History Aspects- Parshuram Era in context History of Haridwar, History of Bijnor and History of Saharanpur
हरिद्वार, बिजनौर , सहारनपुर इतिहास संदर्भ में परशुराम युग
History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur Part --65
हरिद्वार, बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास -भाग -65
इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती
दो शताब्दियों तक परशुराम युग में सूर्यवंश की शक्ति क्षीण हो गयी। पुरुवंशियों में भी कोई बलशाली राजा नही हुआ। इस युग में सुर्यवँशियों में सगर व पुरुवसंहियों में दुष्यंत अधिक प्रसिद्ध राजा हुए।
कार्तवीर्य अर्जुन अथवा सहस्त्रार्जुन
हैहय वंश में कृतवीर्य का पुत्र कार्तवीर्य अर्जुन , सहस्त्रवाहु अर्जुन या सहस्त्रार्जुन एक वीर , प्रसिद्ध , नारियों का संरक्षक , दानी , शक्तिशाली , पशुपालक राजा हुआ . उसका राज्य सौराष्ट्र , मालवा , मध्यदेश , मध्यप्रदेश , राजस्थान , पंजाब , नर्मदा क्षेत्र तक फैला था। जिसने लंका नरेश रावण को भी कैद में रखा था। उसकी राजधानी महिष्मतीनगर में थी। उसका राज्य उत्तरपश्चमी सीमान्त तक फैली थी व उसकी सेना में शक , यवन , कम्बोज , पारद , पल्हवा सैनिक भी थे।
परशुराम
जिन दिनों सहस्त्रार्जुन उत्तरभारत में अपना राज्य फैला रहा था , भृगुवंशियों का उत्पाटन कर रहा था उस समय भृगु वंश में जमदग्नि का पराक्रमी पुत्र , तपस्वी , विष्णु अवतार परशुराम पैदा हुआ। वैशाली , विदेह, काशी , कान्यकुब्ज , व अयोध्या नरेशों को संगठित कर परशुराम ने सहस्त्रार्जुन को हराया और उसे मार डाला। सहस्त्रार्जुन के सैनिकों ने परशुराम के पिता जमदग्नि को मर डाला। उत्तर भारत में सहस्त्रार्जुन से सैनिकों के साथ परशुराम को २१ युद्ध लड़ने पड़े। प्रत्येक युद्ध में परशुराम विज्ञ्यी हुए। परशुराम ने उत्तर भारत को हैहय व आयुधजीवियों से मुक्त कराया ।
** संदर्भ - ---
वैदिक इंडेक्स
डा शिव प्रसाद डबराल , उत्तराखंड इतिहास - भाग -२
राहुल -ऋग्वेदिक आर्य
मजूमदार , पुसलकर , वैदिक एज
घोषाल , स्टडीज इन इंडियन हिस्ट्री ऐंड कल्चर
आर के पुर्थि , द एपिक सिवलीजिसन
Copyright@ Bhishma Kukreti Mumbai, India 23 /2/2015
Contact--- bckukreti@gmail.com
History of Haridwar to be continued in हरिद्वार का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास; बिजनौर इतिहास, सहारनपुर इतिहास -भाग 66
History Aspects- Parushram Era in context History of Haridwar, History of Bijnor and History of Saharanpur to be continued ...
History of Kankhal, Haridwar, Uttarakhand ; History of Har ki Paidi Haridwar, Uttarakhand ; History of Jwalapur Haridwar, Uttarakhand ; History of Telpura Haridwar, Uttarakhand ; History of Sakrauda Haridwar, Uttarakhand ; History of Bhagwanpur Haridwar, Uttarakhand ; History of Roorkee, Haridwar, Uttarakhand ; History of Jhabarera Haridwar, Uttarakhand ; History of Manglaur Haridwar, Uttarakhand ; History of Laksar; Haridwar, Uttarakhand ; History of Sultanpur, Haridwar, Uttarakhand ; History of Pathri Haridwar, Uttarakhand ; History of Landhaur Haridwar, Uttarakhand ; History of Bahdarabad, Uttarakhand ; Haridwar; History of Narsan Haridwar, Uttarakhand ;History of Bijnor; History of Nazibabad Bijnor ; History of Saharanpur;
History of Nakur , Saharanpur; History of Deoband, Saharanpur; History of Badhsharbaugh , Saharanpur; कनखल , हरिद्वार का इतिहास ; तेलपुरा , हरिद्वार का इतिहास ; सकरौदा , हरिद्वार का इतिहास ; भगवानपुर , हरिद्वार का इतिहास ;रुड़की ,हरिद्वार का इतिहास ; झाब्रेरा हरिद्वार का इतिहास ; मंगलौर हरिद्वार का इतिहास ;लक्सर हरिद्वार का इतिहास ;सुल्तानपुर ,हरिद्वार का इतिहास ;पाथरी , हरिद्वार का इतिहास ; बहदराबाद , हरिद्वार का इतिहास ; लंढौर , हरिद्वार का इतिहास ;बिजनौर इतिहास; नगीना , बिजनौर इतिहास; नजीबाबाद , नूरपुर , बिजनौर इतिहास;सहारनपुर इतिहास
स्वच्छ भारत ! स्वच्छ भारत ! बुद्धिमान भारत