हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास : तोमर राजा महीपाल का हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर पर अधिकार
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हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास संदर्भ में तोमर वंश राज्य -२
Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History with reference, Tomar Dynasty -
Ancient History of Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History Part - २
हरिद्वार इतिहास , बिजनौर इतिहास , सहारनपुर इतिहास -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग - 2
इतिहास विद्यार्थी ::: आचार्य भीष्म कुकरेती
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राजा महीपाल तोमर वंश में सबसे शक्तिशाली राजा हुआ है। महमूद गजनी ने १००१ -१०२५ तक भारत वर्ष पर धावे बोले और सोमनाथ व कान्यकुब्ज को लूटा। यमुना पश्चिम के क्षेत्र को अपने राज्य में मिला लिया। गजनी व उत्तराधिकारी प्रजापीड़क , मानव हत्त्यारे व आतंकवादी थे व प्रजा को पीड़ा पंहुचने वाले थे। आतंक इनका जन्मजात गुण था। सर्वत्र घोर अराजकता प्रसारित हो चुकी थी।
तोमर नरेश महीपाल ने १०४३ तक परमार भोज व अनहिल चौहमान की सहायता से उत्तर भारत से जन्मजात , धार्मिक अंधेपन के आतंकवादी मुस्लिमों से स्वतंत्र करवाने में सफल रहे।
महिपाल व साथियों ने हांसी , नगरकोट , थानेश्वर के दुर्गों में मानववाद विरोधी , जन्मजात आतंकवादी , निर्मम हत्त्यारे , प्रजापीड़क मुस्लिम सैनिकों को खदेड़ा (१ )। नगरकोट में मंदिर का पुनर्जिवितीकरण किया व देव मूर्ति पुनः स्थापित किया। पंजाब के बड़े भाग को आतंकवादी मुस्लिमों से स्वतंत्र कराया।
महिपाल व चाहमानों में शत्रुता
पंजाब पर अधिकार से महीपाल का सम्मान बढ़ गया। दक्षिण में तोमर राज्य की सीमा शाकम्भरी के चौहमान राज्य से सटी थी। उन दोनों में सीमा विवाद के कारण द्वेषाग्नि बढ़ गयी जो बाद में जन्मजात आतंकवादी मुस्लिमों हेतु वरदान सिद्ध हुआ।
तोमरनरेश महीपाल का हरिद्वार, बिजनौर व सहारनपुर पर अधिकार
कन्निंघम अनुसार (एसियाटिक एपिग्रफी परइ २६२ ) महीपाल ने गढ़ देस पर भी अधिकार किया और उसके अंतिम काल में मायापुर -हरिद्वार , व यमुना के पूर्व में स्रुघ्न (सहरानपुर भाग ) मण्डलपुर आदि में था। इन स्थानों में तोमर नरेशों के मुद्राएं प्रचुर मात्रा में मिली हैं (रतूड़ी , गढ़वाल का इतिहास पृष्ठ २३८ ) .
References-
संदर्भ
१- शिव प्रसाद डबराल चारण , उत्तराखंड का इतिहास भाग ४ , गढ़वाल का इतिहास , वीरगाथा प्रेस दुगड्डा , उत्तराखंड , भारत , पृष्ठ -७१ -७२
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हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास : तोमर वंश परिपेक्ष्य में हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर इतिहास, तोमर वंश व सहारनपुर इतिहास , बिजनौर इतिहास व तोमर राज्य इतिहास