरगाथा प्रेस दुगड्डा , उत्तराखंड , पृष्ठ ४९३
Copyright @ Bhishma Kukreti , 2022
उत्तरी भारत पर आतंकवादी जाहिल , मुस्लिम, लोक हत्त्यारे मुस्लिम आक्रांताओं के आक्रमण व अधिकार समय उत्तराखंड ; मुस्लिम आतंकवाद का प्रसार , आतंकवादी मुस्लिमों द्वारा लूटपाट इतिहास
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